New Delhi:
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों की दया याचिका राष्ट्रपति ने ठुकरा दी है। एलटीटीए के तीन आतंकियों मुर्गन, संथन और पेरारिवलन को राजीव गांधी की हत्या के आरोप में 1999 में मौत की सज़ा सुनाई गई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी इनकी मौत की सजा पर मुहर लगाई। इन तीनों ने राष्ट्रपति से माफी की गुहार की थी लेकिन पिछले हफ्ते राष्ट्रपति ने उनकी याचिका खारिज कर दी। राजीव गांधी की हत्या 21 मई 1991 को तमिलनाडु में कर दी गई थी। राजीव गांधी वहां चुनाव प्रचार के सिलसिले में गए थे। जब वो मंच की तरफ बढ़ रहे थे तभी अचानक एक धमाका हुआ जिसमें राजीव गांधी समेत 14 लोगों की मौत हुई थी। जांच में पता चला कि हत्या में एलटीटीई का हाथ था और धानु नाम की सुसाइड बंबर ने इसे अंजाम दिया था। हत्या की जांच स्पेशल इंन्वेस्टिगेशन टीम को सौंपी गई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चार लोगों को मौत की सजा सुनाई थी।
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