कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संविधान पर प्रतिदिन हमला करती है, क्योंकि वह यह स्वीकार नहीं करना चाहती कि दलितों, आदिवासियों और गरीबों को अधिकार मिलने चाहिए. गांधी ने अंग्रेजों के लिए ‘‘काम करने'' को लेकर हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर पर भी निशाना साधा. गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा' का आज 69वां दिन था और यात्रा मंगलवार को हिंगोली से महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिले पहुंची.
गांधी ने कहा कि केवल कांग्रेस ही संविधान की रक्षा कर सकती है, आदिवासियों को शिक्षा दे सकती है और उनकी जमीन और अधिकारों की रक्षा कर सकती है. केरल से लोकसभा सदस्य गांधी ने दो जनसभाओं को संबोधित किया और 2016 की नोटबंदी, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से लेकर कृषि ऋण जैसे मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा.
गांधी ने आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती पर दोपहर में एक जनसभा को संबोधित किया. रैली में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए. उन्होंने बिरसा मुंडा और सावरकर के बीच तुलना करने का प्रयास करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा अपने आदर्शों के लिए दृढ़ थे.
बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के तौर पर मनाया जाता है. गांधी ने कहा, ‘‘वह (मुंडा) एक इंच भी पीछे नहीं हटे. वह शहीद हो गए. ये आपके (आदिवासी) प्रतीक हैं और आपको रास्ता दिखाते हैं. भाजपा-आरएसएस के प्रतीक सावरकर हैं. वह दो-तीन साल तक अंडमान में जेल में रहे. उन्होंने दया याचिकाएं लिखनी शुरू कर दीं.''
गांधी ने दावा किया कि सावरकर ने खुद पर एक अलग नाम से एक किताब लिखी और बताया कि वह कितने बहादुर थे. उन्होंने कहा, ‘‘वह अंग्रेजों से पेंशन लेते थे, उनके लिए काम करते थे और कांग्रेस के खिलाफ काम करते थे.''
गांधी ने कहा कि आदिवासी ‘‘देश के मूल मालिक'' हैं और उनके अधिकार सबसे पहले आते हैं. गांधी ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा द्वारा बिरसा मुंडा के आदर्शों पर चारों तरफ से हमला किया जा रहा है. गांधी ने दावा किया, ‘‘भाजपा हर रोज संविधान पर हमला करती है क्योंकि वह यह स्वीकार नहीं करना चाहती कि दलितों, आदिवासियों और गरीबों को अधिकार मिलने चाहिए.''
उन्होंने कहा कि जहां कांग्रेस आदिवासियों के लिए 'आदिवासी' शब्द का इस्तेमाल करती है, वहीं भाजपा-आरएसएस उन्हें ‘वनवासी' कहकर संबोधित करते है. वे (भाजपा-आरएसएस) कहते हैं कि आप आदिवासी नहीं हैं और आप यहां सबके पहले नहीं रहते थे. उन्होंने नाम (वनवासी) बदल दिया है, लेकिन यह कोई छोटी घटना नहीं है, यह गंभीर है. वे उस पर हमला कर रहे हैं जिसके लिए बिरसा मुंडा ने संघर्ष किया था.''
गांधी ने कहा कि कांग्रेस का दृढ़ विश्वास है कि आदिवासी देश के मूल मालिक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘देश (जमीन) आपसे लिया गया था, इसलिए जब यह आपसे लिया गया, तो आपको बदले में कुछ वापस मिलना चाहिए. इसलिए आपको अपना अधिकार, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और देश की संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए. आदिवासी, अल्पसंख्यक, दलित, पिछड़ा वर्ग कैसे संरक्षित हैं? ये संविधान के माध्यम से हैं.''
सांसद ने कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान तैयार किया था और कांग्रेस ने भी इस कवायद में योगदान दिया था. गांधी ने दावा किया कि उस समय भाजपा नेताओं ने कहा था कि किसी संविधान की जरूरत नहीं है.
भाजपा पर निशाना साधते हुए गांधी ने आरोप लगाया कि यह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बंद कर रही है और शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा का निजीकरण कर रही है. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘क्या होगा यदि सभी सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे? (वंचित) लोग अशिक्षित रहेंगे और यह भाजपा है जो इससे लाभान्वित होगी. वे सभी रास्ते बंद कर रहे हैं. रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के दरवाजे बंद हो रहे हैं.''
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