लोकसभा में सोमवार को वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष को सदन की मर्यादा बनाए रखने की कड़वी नसीहत दी. संसद में हमेशा शांत और गंभीर रहने वाले राजनाथ सिंह उनके भाषण के दौरान विपक्ष की टोकाटाकी और किसी विपक्षी सदस्य की ओर से बैठ जाने की बात कहे जाने से नाराज हो गए. उन्होंने तुरंत ही विपक्ष को आड़े हाथों लिया
राजनाथ सिंह ने कड़े स्वर में कहा, कौन बैठाने वाला है, कौन बैठाएगा. क्या बात करते हैं, बैठ... ये हिम्मत हो गई है. अध्यक्ष जी इनको रोकिए. हमारे साथ ही थे. हालांकि विपक्ष को डांट पिलाने के साथ तुरंत ही राजनाथ सिंह ने आसन की ओर रुख किया. राजनाथ सिंह ने कहा,संसद में कोई चाहे जो बोले, सच बोले या सच से परे बोले, लेकिन शोरशराबा नहीं मचाना चाहिए. खड़े होकर बाद में जब भी अवसर मिले तो इसका प्रतिकार कर सकते हैं. मैंने हमेशा संसद की मर्यादा का ध्यान रखा है. मैंने कभी संसद की मर्यादा नहीं तोड़ी.
#Watch | "Kaun Baithayega?" : Union Defence Minister Rajnath Singh Loses Cool At Opposition MPs During 'Vande Mataram' Debate In Lok Sabha pic.twitter.com/0t7xi62uEI
— NDTV (@ndtv) December 9, 2025
राजनाथ सिंह ने कहा कि वंदे मातरम् के साथ अन्याय कोई अलग-थलग वाकया नहीं था. यह तुष्टीकरण की राजनीति का आगाज थी. कांग्रेस की इसी राजनीति ने देश का विभाजन कराया. राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सच स्वीकार करना पड़ेगा. आजाद भारत में राष्ट्र गान और राष्ट्र गीत को एक समान दर्जा देने की बात थी, लेकिन इसे खंडित किया गया.इसका गौरव लौटाना वक्त की मांग और नैतिकता का तकाजा है.
वंदे मातरम और बंकिमचंद्र चटर्जी की पुस्तक आनंद मठ कभी भी इस्लाम के खिलाफ नहीं थी. आज पश्चिम बंगाल से बहुत से परिवारों को पलायन करना पड़ रहा है और ऐसा तृणमूल कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति, घुसपैठियों को शरण देने की राजनीति के कारण हुआ है.
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