पहाड़ दरक रहे हैं, नदियां उफान पर हैं... देशभर के कई राज्यों में भारी बारिश के बाद हाहाकार मचा हुआ है. मुंबई पिछले भारी बारिश के कारण थम-सी गई है. असम में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है और अबतक 66 लोगों की मौत हो चुकी है. उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद कई जिलों का संपर्क अन्य जगहों से कट गया है. नेपाल और उत्तराखंड के बांधों से छोड़े गये लाखों क्यूसेक पानी ने उत्तर प्रदेश के तराई और मैदानी इलाकों में बाढ़ के रूप में कहर बरपाना शुरू कर दिया है. बिहार में पिछले 24 घंटों के दौरान लगातार बारिश से कोसी, महानंदा, बागमती, गंडक, कमला बलान और कमला सहित अन्य प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. दक्षिण पश्चिम मानसून की सक्रियता से देशभर में 'जल प्रलय' जैसे हालात हैं.
असम में खतरे के निशान से ऊपर बह रही ब्रह्मपुत्र, बाढ़ से 66 लोगों की मौत
असम में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. स्थिति सोमवार को भी गंभीर बनी रही और 28 जिलों की लगभग 23 लाख की आबादी इससे प्रभावित हुई. एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई. बुलेटिन के अनुसार, अधिकतर नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है. राज्य में इस वर्ष बाढ़, भूस्खलन और तूफान में 78 लोगों की मौत हुई, जबकि इनमें से केवल बाढ़ के कारण 66 लोगों की मौत हुई. वर्तमान में, 28 जिलों में 3,446 गांवों के लगभग 23 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जबकि बाढ़ की दूसरी लहर से 68,432.75 हेक्टेयर फसल भूमि जलमग्न हो गई है. धुबरी में सबसे अधिक 7,54,791 लोग प्रभावित हुए, इसके बाद कछार में 1,77,928 लोग और बारपेटा में 1,34,328 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए. कुल 53,689 लोगों ने 269 राहत शिविरों में शरण ली है, जबकि राहत शिविरों में नहीं रह रहे 3,15,520 लोगों को राहत सामग्री प्रदान की गई है. ब्रह्मपुत्र निमती घाट, तेजपुर और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
राजस्थान में भी जमकर गरज रहे बादल
राजस्थान में दक्षिण पश्चिम मानसून की सक्रियता लगातार बनी हुई है और अनेक इलाकों में बारिश का दौर जारी है. बीते चौबीस घंटे में राज्य में सबसे अधिक 91 मिलीमीटर बारिश बांदीकुई में हुई. मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, पिछले 24 घंटों में राज्य में कुछ स्थानों पर मेघ गर्जन के साथ हल्के से मध्यम वर्षा तथा भरतपुर और दौसा जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा दर्ज की गई है. इस दौरान पूर्वी राजस्थान में सर्वाधिक 91 मिलीमीटर बारिश दौसा के बांदीकुई में , सिकराय में 76 मिलीमीटर व भरतपुर के भुसावर 91 मिलीमीटर हुई. इसी तरह पश्चिमी राजस्थान में सबसे अधिक 38 मिलीमीटर बारिश छतरगढ़ में हुई. राज्य में कई दिनों से जारी बारिश का असर तापमान पर भी पड़ा है और अधिकतम तापमान में काफी कमी आई है. मौसम केंद्र के अनुसार, फलोदी में पिछले 24 घंटों में राज्य में अधिकतम तापमान 38.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
अरुणाचल में भारी बारिश से भूस्खलन, कई जिलों से संपर्क टूटा
अरुणाचल प्रदेश में बारिश के कारण हुए भूस्खलन से कई जिलों का सड़क संपर्क बाधित हो गया है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को शि-योमी जिले में भूस्खलन के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई. राज्य में प्राकृतिक आपदाओं के कारण अप्रैल से अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है. इसने बताया कि लोहित और अंजाव जिलों के मोमपानी क्षेत्र में तेजू-हयुलियांग सड़क बाधित है, जबकि क्रा दादी जिले में दरी-चंबांग से लांगडांग गांव पालिन-ताराक्लेंगडी जाने वाली सड़क भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी