Rajasthan Crisis Update: राजस्थान का सियासी घटनाक्रम फिल्म की तरह से तेजी से बदलता जा रहा है. गहलोत सरकार में बगावत करने के बाद अब राजस्थान कांग्रेस दो फाड़ हो चुकी है. गहलोत बनाम पायलट का सियासी युद्ध अब कोर्ट की दहलीज पर पहुंच चुका है. गुरुवार को पायलट खेमे की ओर से विधानसभा स्पीकर के नोटिस के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट का रुख किया गया. कोर्ट में कुछ का दरवाजा खटखटाया गया. नोटिस को रद्द करने की मांग की गई. आज दोपहर एक बजे इस मामले पर फिर से सुनवाई होगी. अब जब तक इस मामले की सुनवाई होगी तब तक बागी विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है. सचिन पायलट की तरफ से हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी पक्ष रख रहे हैं तो वहीं गहलोत सरकार की तरफ से अभिषेक मनु सिंधवी पैरवी कर रहे हैं.
सचिन पायलट लगातार खुद को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने की मांग करते रहे और जब तक उनकी यह मांग मान नहीं ली जाती, उन्होंने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलने तक से इनकार कर दिया. प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबी सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों को कांग्रेस की ओर से अयोग्य ठहराए जाने संबंधी नोटिस पर चुनौती देने वाली याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को फिर से सुनवाई की जाएगी. नोटिसों पर प्रस्तावित कार्रवाई मंगलवार तक बढ़ा दी गई है. मामले में अगली सुनवाई सोमवार 10 बजे जारी रहेगी.
राजस्थान का सियासी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है. सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बागी तेवर अपना रहे सचिन पायलट के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने सख्त रुख अपनाते हुए राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और राज्य के पार्टी अध्यक्ष पद से बेदखल कर दिया था. पूर्व उप मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट को प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ बातचीत के तीन घंटे बाद बर्खास्त कर दिया गया.