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This Article is From Jun 03, 2024

बेंगलुरु में एक दिन की बारिश ने तोड़ा 133 साल का रिकॉर्ड, उत्तर भारत में कब बरसेंगे बादल?

बेंगलुरु में बारिश ने 133 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. भारी बारिश के कारण बेंगलुरु में जनजीवन प्रभावित हुआ और कई स्‍थानों पर पेड़ गिर गए.

बेंगलुरु में एक दिन की बारिश ने तोड़ा 133 साल का रिकॉर्ड, उत्तर भारत में कब बरसेंगे बादल?
नई दिल्‍ली:

उत्तर भारत (North India) जहां पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी (Extreme Heat) और हीटवेव ( Heatwave) से जूझ रहा है, वहीं दक्षिण भारत के कई इलाकों में बारिश हो रही है. बेंगलुरु में दो जून को 111 मिलीमीटर बारिश हुई, जिससे जून में एक दिन में सबसे अधिक बारिश का 133 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया. मौसम विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. हालांकि अब उत्तर भारत के लोगों का सबसे बड़ा सवाल है कि उन्‍हें भीषण गर्मी से कब राहत मिलेगी?. भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने 4 जून को भी देश के कई इलाकों में हीटवेव चलने का अनुमान जताया है. साथ ही मौसम विभाग का अनुमान है कि जल्‍द ही उत्तर भारत के लोगों को भीषण गर्मी और हीटवेव से राहत मिलने जा रही है. 

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), बेंगलुरु के वैज्ञानिक एन. पुवियारसन ने पुष्टि की कि बेंगलुरु में दो जून को पिछले 133 वर्षों में इस महीने में एक दिन की सबसे अधिक बारिश हुई. उन्होंने यह भी कहा कि अकेले एक जून और दो जून को हुई 140.7 मिलीमीटर वर्षा जून के मासिक औसत से अधिक थी. 

‘बंगालवेदरमेन' नाम के ‘एक्स' यूजर ने एक पोस्ट में कहा कि आईएमडी के अनुसार, दो जून को एक दिन में 111 मिमी बारिश दर्ज की गई जो जून महीने के औसत 110.3 मिमी से अधिकहै. उन्होंने कहा कि जून में सबसे अधिक एक दिन की बारिश 16 जून, 1891 को दर्ज की गई थी.

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बारिश से बेंगलुरु में जनजीवन प्रभावित, कुछ जिलों में 'येलो अलर्ट'

भारी बारिश के कारण बेंगलुरु में कई स्थानों पर जनजीवन प्रभावित हुआ. जयनगर के निवासियों ने गिरे हुए पेड़ों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं. रविवार रात ट्रिनिटी मेट्रो स्टेशन के पास मेट्रो ट्रैक पर एक पेड़ गिर गया, जिससे सेवा प्रभावित हुई. गिरे हुए पेड़ों के अलावा सड़कों पर जलभराव से लोगों को असुविधा हुई.

बेंगलुरु के आईएमडी केंद्र प्रमुख सीएस पाटिल ने कहा कि दक्षिण-पश्चिमी मानसून कर्नाटक में आगे बढ़ गया है और पांच जून तक कुछ जिलों के लिए ‘येलो' अलर्ट जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि तटीय कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़, उत्तरी कर्नाटक में बागलकोट, बेलगावी, धारवाड़, गडग, ​​हावेरी, कोप्पल और विजयपुरा तथा दक्षिण कर्नाटक में बल्लारी, बेंगलुरु (ग्रामीण और शहरी), दावणगेरे, चित्रदुर्ग, हासन, मैसूर, तुमकुरु में अगले दो दिन में भारी वर्षा होने की संभावना है. 

इस बीच, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि वह जल्द ही वर्षा प्रभावित इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लेंगे. उन्होंने विधान सौध में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘हम विधान परिषद चुनावों के बाद अधिकारियों की बैठक करेंगे और बारिश से संबंधित मुद्दों का समाधान करेंगे.''

4 जून को देश में इन जगहों पर हीटवेव चलने का अनुमान 

मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली के कुछ हिस्सों और उत्तर प्रदेश, पश्चिम राजस्थान, झारखंड और ओडिशा के अलग-अलग स्थानों में 4 जून को हीटवेव चलने का अनुमान जताया है. 

सोमवार को देश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान उत्तर प्रदेश के कानपुर में 46.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. वहीं इसके बाद राजस्‍थान के गंगानगर में 46.5 डिग्री तापमान रिकॉर्ड हुआ. 

जल्‍द मौसम बदलने का जताया अनुमान 

साथ ही मौसम विभाग का अनुमान है कि मौसम का मिजाज जल्द ही बदल सकता है. मौसम विभाग की वैज्ञानिक सोमा सेन रॉय ने बताया कि आने वाले दिनों में गरज के साथ बूंदाबांदी हो सकती है. इससे तापमान में गिरावट आएगी और लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है. 

इसके साथ ही मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण 5 से 7 जून के मध्‍य उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ मैदानी इलाकों में बारिश और आंधी की संभावना है. हालांकि देश के उत्तर पश्चिमी और पूर्वी भारत के कुछ हिस्‍सों में अगले 4 से 5 दिनों के दौरान कम तीव्रता के साथ हीटवेव की स्थिति जारी रह सकती है. 

नॉर्थ वेस्ट इंडिया और दिल्ली में दो से तीन दिन में वेस्टर्न डिस्टरबेंस के साथ थंडरस्टॉर्म चलने की संभावना है. दिल्ली की बात करें तो 4, 5 और 6 जून को थंडरस्टॉर्म और आसमान में बादल छाने का पूर्वानुमान है. इससे तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी. 

देश के कई हिस्‍सों में आगे बढ़ा है दक्षिण पश्चिम मानसून  

IMD ने सोमवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों और कर्नाटक, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम मध्य और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ है. साथ ही कहा कि दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के शेष हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनी हैं. 

इसके साथ ही 4 से 5 जून के मध्‍य असम और मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. साथ ही 6 और 7 जून को भारी वर्षा होने की संभावना जताई गई है. वहीं 6 जून तक उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में कुछ स्‍थानों भारी वर्षा हो सकती है. वहीं 5 और 6 जून को अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश की संभावना है. 

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