सियांग जिले के गेयिंग में राष्ट्रीय राजमार्ग-513 भी बाधित हो गया है. इस वर्ष अप्रैल से अब तक अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन से 72,900 से अधिक लोग और 257 गांव प्रभावित हुए हैं. बाढ़ और भूस्खलन से सड़कों, पुलों, पुलियाओं, बिजली लाइनों, बिजली के खंभों, ट्रांसफार्मरों और जल आपूर्ति अवसरंचनाओं को भी व्यापक नुकसान पहुंचा है. रिपोर्ट के अनुसार अब तक 160 सड़कें, 76 बिजली लाइनें, बिजली के 30 खंभे, तीन ट्रांसफार्मर, नौ पुल, 11 पुलिया और 147 जल आपूर्ति प्रणालियां क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. इसमें बताया गया कि इसके अलावा 627 कच्चे और 51 पक्के घर तथा 155 झोपड़ियों को नुकसान पहुंचा है. पाइपलाइन को नुकसान पहुंचने के कारण राज्य की राजधानी ईटानगर में लोग गंभीर जल संकट से जूझ रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि मरम्मत का काम जारी है, लेकिन इसमें कई दिन लगेंगे.
उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी के चलते चारधाम यात्रा प्रभावित
उत्तराखंड में नदियां भी उफान पर हैं. जोशीमठ के पास विष्णु प्रयाग में अलकनंदा नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है. अलकनंदा विष्णु प्रयाग में धौली गंगा में मिल जाती है. उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में सात और आठ जुलाई को भारी से बहुत भारी बारिश होने संबंधी मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मद्देनजर चारधाम यात्रा रविवार को अस्थायी रूप से रोक दी गई. हालांकि, अब यात्रा एक बार फिर शुरू कर दी गई है. गढ़वाल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने गढ़वाल मंडल में सात और आठ जुलाई को भारी बारिश होने का पूर्वानुमान किया है, इसके मद्देनजर सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया जाता है कि वे सात जुलाई को ऋषिकेश से आगे चारधाम यात्रा के लिए रवाना न हों. उन्होंने कहा कि जो श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर निकल चुके हैं उन्हें मौसम ठीक होने तक उसी स्थान पर रुकना चाहिए जहां वे अभी हैं. पिछले कुछ दिन से उत्तराखंड के विभिन्न भागों में भारी बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हो रहा है तथा बद्रीनाथ जाने वाला राजमार्ग कई स्थानों पर पहाड़ी से नीचे गिर रहे मलबे के कारण अवरुद्ध हो गया है.
यूपी में भारी बारिश के बीच उत्तराखंड ने छोड़ा लाखों क्यूसिक पानी
उत्तर प्रदेश में मानसून पिछले करीब एक हफ्ते से एक खासा सक्रिय है और मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान भी राज्य के अनेक हिस्सों में बारिश हुई. अगले 24 घंटों के दौरान भी प्रदेश के अनेक स्थानों पर वर्षा होने का अनुमान है. इस बीच नेपाल और उत्तराखंड के बांधों से छोड़े गये लाखों क्यूसेक पानी ने उत्तर प्रदेश के तराई और मैदानी इलाकों में बाढ़ के रूप में कहर बरपाना शुरू कर दिया है. जलभरण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा और बांधों से पानी छोड़े जाने से उफनाई नदियों की बाढ़ से प्रदेश में छह जिलों के अनेक गांव प्रभावित हुए हैं. उत्तराखण्ड के बनबसा बांध से रविवार रात करीब तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से पीलीभीत जिले में शारदा नदी उफान पर है और उसकी बाढ़ का पानी 20 गांवों में घुस गया है. प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिये राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम 32 नौकाओं की मदद से काम कर रही है. बनबसा बैराज से छोड़े गये पानी से लखीमपुर खीरी में भी बाढ़ का असर दिख रहा है. यहां शारदा नदी खतरे के निशान को पार कर गयी है. नदी की बाढ़ से दो गांवों के पांच हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. यहां भी एनडीआरएफ की टीम तैनात की गयी है.
