महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने एक बार फिर आक्रामक तेवर अपना लिए हैं. मस्जिद के सामने हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ने का ऐलान कर महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था के समक्ष चुनौती पेश करने वाले राज ठाकरे ने एक बार फिर चेतावनी जारी की है. उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आगाह किया है कि वो उनके सब्र का इम्तेहान न लें. राज ने लिखा, उद्धव ठाकरे हमारे धैर्य का अंत मत देखो. सत्ता आती जाती रहती है.कोई भी सत्ता का ताम्र पत्र लेकर नही आता. उद्धव ठाकरे, तुम भी नहीं! गौरतलब है कि हनुमान चालीसा औऱ लाउडस्पीकर विवाद को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने सैकड़ों की संख्या में मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है औऱ हजारों को निरोधात्मक कार्रवाई में निरुद्ध किया गया है.
क्या बौखला गई है महाराष्ट्र सरकार
राज ने ट्वीट में पत्र टैग करते हुए कहा," मेरे द्वारा सभी देशवासियों से मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर उतारने की अपील करने के बाद महाराष्ट्र राज्य सरकार ऐसा व्यवहार कर रही है जैसे बौखला गई हो. देश के सर्वोच्च न्यायालय और विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों द्वारा दिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए मेरे मनसे सैनिकों ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने का आंदोलन शुरू किया. इसलिये मेरे 28,000 महाराष्ट्र सैनिकों को निरोधक कार्रवाई के नोटिस जारी किए गए, हजारों को तड़ीपार किया गया और कई को जेल में डाल दिया गया. किस लिए ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाली और लोगों को परेशान करने वाली मस्जिदों पर अनाधिकृत लाउडस्पीकर ना उतारे जाएं.
राज ठाकरे ने लिखा, पिछले एक हफ्ते मेरे मन में सवाल उठ रहा है कि कैसे राज्य सरकार महाराष्ट्र के सैनिकों को दबाने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल कर रही है; क्या राज्य सरकार या पुलिस ने कभी मस्जिदों में छिपे हथियार और आतंकियों को खोजने के लिए ऐसा 'गिरफ्तारी अभियान' चलाया है? पुलिस हमारे संदीप देशपांडे और कई अन्य कार्यकर्ताओं की तलाश कर रही है जैसे कि वे पाकिस्तान के आतंकवादी हों या निजाम के हैदराबाद राज्य के रजाकार!
बेशक, सभी मराठी लोग, सभी हिंदू खुली आंखों से देख रहे हैं जिन्होंने पुलिस को महाराष्ट्र के सैनिकों के खिलाफ यह क्रूर, दमनकारी कार्रवाई करने का आदेश दिया. मुझे राज्य सरकार से केवल एक ही बात कहनी है; हमारे धैर्य का अंत मत देखो. सत्ता आती जाती रहती है.कोई भी सत्ता का ताम्र पत्र लेकर नही आया है. उद्धव ठाकरे, आप भी नहीं!
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