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This Article is From Mar 06, 2019

Rafale Case in SC: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 'बिना राफेल के हम पाक के F-16 का सामना कैसे करेंगे'

Rafale Case: राफेल मामले (Rafale Deal) में पुनर्विचार याचिकाओं पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  में सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राफेल डील से जुड़े गोपनीय कागजात रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए.

Rafale deal Hearing in SC: राफेल पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

नई दिल्ली:

Rafale Case: राफेल मामले (Rafale Deal) में पुनर्विचार याचिकाओं पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  में सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राफेल डील से जुड़े गोपनीय कागजात रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए. इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से पूछा कि फिर सरकार ने अब तक क्या किया. तो एजी ने बताया कि सरकार इस बात की जांच कर रही है कि यह चोरी कैसे हुई. कोर्ट में एन राम के एक लेख का जिक्र आने के बाद केंद्र सरकार ने यह बात कही.

अब राफेल मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आगे की सुनवाई 14 मार्च को होगी. आज की सुनवाई में याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि कोर्ट का फ़ैसला सरकार द्वारा दिए ग़लत नोट पर आधारित था. आपको बता दें दिसंबर 2018 में कोर्ट ने राफेल सौदे में फैसला सुनाया था और कहा था इस सौदे में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं है. पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ़ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा है कि कुछ मुद्दे न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर होते हैं. राफेल संबंधित कागज़ात दस्तावेज़ वर्तमान या पूर्व कर्मियों ने चुराए हैं, उन्हीं दस्तावेंज़ो को अधार बनाकर याचिका दी गई है. अखबार हिंदू ने कागज़ात सार्वजनिक करके गोपनीयता क़ानून का उल्लंघन किया है. अखबर हिंदू ने कागज़ात सार्वजनिक करके 'ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट' का उल्लंघन किया है.

इस पर जस्टिस जोसेफ़ ने कहा कि सरकार गोपनीयता क़ानून के पीछे छुप नहीं सकती. अगर भ्रष्टाचार हुआ तो भी सीक्रेट ऐक्ट की शरण लेगी. राफेल पर बहस के पिछले सप्ताह पाकिस्तान के साथ वायु क्षेत्र में हुई झड़प का जिक्र करते हुए अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि एफ-16 लड़ाकू विमानों के हमले से देश की रक्षा के लिए राफेल विमानों की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'राफेल विमानों के बगैर हम उनका प्रतिवाद कैसे कर सकते हैं.' उन्होंने कहा कि पूरी तरह उड़ान के लिए तैयार अवस्था में राफेल लड़ाकू विमानों के दो स्क्वाड्रन भारत आ रहे हैं. पहला इस साल सितंबर तक भारत पहुंच जाएगा. सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यदि अब CBI जांच के निर्देश दिए जाते हैं, तो देश को भारी नुकसान होगा.'
 

Rafale Deal Case in Supreme Court Update:-

 

-सुप्रीम कोर्ट में राफेल विमान सौदे पर सुनवाई 14 मार्च तक के लिए स्थगित की गई

- राफेल विमान सौदे से जुड़े केस में देश के प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने पूछा, "मुख्य सवाल यह है कि क्या कोर्ट को सबूत या दस्तावेज़ को नहीं जांचना चाहिए, अगर उसकी प्रासंगिकता है, या भ्रष्टाचार हुआ...?" अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, "इसकी जांच नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह रक्षा तथा गोपनीयता से जुड़ा मामला है..."

- राफेल लड़ाकू विमानों के दो स्क्वाड्रन उड़ान भरने लायक स्थिति में आ रहे हैं, पहला स्क्वाड्रन इस साल सितंबर में आएगा: अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से कहा

- राफेल लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है. यद्यपि 1960 के दशक वाले मिग-21 ने एफ-16 के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया है: अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से कहा

- हाल में हमारे देश पर बम बरसाने वाले एफ-16 लड़ाकू विमानों से अपने देश की रक्षा के लिये हमें राफेल लड़ाकू विमान चाहिये. राफेल के बिना हम उनका कैसे प्रतिरोध कर सकते हैं- अटॉर्नी जनरल

- राफेल विमान सौदे से जुड़े केस में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, "यदि अब CBI जांच के निर्देश दिए जाते हैं, तो देश को भारी नुकसान होगा..."

