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This Article is From Jun 12, 2024

वायनाड छोड़ूं या रायबरेली? दुविधा में राहुल गांधी

एक तरफ रायबरेली, जो गांधी परिवार की पारंपरिक सीट है. दूसरी तरफ है वायनाड, यहां की जनता ने राहुल (Rahul Gandhi) पर उस समय भरोसा जताया था, जब वह अपनी परंपरागत सीट अमेठी बीजेपी की स्मृति ईरानी के हाथों हार गए थे.अब राहुल गांधी किसे चुनेंगे.

वायनाड छोड़ूं या रायबरेली? दुविधा में राहुल गांधी
कहां से सांसद बने रहेंगे राहुल गांधी.
नई दिल्ली:

देश में हुए लोकसभा चुनावों नें कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) उत्तर प्रदेश की रायबरेली और केरल की वायनाड, दोनों ही सीटें जीत गए हैं. अब उनके सामने दुविधा इस बात की है कि वह कौन सी सीट छोड़ें और कहां के सांसद बने रहें. राहुल गांधी ने बुधवार को अपनी इस दुविधा को देश के सामने रखा. उन्होंने कहा कि वह इस दुविधा में हैं कि उन्हें वायनाड और रायबरेली (Raibareli Waynad) में से कौन सी सीट छोड़नी चाहिए. हालांकि राहुल ने ये भी साफ कर दिया कि वह जो भी फासला लेंगे, दोनों ही निर्वाचन क्षेत्रों के लोग उससे खुश होंगे.  लोकसभा में दूसरे कार्यकाल के लिए उन्हें चुनने के लिए राहुल गांधी ने वायनाड के लोगों का शुक्रिया भी अदा किया. 

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वायनाड रखूं या रायबरेली, दुविधा में राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वायनाड में एक जनसभा में कहा, "मैं आपसे जल्द ही मिलने की उम्मीद करता हूं. मेरे सामने दुविधा यह है कि मैं वायनाड का सांसद बना रहूं या रायबरेली का. मुझे उम्मीद है कि वायनाड और रायबरेली दोनों ही मेरे फैसले से खुश होंगे." बता दें कि लोकसभा चुनाव में दूसरी बार वायनाड से शानदार जीत हासिल करने के बाद राहुल गांधी आज पहली बार केरल पहुंचे. इस दौरान वह पीएम नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करना नहीं भूले. उन्होंने कहा कि वह भगवान की बजाय देश के लोगों से बातचीत करते हैं. वही लोग उनको बताते हैं कि आखिर करना क्या है. 

दो जगहों से सांसद नहीं रह सकते राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा चुनाव की लड़ाई देश के संविधान की रक्षा के लिए थी. इस लड़ाई में नफरत को प्यार ने और अहंकार को विनम्रता ने हरा दिया. इसके साथ ही राहुल गांधी ने केंद्र की नई सरकार को 'अपंग सरकार' करार दिया. बता दें कि साल 2019 में भी राहुल गांधी ने वायनाड सीट से जीत हासिल की थी. एक बार फिर भी वायनाड ने उन पर भरोसा जताया है. साथ ही रायबरेली की जनता ने भी उन पर विश्वास जताया है. अब नियम के मुताबिक राहुल गांधी दो जगह से सांसद नहीं रह सकते. उनको एक सीट तो छड़नी ही होगी. 

वायनाड ने राहुल पर तब जताया था भरोसा...

एक तरफ रायबरेली सीट, जो गांधी परिवार की पारंपरिक सीट है, दूसरी तरफ है वायनाड, यहां की जनता ने राहुल पर उस समय भरोसा जताया था, जब वह अपनी परंपरागत सीट अमेठी बीजेपी की स्मृति ईरानी के हाथों हार गए थे. यही वजह है कि राहुल गांधी के सामने अब यह धर्मसंकट है कि वह कौन सी सीट छोड़ें और कौन सी बरकरार रखें. 

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