रेलवे 2024 तक 'आदर्श स्टेशन योजना' के तहत बाकी स्टेशनों को उन्नत करेगा: रेल मंत्री

आदर्श स्टेशन योजना के तहत उन्नयन के लिए राजस्थान के 40 स्टेशनों, हरियाणा के 16 स्टेशनों, मध्य प्रदेश के 45 स्टेशनों और गुजरात के 32 स्टेशनों की पहचान की गई

रेलवे 2024 तक 'आदर्श स्टेशन योजना' के तहत बाकी स्टेशनों को उन्नत करेगा: रेल मंत्री

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली :

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा को बताया कि 'आदर्श स्टेशन' योजना के तहत उन्नयन के लिए पहचाने गए 1,253 रेलवे स्टेशनों को वित्तीय वर्ष 2023-24 में अपग्रेड किया जाएगा. मंत्री ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, "1253 रेलवे स्टेशनों को आदर्श स्टेशन योजना के तहत अपग्रेड करने के लिए चिन्हित किया गया है, इनमें से 1218 स्टेशनों को अब तक अपग्रेड किया गया है और शेष स्टेशनों को वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूरा करने का लक्ष्य है." 

रेल मंत्री ने आगे बताया कि राजस्थान के सभी 40 स्टेशनों, हरियाणा के 16 स्टेशनों, मध्य प्रदेश के 45 स्टेशनों और गुजरात के 32 स्टेशनों को आदर्श स्टेशन योजना के तहत उन्नयन के लिए चिन्हित किया गया है.

राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के चिन्हित सभी स्टेशनों को आदर्श स्टेशन योजना के तहत विकसित किया गया है. वैष्णव ने कहा, "मध्य प्रदेश में 42 स्टेशनों को विकसित किया गया है और शेष तीन स्टेशनों में से हाऊबाग नामक एक स्टेशन को बंद कर दिया गया है. शेष दो को वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूरा करने का लक्ष्य है."

आदर्श स्टेशन योजना के तहत रेलवे स्टेशनों का चयन जनप्रतिनिधियों से प्राप्त अनुरोधों, मांगों और जोनल रेलवे की सिफारिशों के मद्देनजर सुविधाओं के उन्नयन की पहचान की आवश्यकता पर आधारित है. आदर्श स्टेशन योजना के तहत स्टेशनों का उन्नयन 2009-10 में शुरू किया गया था.

वैष्णव ने उच्च सदन को बताया कि, "यात्री सुविधाओं के सुधार, उन्नयन, आधुनिकीकरण के लिए विभिन्न कार्य जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ स्टेशन भवन के अग्रभाग में सुधार, विश्राम कक्ष, प्रतीक्षालय, महिलाओं के लिए अलग प्रतीक्षालय, सर्कुलेटिंग एरिया का भूनिर्माण, चिन्हित पार्किंग, साइनेज, भुगतान शामिल हैं. आदर्श स्टेशन योजना के तहत रेलवे स्टेशनों पर शौचालय, फुट ओवर ब्रिज, स्टेशन के प्रवेश द्वार पर रैंप आदि बनाए जा रहे हैं."

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हालांकि, मंत्री ने कहा कि रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में वृद्धि और उन्नयन, राशि की उपलब्धता, यात्री यातायात की मात्रा और कार्यों की परस्पर प्राथमिकता के अधीन एक सतत प्रक्रिया है.