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This Article is From Feb 08, 2019

राहुल गांधी का मोदी सरकार पर ताजा हमला: आप रॉबर्ट वाड्रा, चिदंबरम की जांच कीजिए, मगर राफेल पर भी जवाब दीजिए

राफेल लेकर कांग्रेस का हमलावर रुख जारी है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार की सुबह एक ट्वीट किया और सेना के जवानों को संबोधित करते हुए लिखा कि आप हमारे रक्षक हैं. आप भारत के लिए अपनी जान की कुर्बानी देते हैं. आप हमारे गौरव हैं.

राहुल गांधी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

राफेल रक्षा सौदों (Rafale Deal) को लेकर कांग्रेस का हमलावर रुख जारी है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शुक्रवार की सुबह एक ट्वीट किया और सेना के जवानों को संबोधित करते हुए लिखा कि आप हमारे रक्षक हैं. आप भारत के लिए अपनी जान की कुर्बानी देते हैं. आप हमारे गौरव हैं. शुक्रवार को राहुल गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भी मौजूद थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर राफेल डील को लेकर एक बार फिर हमला बोला और कहा कि हम कई सालों से कह रहे हैं कि राफेल घोटाले में प्रधानमंत्री सीधे तौर पर शामिल हैं. हिंदू अखबार का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इस खबर ने प्रधानमंत्री की पोल खोल दी. उन्होंने कहा कि भले ही आप रॉबर्ट वाड्रा और चिदंबरम की जांच कीजिए, मगर राफेल पर भी सरकार को जवाब देना चाहिए.

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राहुल गांधी ने सेना के जवानों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 हजार करोड़ रुपये की चोरी की और उसे अनिल अंबानी की जेब में डाल दिया. उन्होंने कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति होलांद ने कहा था उनसे कि पीएम मोदी ने खुद उनसे डील की बात की थी. इसे मंत्रालय ने भी स्पष्ट कर दिया है. राफेल पर हमारी बात सच साबित हुई.

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राहुल ने कहा कि मैं हिंदुस्तान के युवाओं, नेवी, आर्मी के लोगों से बात करना चाहता हूं. हिंदस्तान के प्रधानमंत्री ने 30 हजार चोरी कर के अनिल अंबानी को दिलवाया है. वायुसेना और डिफेंस मिनिस्ट्री के दस्तावेज कहते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री फ्रांस के साथ समानांतर बातचीत कर रहे थे. उन्होंने फिर से कहा कि चौकीदार चोर हैं. यह पूरी तरह से स्पष्ट है. 

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने यह भी कहा कि याद रखिए 30 हजार करोड़ का इस्तेमाल आप लोगों के लिए किया जा सकता था. यह अनिल अंबानी का नहीं है. यह आपका पैसा है. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि राफेल के मामले में प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने झूठ बोला. गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं इस मामल में पर्रिकर जी को शामिल नहीं करना चाहता हूं. मैंने इस बारे में उनसे कोई बात नहीं की. यह मेरा नीजि दौरा था और वहां इस मामले में मेरी कोई बात नहीं हुई. आगे राहुल गांधी ने कहा कि राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने झूठ बोला है. 

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राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार जवानों को एक बुलेट प्रूफ जैकेट देती है और अनिल अंबानी को तीस हजार करोड रुपये. नरेंद्र मोदी ने कल लंबा भाषण दिया, मगर इस बार में क्यों नहीं बोलते. अब डिफेंस मिनिस्ट्री भी कह रहा है कि प्रधानमंत्री पैरेलल नेगोसिएशन कर रहे हैं. रक्षा मंत्रालय कह रहा है कि प्रधानमंत्री पैरेलल बातचीत कर रहे हैं तो फिर इस पर वह क्यों नहीं जवाब देते हैं. राफेल मामले में पीएमओ की फ्रांस से समांतर बातचीत चल रही है. राहुल ने कहा कि सरकार को जितनी जांच कराना चाहती है करे, आप चिदंबरम या वाड्रा पर जांच करिए, मगर आप राफेल पर भी जवाब दीजिए. मैं ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना पसंद नहीं करता मगर मैं मजबूर हूं यह कहने में कि प्रधानमंत्री चोर हैं.

कांग्रेस ने फिर की जेपीसी की मांग: 

तत्कालीन डिफेंस सेक्रेटरी के दावे पर कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह डॉक्यूमेंट बता रहा है कि नेगोशिएशन में सभी कंपोनेंट होते हैं. देश को बरगलाने का काम अब बंद होना चाहिए. हमने जो जो सवाल पूछे हैं वह सभी नेगोशिएशन का हिस्सा होते हैं. आखिर क्यों रक्षा मंत्रालय को अंधकार में रखकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने सौदा किया. यह आरोप नहीं है बल्कि सच्चाई है कि चौकीदार ने चोरी की है, देश को ठगा है, देश को लूटा है. हमने शुरू से इस मामले में जेपीसी की मांग की है.

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द हिंदू की रिपोर्ट में क्या है:

रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस के साथ रफ़ाल सौदे की बातचीत में प्रधानमंत्री कार्यालय के दखल पर एतराज़ जताया था. अंग्रेज़ी अखबार द हिंदू की ख़बर के मुताबिक रक्षा मंत्रालय तो सौदे को लेकर बातचीत कर ही रहा था, उसी दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय भी अपनी ओर से फ्रांसीसी पक्ष से बातचीत में लगा था. अखबार के मुताबिक 24 नवंबर 2015 को रक्षा मंत्रालय के एक नोट में कहा गया कि PMO के दखल के चलते बातचीत कर रहे भारतीय दल और रक्षा मंत्रालय की पोज़िशन कमज़ोर हुई. रक्षा मंत्रालय ने अपने नोट में तब के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का ध्यान खींचते हुए कहा था कि हम PMO को ये सलाह दे सकते हैं कि कोई भी अधिकारी जो बातचीत कर रहे भारतीय टीम का हिस्सा नहीं है उसे समानांतर बातचीत नहीं करने को कहा जाए. इस नोट में ये भी कहा गया कि अगर PMO रक्षा मंत्रालय की बातचीत पर भरोसा नहीं है तो उसे PMO की अगुवाई में नए सिरे से बातचीत शुरू करनी चाहिए.

खास बात ये है कि सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वायुसेना उप प्रमुख की अगुवाई में 7 सदस्यीय टीम ने रफ़ाल सौदे पर बातचीत की. सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने इस बातचीत में PMO की भूमिका का कोई ज़िक्र नहीं किया.
 

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