- लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा होगी, जिसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने की संभावना
- राहुल गांधी चुनावी गड़बड़ी, वोट चोरी और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए चर्चा की शुरुआत करेंगे
- विपक्ष एसआईआर और बीएलओ की मौतों जैसे मुद्दे उठाकर सरकार और चुनाव आयोग को निशाना बना सकता है
वंदे मातरम के बाद लोकसभा में मंगलवार को चुनाव सुधार पर चर्चा होगी. सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर तीखा वार-पलटवार होने के आसार हैं. खासकर कांग्रेस इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपना सकती है. लोकसभा में नेता विपक्षराहुल गांधी लंबे समय से वोट चोरी, वोटर लिस्ट में गड़बड़ी, SIR में गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोप लगाकर सरकार और चुनाव आयोग को घेरते रहे हैं. मंगलवार को चुनाव सुधारों पर चर्चा का आगाज भी राहुल गांधी ही करेंगे. राहुल गांधी ने हरियाणा, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाए थे. चुनावी गड़बड़ी का खुलासा करते हुए हाइड्रोजन बम और एटम बम फोड़ने के दावे भी किए. उन्होंने बिहार में वोटर अधिकार रैली निकालकर भी चुनावी गड़बड़ी का मुद्दा जोरशोर से उठाया था और गरीबों, दलितों और पिछड़ों के वोट काटने का आरोप मढ़ा था.
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में ही विपक्ष वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की मांग पर अड़ा था. सरकार का तर्क रहा है कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है, लिहाजा एसआईआर की बजाय चुनाव सुधार पर व्यापक चर्चा कराई जा सकती है. चर्चा के दौरान विपक्ष कई राज्यों में बीएलओ की कथित मौतों के मामले, एसआईआर की प्रक्रिया में 'जल्दबाजी' जैसे मुद्दे भी उठा सकता है.

Rahul Gandhi
सरकार की कोशिश होगी कि वो चुनाव सुधार के अपने सकारात्मक एजेंडे को सदन में रखते हुए कांग्रेस समेत विपक्ष को घेरे. चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर विपक्ष के लगातार हमलों का मुद्दा भी सत्तापक्ष उठाएगा. सत्ता पक्ष के सांसद एक देश-एक चुनाव जैसे कदमों का उल्लेख भी कर सकता है. साथ ही मतदाता सूची के डिजिटाइजेशन जैसे सुधारों को भी उठाएगा.
चुनाव सुधारों पर चर्चा में बीजेपी वक्ता
भाजपा की ओर से सांसद निशिकांत दुबे, अभिजीत गंगोपाध्याय, पीपी चौधरी और संजय जायसवाल समेत वरिष्ठ सांसद हिस्सा ले सकते हैं. दो दिन की बहस के अंत में कोई वरिष्ठ मंत्री जवाब दे सकता है.
कांग्रेस से कौन वक्ता
कांग्रेस सांसदों में केसी वेणुगोपाल, मनीष तिवारी, उज्ज्वल रमन सिंह, वर्षा गायकवाड़, मोहम्मद जावेद, ईसा खान, रवि मल्लू, इमरान मसूद, गोवाल पदवी के हिस्सा लेने के आसार हैं. राहुल गांधी सबसे बोलेंगे.
वंदे मातरम पर चर्चा में PM Modi का वार
इससे पहले सोमवार को लोकसभा में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य के बीच चर्चा कराई गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चर्चा की शुरुआत करते हुए आरोप लगाया था कि मुस्लिम लीग के आगे कांग्रेस झुक गई थी. पंडित जवाहरलाल नेहरू के कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए मुस्लिम लीग के दबाव में वंदे मातरम के दो हिस्से कर दिए गए. कांग्रेस वंदे मातरम के बंटवारे पर झुकी थी और उसे फिर देश के विभाजन के लिए भी झुकना पड़ा.

PM Modi in Lok Sabha
कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी और गौरव गोगोई ने इन आरोपों का जवाब दिया था. गोगोई ने कहा था कि पंडित नेहरू के योगदान पर भाजपा दाग नहीं लगा सकती. आजादी की जंग में उसका (बीजेपी) का कोई योगदान नहीं है. कांग्रेस ने ही अपने हर अधिवेशन में वंदे मातरम गाने का फैसला किया था.
प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल
प्रियंका गांधी ने जवाहरलाल नेहरू पर संसद में गहन चर्चा कराने की मांग की ताकि बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सके. आज हम राष्ट्रीय गीत पर बहस कर रहे हैं, लेकिन हमारा राष्ट्र गान भी कविता का एक अंश है. दोनों को चुनने में सबसे अहम भूमिका रवींद्रनाथ टैगोर की थी. वंदे मातरम को संविधान सभा ने स्वीकार किया था, लिहाजा इस पर सवाल उठाना न सिर्फ उन महापुरुषों का अपमान है. साथ ही यह संविधान विरोधी मंशा को भी उजागर करता है.

Priyanka Gandhi
राहुल और प्रियंका की गैरमौजूदगी
बीजेपी ने वंदे मातरम पर पीएम मोदी के संबोधन के दौरान नेता विपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी की गैरमौजूदगी का मुद्दा भी उठाया. पार्टी ने कहा कि इस घटनाक्रम में गांधी परिवार की मानसिकता को पर्दाफाश कर दिया है, उनके अंदर अपराधबोध रहा होगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं