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This Article is From Oct 16, 2017

आरुषि के नाम से अस्पताल खोलेंगे राजेश और नूपुर तलवार, जेल में कमाया मेहनताना लेने से इनकार

वहीं वार्डन पुष्पा शर्मा ने बताया कि नूपुर हमेशा कहती हैं कि बेटी आरुषि के नाम पर अस्पताल खोलेंगी, जहां गरीबों का मुफ्त में इलाज होगा.

आरुषि के नाम से अस्पताल खोलेंगे राजेश और नूपुर तलवार, जेल में कमाया मेहनताना लेने से इनकार
राजेश और नूपुर तलवार आरुषि के नाम पर खोलेंगे अस्पताल
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तलवार दंपति का जेल में कमाया मेहनताना लेने से इनकार
आरुषि के नाम से अस्पताल खोंलेगे
गरीब लोगों का यहां किया जाएगा मुफ्त में इलाज
नई दिल्ली: राजेश और नुपूर तलवार ने डासना जेल से कमाया मेहनताना लेने से इनकार कर दिया है. साथ ही हर 15 दिनों पर वे कैदियों का इलाज करने डासना जेल आते रहेंगे. यह जानकारी डासना जेल के अधीक्षक दधिराम मार्य ने दी. वहीं वार्डन पुष्पा शर्मा ने बताया कि नूपुर हमेशा कहती हैं कि बेटी आरुषि के नाम पर अस्पताल खोलेंगी, जहां गरीबों का मुफ्त में इलाज होगा. तलवार दंपति की रिहाई शुक्रवार को ही होनी थी पर हाइकोर्ट के आदेश की कॉपी उस दिन समय पर गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत नहीं पहुंच पाई, तो रिहाई के आदेश नहीं हुए. 

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2008 में नोएडा में तलवार दंपति के घर पर बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या कर दी गई. 2013 में गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने तलवार दंपति को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई, जिसे इन लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जहां सबूत के अभाव में इन दोनों को बरी करने के आदेश हुए.  

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  • राजेश तलवार ने जेल में बतौर सजायाफ्ता कैदी के तौर पर 3 साल 10 महीने 21 दिन काटे
  • वहीं विचाराधीन कैदी के तौर पर 1 महीने 20 दिन गुजारे
  • नुपूर तलवार 3 साल 6 महीने 22 दिन सजायाफ्ता कैदी के तौर पर काटे और
  • विचाराधीन के तौर पर 4 महीने 26 दिन जेल में गुजारे.
जेल के एक अधिकारी ने बताया कि तलवार दंपति जेल से बाहर निकलने का इंतजार कर रहे हैं और बाहर निकलते ही उनके मीडियाकर्मियों से घिरने की संभावना है. उन्होंने बताया कि तलवार दंपति ने जेल के अंदर मरीजों की सेवाओं के लिये मिलने वाला अपना पारिश्रमिक लेने से ‘इनकार’ कर दिया है. जेल अधीक्षक डी. मौर्य ने बताया कि इस दौरान उन्होंने करीब 49,500 रुपये कमाये हैं.

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