प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की ओर से एक सरकारी कार्यक्रम में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की प्रशंसा किए जाने को कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने बेहद जरूरी डेवलपमेंट करार दिया है. पायलट ने कहा कि पार्टी को इस घटनाक्रम को हल्के में नहीं लेना चाहिए.पायलट ने कहा, "प्रधानमंत्री ने संसद में इसी तरह गुलाम नबी आजाद की तारीफ की थी. हमने देखा कि इसके बाद क्या हुआ." गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है.
यहां संवाददाताओं से बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा, "हम सभी ने मानगढ़ धाम की यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से की गई प्रशंसा को देखा. हम सभी ने इसी तरह की चीजें पहले भी देखी थीं जब पीएम ने पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद की उनके 'फेयरवेल डे' पर तारीफ की थी. हर कोई जानता है कि उसके बाद क्या हुआ. यह एक रोचक घटनाक्रम है और इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. " पीएम मोदी ने मंगलवार को राजस्थान के मानगढ़ धाम की यात्रा की थी और वहां एक कार्यक्रम में सीएम गहलोत के साथ मंच शेयर किया था.
गहलोत ने अपने भाषण में कहा था, "जब पीएम मोदी विदेश जाते हैं तो उन्हें बहुत सम्मान मिलता है क्योंकि वे गांधी के देश के प्रधानमंत्री हैं जहां लोकतंत्र की जड़ें बेहद गहरी हैं. दुनिया को जब पता चलता है कि तो उन्हें गर्व होता है कि उस देश के पीएम उनके पास आ रहे हैं. "कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने गुजरात के सीएम के तौर पर अपने पुराने दिनों को याद किया. उन्होंने कहा, "अशोक गहलोत जी और मैंने, सीएम के तौर पर साथ काम किया है. वे हमारे समय के सीएम में सबसे सीनियर थे. वे अभी भी मंच पर बैठे लोगों में सबसे वरिष्ठ सीएम में से एक हैं."
पायलट ने यह भी कहा कि अब समय आ गया था जब अनुशासनहीनता के खिलाफ कार्रवाई की जाए. उन्होंने राजस्थान के 'बागी' विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. सचिन पायलट ने कहा जिन विधायकों को नोटिस दिया गया है, उन्हें अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा जाना चाहिए. कांग्रेस एक पुरानी पार्टी है. मैं पार्टी के नए अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन खरगे) से अनुशासनहीनता के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आग्रह करता हूं. उन्होंने कहा “कांग्रेस एक पुरानी पार्टी है, जिसमें सभी के लिए समान नियम हैं, चाहे वह कितना भी वरिष्ठ क्यों न हो. मुझे यकीन है कि नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कार्रवाई करेंगे. यह उल्लेख करते हुए कि राज्य में 13 महीने में मतदान होने हैं, उन्होंने कहा कि पार्टी पर्यवेक्षक केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि "राजस्थान की स्थिति" पर भी जल्द ही निर्णय लिया जाएगा.
बता दें, गहलोत के वफादार नेताओं को 25 सितंबर को जयपुर में मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के विधायकों की समानांतर बैठक करने के बाद नोटिस जारी किए गए थे. यह नोटिस, पर्यवेक्षक बनकर आये अजय माकन और मल्लिकार्जुन खरगे की रिपोर्ट के बाद जारी किये गये थे.
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