राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों के लिए 25 नवंबर (शनिवार) को वोटिंग (Rajasthan Assembly Elections 2023) है. चुनाव में इसबार बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच मुख्य मुकाबला है. कुछ बागी नेता और 6 छोटी पार्टियां भी चुनावी मैदान में हैं. छोटी पार्टियां और बागी, ये सभी बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों को चुनौती दे रहे हैं. आइए जानते हैं कि राजस्थान चुनाव (Rajasthan Voting) में बीजेपी-कांग्रेस के सामने छोटी पार्टियों की क्या हैसियत है और वो बीजेपी-कांग्रेस का चुनावी गणित कैसे और कितना बिगाड़ सकते हैं:-
राजस्थान के वोटर्स 1998 के विधानसभा चुनावों के बाद से 'हर पांच साल बाद सरकार बदलते रहे हैं. एक बार बीजेपी, एक बार कांग्रेस की सरकार बनी है. हालांकि, छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 200 सीटों वाले विधानसभा में 100 के जादुई आंकड़े को पार करने के लिए अपना महत्वपूर्ण समर्थन दिया है.
पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश के छोटे दलों को करीब 12 फीसदी वोट मिले थे. इसलिए ये छोटे दल दोनों प्रमुख पार्टी कांग्रेस और बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं. ये पार्टियां जिसे ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी, वह 2023 की रेस में उतना ही पिछड़ता चला जाएगा. पिछले चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों में सिर्फ आधी फीसदी वोटों का मामूली अंतर रहा था.
ये छोटी पार्टियां कर सकती हैं खेल
राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी (BSP), आजाद समाज पार्टी (ASP), इंडियन ट्राइबल पार्टी (ITP), AIMIM ने उम्मीदवार उतारे हैं. हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (NDP), आम आदमी पार्टी (AAP), बीटीपी से अलग होकर बनी बीएपी, अभय चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP), शिवसेना शिंदे गुट ने भी प्रत्याशी उतारे हैं.
छोटे दलों की अहमियत
वैसे तो राजस्थान के चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर है. लेकिन चुनावी विश्लेषक बताते हैं कि 200 सीटों में से 50 सीटों पर बागी उम्मीदवारों और छोटे दल असर डाल सकते हैं. ऐसे में चाहे कांग्रेस हो या फिर बीजेपी... दोनों की नजर इन छोटे दलों पर टिकी है. क्योंकि नतीजे अगर मनमाफिक नहीं आए, तो छोटे दलों के हाथ में सत्ता की चाबी आ जाएगी. 2013 में बीजेपी को बंपर बहुमत मिला था. लिहाज़ा छोटे दलों की भूमिका जीरो हो गई थी. लेकिन 2018 में तस्वीर अलग थी.
2013 और 2018 में छोटे दलों के खाते में कितनी सीटे आईं?
पार्टी 2013 2018
बीजेपी 163 73
कांग्रेस 21 100
निर्दलीय 07 13
बीएसपी 03 06
आरएलटीपी 00 03
बीटीपी 00 02
सीपीएम 00 02
आरएलडी 00 01
एनपीईपी 04 00
एनयूजेडपी 02 00
बेशक सीटें पूरी कहानी नहीं कहती. चुनाव में वोट प्रतिशत भी बहुत मायने रखता है. कई बार वोट शेयर सत्ता समीकरणों को बिगाड़ और बना सकता है. यही वजह है कि निर्दलीय और छोटे दलों की अहमियत बढ़ जाती है.
छोटे दलों का वोट शेयर
निर्दलीय 9.47
बीएसपी 4.03
आरएलपी 2.40
सीपीएम 1.22
बीटीपी 0.72
अन्य 3.79
महिला वोटर किसके साथ?
राजस्थान में सबकी नजरें महिला मतदाताओं पर हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए कई वादे किए हैं. आंकड़ें यह भी बता रहे हैं कि राजस्थान में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से लगातार बढ़ रही है. राजस्थान में कुल 5.27 करोड़ मतदाता हैं. इनमें 2.52 करोड़ महिलाएं हैं. यह आंकड़ा कुल मतदाताओं का करीब 48% है.
महिलाओं की राजनीतिक पसंद क्या?
CSDS-लोकनीति के सर्वे के अनुसार, 2018 विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने कांग्रेस, बीजेपी को बराबर यानी 40-40% वोट दिया. जबकि 2013 विधानसभा चुनाव में 47% महिला मतदाताओं ने बीजेपी और 34% महिला मतदाताओं ने कांग्रेस को वोट दिया. बीजेपी ने इस विधानसभा चुनाव में 20 और कांग्रेस ने 28 महिलाओं को टिकट दिया है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 23 और कांग्रेस ने 27 महिलाओं को टिकट दिया था.
राजस्थान में चुनाव के दौरान रिकॉर्ड 690 करोड़ रुपए मूल्य की सामग्री जब्त, 970 प्रतिशत बढ़ा आंकड़ा
राजस्थान को 'जादू की झप्पी' देते नजर आ रहे CM गहलोत, चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर बदली DP
क्या शापित है राजस्थान का विधानसभा भवन? कभी एक साथ नहीं हो सके सभी 200 विधायक, इस बार भी 199 का फेर
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं