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This Article is From Aug 30, 2011

राजीव गांधी के हत्यारों की फांसी पर रोक

चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का षड्यंत्र रचने के दोष में मृत्युदंड पाने वाले तीन अपराधियों की सजा पर मंगलवार को अंतरिम रोक लगा दी। उन्हें नौ सितम्बर को फांसी दी जानी थी। तीनों दोषियों ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील द्वारा 11 अगस्त को दया याचिका ठुकराए जाने के बाद सोमवार को मृत्युदंड की अपनी सजा को आजीवन कारावास में बदलने के लिए याचिका दायर की थी। अदालत में उनकी पैरवी वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी कर रहे हैं। मुरुगन उर्फ श्रीहरन, सनथन उर्फ सुथेंद्रराजा और एजी पेरारिवलन उर्फ अरिवु की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय उन्हें फांसी देने पर अंतरिम रोक लगा दी। अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया है और आठ सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। ये तीनों लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) से सम्बंधित है। अदालत में सुनवाई के दौरान पेरारिवलन की ओर से राम जेठमलानी ने कहा कि राष्ट्रपति ने 11 साल बाद दया याचिका ठुकराई। इतनी देरी प्रथम दृष्टया गलत है। उन्होंने कहा कि इस देरी पर नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए। इससे पहले दया याचिकाओं के त्वरित निपटारे की अपील करते हुए राम जेठमलानी ने कहा था कि यदि इसमें दो साल की देरी होती है तो मृत्युदंड आजीवन कारावास में बदल जाएगा। यह प्रावधान बाद में बदल दिया गया।

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