मुंबई में 6 घंटे में 300 मिमी बारिश, थम-से गए मुंबईकर
महाराष्ट्र के मुंबई में बीती रात से हो रही भारी बारिश के कारण शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया. लगातार हो रही बारिश से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. रविवार को कल्याण-कसारा सेक्शन में खडावली और टिटवाला के बीच लंबा ट्रैफिक जाम लग गया और लोकल ट्रेन सेवाएं भी बाधित हुईं हैं. बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने बताया कि मुंबई में सोमवार सुबह 1 बजे से 7 बजे तक यानि कुल छह घंटे में विभिन्न स्थानों पर 300 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. कुछ निचले इलाकों में भारी बारिश के कारण जलभराव हो गया और ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं. सड़कों पर पानी भर जाने के कारण यातायात बाधित हुआ है. मध्य रेलवे ने बताया कि भारी बारिश के कारण जलभराव हो गया है, जिससे मुंबई उपनगरीय और हार्बर लाइनों पर रेल यातायात में देरी हो रही है. प्रभावित स्टेशनों में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, कुर्ला-विक्रोली और भांडुप शामिल हैं. छात्रों को असुविधा से बचाने के लिए मुंबई के सभी बीएमसी, सरकारी और निजी स्कूलों और कॉलेजों में पहले सत्र के लिए अवकाश घोषित किया गया है. स्थिति की समीक्षा के बाद अगले सत्र के लिए फैसले की घोषणा की जाएगी.
बिहार के पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज में बाढ़ का खतरा
बिहार के विभिन्न हिस्सों में पिछले 24 घंटों के दौरान लगातार बारिश से कोसी, महानंदा, बागमती, गंडक, कमला बलान और कमला सहित अन्य प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. उधर, नेपाल में भारी बारिश से बिहार के पश्चिम चंपारण और गोपालगंज जिलों में स्थिति काफी चिंताजनक बन गई है. लगातार हो रही बारिश के कारण गंडक/गण्डकी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. इसने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. नेपाल में भारी बारिश के कारण देवघाट पर नारायणी नदी का जलस्तर 5.71 क्यूसेक तक बढ़ गया है, इसलिए वहां से पानी छोड़ा जा रहा है. इसका असर गंडक नदी पर भी पड़ रहा है. इसके चलते जल संसाधन विभाग ने शनिवार रात वाल्मीकिनगर गंडक बैराज से 4.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा. जल स्तर बढ़ने से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पानी घुस गया है. इस वजह से निवासियों और वन्यजीव दोनों के लिए खतरा पैदा हो गया है. पानी बैरागी और सोनबर्सा पंचायत क्षेत्रों में भी घुस गया है. इसके चलते अधिकारियों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है.
यहां बारिश से खिले चेहरे
पूरे देश में जुलाई की शुरुआत में अच्छी बारिश हो रही है, जो कि नॉर्मल मानसून का संकेत है. केवल जुलाई में औसत से 32 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में ये बात कही गई है. एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर और पश्चिम भारत (3 प्रतिशत), मध्य भारत (-6 प्रतिशत), पूर्व और उत्तर पूर्व भारत (0 प्रतिशत) और दक्षिणी प्रायद्वीप (13 प्रतिशत) में अब तक सामान्य बारिश हुई है. एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की प्रमुख अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा ने कहा, "जून में कम बारिश होने के कारण, जरूरी है कि जुलाई में अच्छी बारिश हो और महीने की शुरुआत अच्छी रही." बताया जा रहा है कि कुल बुवाई क्षेत्र सामान्य बुवाई क्षेत्र का 22 प्रतिशत है, जबकि 2023 में यह 18.6 प्रतिशत था.
(आईएएनएस /भाषा इनपुट के साथ...)
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