किसान परिवार से मिलते राहुल गांधी
आदिलाबाद:
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रहार करने के लिए अपने शस्त्रागार से एक और हथियार जोड़़ लिया है। इस बार उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) पर किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं देना का आरोप लगाते हुए उन्हें 'मिनी मोदी' कहा।
राहुल ने कहा कि जब ओलों और बेमौसम बारिश से फसलें तबाह हो रही थी, तब मोदीजी किसानों से मिलने नहीं आए। यहां तेलंगाना में 'मिनी मोदी' किसानों की बदहाली देखने नहीं गए।
कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तेलंगाना के सूखा प्रभावित इलाकों के दौरे पर हैं। राहुल जब वह भाषण दे रहे थे तब एक अनुवादक वहां की स्थानीय भाषा में उनके भाषण का अनुवाद कर रहा था।
राहुल गांधी ने भूमि अधिग्रहण विधेयक के मुद्दे पर हाल ही में मोदी सरकार पर प्रहार करते हुए उसे 'सूट-बूट की सरकार' कहा था। वह लगातार मोदी सरकार पर किसान विरोधी और पूंजीपति समर्थक होने का आरोप लगा रहे हैं। राहुल ने अपने कई भाषणों में इस बात का जिक्र किया है।
तेलंगाना में शुक्रवार को राहुल ने कहा, 'मैं सिर्फ एक दिन तेज़ धूप में आपके पास आया हूं, लेकिन आप हर दिन इस चिलचिलाती धूप में काम करते हैं। आपकी इसी कमरतोड़ मेहनत से ही हमें खाना मिलता है।'
शुक्रवार सुबह राहुल ने करीब 15 किलोमीटर पैदल यात्रा की। वह अदिलाबाद जिले में उन किसान परिवारों से मिलने पहुंचे, जिनके घरों में पिछले एक साल में किसी ने खुदकुशी की है। यहां एक ग्रामीण ने राहुल के बारे में तारीफ भरे लहजे में कहा कि उनके साथ धीरे-धीरे चलना बहुत मुश्किल है क्योंकि वह बहुत तेज चलते हैं।
ऐसे ही एक गांव में बोंडला वसंथा के पति ने पिछले साल कर्ज के कारण खुदकुशी कर ली थी। वसंथा ने राहुल से कहा कि जब राज्य की सत्ताधारी पार्टी तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) को पता चला कि आप आने वाले हैं तो इन्होंने आनन फानन में मदद की। इतना कह वसंथा राहुल के पैरों पर गिर गईं।
राहुल गांधी की टीम ने सभी पांच परिवारों को एक-एक लाख रुपये की मदद की। कांग्रेस ने कहा कि तेलंगाना में 900 से ज्यादा किसानों ने पिछले 10 महीनों में खुदकुशी कर ली लेकिन सरकार इस संख्या को 100 से भी कम बता रही है। कांग्रेस ने कहा कि जब सरकार को बदहाल किसानों की मदद करनी चाहिए तब राज्य सरकार कांग्रेस के मत्थे आरोप मढ़ रही है।
अविभाजित आंध्र प्रदेश में एक दशक तक शासन करने वाली कांग्रेस पिछले साल आंध्र और तेलंगाना दोनों जगह बुरी तरह से चुनाव हार गई। राहुल गांधी की इस यात्रा को इन दोनों राज्यों में कांग्रेस कैंप में उत्साह भरने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है। राहुल की इस पदयात्रा में हजारों कांग्रेसी शामिल हुए।
राहुल ने कहा कि जब ओलों और बेमौसम बारिश से फसलें तबाह हो रही थी, तब मोदीजी किसानों से मिलने नहीं आए। यहां तेलंगाना में 'मिनी मोदी' किसानों की बदहाली देखने नहीं गए।
कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तेलंगाना के सूखा प्रभावित इलाकों के दौरे पर हैं। राहुल जब वह भाषण दे रहे थे तब एक अनुवादक वहां की स्थानीय भाषा में उनके भाषण का अनुवाद कर रहा था।
राहुल गांधी ने भूमि अधिग्रहण विधेयक के मुद्दे पर हाल ही में मोदी सरकार पर प्रहार करते हुए उसे 'सूट-बूट की सरकार' कहा था। वह लगातार मोदी सरकार पर किसान विरोधी और पूंजीपति समर्थक होने का आरोप लगा रहे हैं। राहुल ने अपने कई भाषणों में इस बात का जिक्र किया है।
तेलंगाना में शुक्रवार को राहुल ने कहा, 'मैं सिर्फ एक दिन तेज़ धूप में आपके पास आया हूं, लेकिन आप हर दिन इस चिलचिलाती धूप में काम करते हैं। आपकी इसी कमरतोड़ मेहनत से ही हमें खाना मिलता है।'
शुक्रवार सुबह राहुल ने करीब 15 किलोमीटर पैदल यात्रा की। वह अदिलाबाद जिले में उन किसान परिवारों से मिलने पहुंचे, जिनके घरों में पिछले एक साल में किसी ने खुदकुशी की है। यहां एक ग्रामीण ने राहुल के बारे में तारीफ भरे लहजे में कहा कि उनके साथ धीरे-धीरे चलना बहुत मुश्किल है क्योंकि वह बहुत तेज चलते हैं।
ऐसे ही एक गांव में बोंडला वसंथा के पति ने पिछले साल कर्ज के कारण खुदकुशी कर ली थी। वसंथा ने राहुल से कहा कि जब राज्य की सत्ताधारी पार्टी तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) को पता चला कि आप आने वाले हैं तो इन्होंने आनन फानन में मदद की। इतना कह वसंथा राहुल के पैरों पर गिर गईं।
राहुल गांधी की टीम ने सभी पांच परिवारों को एक-एक लाख रुपये की मदद की। कांग्रेस ने कहा कि तेलंगाना में 900 से ज्यादा किसानों ने पिछले 10 महीनों में खुदकुशी कर ली लेकिन सरकार इस संख्या को 100 से भी कम बता रही है। कांग्रेस ने कहा कि जब सरकार को बदहाल किसानों की मदद करनी चाहिए तब राज्य सरकार कांग्रेस के मत्थे आरोप मढ़ रही है।
अविभाजित आंध्र प्रदेश में एक दशक तक शासन करने वाली कांग्रेस पिछले साल आंध्र और तेलंगाना दोनों जगह बुरी तरह से चुनाव हार गई। राहुल गांधी की इस यात्रा को इन दोनों राज्यों में कांग्रेस कैंप में उत्साह भरने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है। राहुल की इस पदयात्रा में हजारों कांग्रेसी शामिल हुए।
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