 

 

- अटॉर्नी जनरल ने कहा- यहां आरटीआई एक्ट लागू नहीं होता. ये कागजात गोपनीय बताए गए थे, लेकिन इन्हें सार्वजनिक कर दिया गया. यह सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन है. 

- एजी ने कोर्ट को बताया का राफेल का पहला बैच सितंबर तक आ जाएगा. 52 पायलटों को फ्रांस दो या तीन महीने की ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा. 

- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह आप नेता संजय सिंह की पुनर्विचार याचिका की सुनवाई नहीं करेगा क्योंकि उन्होंने न्यायालय के बारे में अपमानजनक बयान दिये हैं.

- मामले पर लंच के बाद दो बजे फिर सुनवाई शुरू होगी.

- प्रशांत भूषण: राइट टू इंफोरमेशन एक्ट ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट से ऊपर है.

- एजी वेणुगोपाल ने कहा- जो किया गया है, वह अपराध है. हम इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि ये दस्तावेज संलग्न नहीं किए जा सकते. रिव्यू को खारिज किया जाए.

- सीजेआई रंजन गोगोई- लंच के बाद केंद्र बताए कि इस मुद्दे पर आप क्या कर रहे हैं? आप कह रहे हैं कि आप कार्रवाई कर रहे हैं तो ये क्या कार्रवाई है?

- कोर्ट ने एजी से कहा कि आप कह रहे हैं कि कागजात चोरी हुए तो इसे लेकर क्या कर रहे हैं? 

- AG  केके वेणुगोपाल: राफेल संबंधित कागजात ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत हैं. द हिंदू ने ये पब्लिश किए हैं.

- प्रशांत भूषण ने एनराम द्वारा दिए गए 8 पेज की नेगोशिएटिंग टीम के तीन सदस्यों की रिपोर्ट हिंदी में दिखाई.

- प्रशांत भूषण ने सरकार के सीलबंद नोट में तथ्यात्मक गड़बड़ियां होने की बात कही. उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला सरकार के दिए गलत नोट पर आधारित था. सरकार ने भी अपने नोट में टाइप की भूल से मतलब बदलने की बात स्वीकारी थी.

- प्रशांत भूषण: राफेल फैसले में कई सारी गलतियां हैं, जिन तथ्यों पर भरोसा किया गया है.

- सुप्रीम कोर्ट ने राफेल संबंधी कोई भी अतिरिक्त दस्तावेज लेने से इनकार किया.

- वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने बहस करते हुए कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त हलफनाम देना चाहते हैं जो एन राम के लेख पर है. इस पर सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि हम किसी और हलफनामे को नहीं देखना चाहते.

पीएम मोदी बोले- अगर हमारे पास राफेल होते तो..., राहुल गांधी ने भी किया पलटवार

बता दें, बीते 26 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट राफेल मामले पर दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया था. कोर्ट ने कहा था कि ये सुनवाई खुली अदालत में होगी. दरअसल, राफेल पर 14 दिसंबर के फैसले पर चार याचिकाएं दाखिल की गई थीं. पहली संशोधन याचिका केंद्र सरकार द्वारा दाखिल की थी, जिसमें कहा गया है कि कोर्ट फैसले में CAG रिपोर्ट संसद के सामने रखी गई की टिप्पणी को ठीक करे.

राफेल मामला अब खुली अदालत में, फिर से सुनवाई करने के लिए तैयार हुआ सुप्रीम कोर्ट

 केंद्र का कहना था कि कोर्ट ने सरकारी नोट की गलत व्याख्या की है. प्रशांत भूषण, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने पुनर्विचार याचिका में अदालत से राफेल आदेश की समीक्षा करने के लिए कहा था, जिसमें कहा गया कि सरकार ने राफेल जेट का अधिग्रहण करने के लिए निर्णय लेने की सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया है. AAP नेता संजय सिंह की याचिका भी लंबित है. प्रशांत भूषण की चौथी याचिका जो सरकार द्वारा गए नोट में अदालत को गुमराह करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई चाहती है. इसमें लिखा गया कि CAG ने राफेल पर संसद को अपनी रिपोर्ट सौंपी.

VIDEO: राफेल मामले की फिर सुनवाई को तैयार सुप्रीम कोर्ट

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