कांग्रेस (Congress) ने कहा है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी राजस्थान के मुख्यमंत्री के बारे में एक-दो दिन में फैसला ले लेंगी. इसके बाद सभी की निगाहें राजस्थान पर टिकी हैं, हालांकि अशोक गहलोत ने कहा कि उनके लिए पद कोई मायने नहीं रखता और वह पार्टी को मजबूत बनाना चाहते हैं. इससे पहले दिन में, गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना समर्थन दिया और इसके तुरंत बाद अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली. गहलोत ने खड़गे का प्रस्तावक बनने के बाद संवाददाताओं से कहा, 'मेरे लिए, कोई पद महत्वपूर्ण नहीं है. देश में कांग्रेस को मजबूत बनाने की जरूरत है और हर भारतीय ऐसा कह रहा है.'
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने सोनिया गांधी से भेंट के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश की, गहलोत ने इसका कोई सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं गांधी परिवार के आशीर्वाद से पिछले 50 वर्ष से कई पदों पर रहा हूं. इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी ने मुझे अपना आशीर्वाद दिया. मेरे लिए पद मायने नहीं रखता बल्कि यह मायने रखता है कि पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए. मैं इसके लिए हरसंभव कोशिश करूंगा.''
उन्होंने कहा, 'अगर मैं अभी कोई पद छोड़ता हूं, तो कहा जाएगा कि जब कांग्रेस संकट से गुजर रही है तो अशोक गहलोत भाग रहे हैं... मैं वही करूंगा जो आलाकमान कहेगा.'
गहलोत ने जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने और संबंधित घटनाक्रम के लिए बृहस्पतिवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर माफी मांगी थी और कहा कि वह अब अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे.
राजस्थान से जुड़े सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के संदर्भ में सोनिया गांधी अगले एक-दो दिन में फैसला करेंगी.
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