एडलवाइज ग्लोबल एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड (Edelweiss Asset Management Limited) की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) राधिका गुप्ता ने इंस्टाग्राम पोस्ट करके अपनी “टेढ़ी गर्दन” के लिए तंग किए जाने से लेकर देश में सबसे कम उम्र की सीईओ बनने तक के अपने प्रेरक सफर को साझा किया है.
इंस्टाग्राम पोस्ट में राधिका ने लिखा “मैं एक टेढ़ी गर्दन के साथ पैदा हुई थी. लेकिन यह बात मुझे घर से बाहर करने के लिए पर्याप्त नहीं थी. मैं हमेशा स्कूल में नई बच्ची थी; पिता जी एक राजनयिक थे. भारत में आने से पहले पाकिस्तान, न्यूयॉर्क और दिल्ली में रहती थी. मेरे नाइजीरिया आने से पहले मेरे भारतीय लहजे को आंका गया और मेरा नाम ‘अपू' रखा गया, जो द सिम्पसन्स का एक पात्र है,”
39 साल की राधिका गुप्ता कहती हैं कि स्कूल के दिनों में उनका आत्म-सम्मान कम था क्योंकि उस दौरान उनकी मां के साथ लगातार उनकी तुलना की जाती थी. राधिका की मां उनकी स्कूल में काम करती थीं. उनको लोग तेजस्वी महिला कहते थे और मुझे उनके मुकाबले बदसूरत बताते थे.
गुप्ता ने कहा जब मुझे सातवीं नौकरी से निराश होना पड़ा तो मैंने 22 साल की उम्र में आत्महत्या करने के बारे में सोचा. “मैंने खिड़की से बाहर देखा और कहा, ‘मैं कूद जाऊँगी.'इसके बाद एक दोस्त ने मुझे एक मनोरोग वार्ड में पहुंचाया और मेरी मदद की. इसके बाद मैंने नौकरी भी की.
कुछ सालों के बाद, अपने पति और एक दोस्त के साथ मिलकर अपनी संपत्ति प्रबंधन फर्म शुरू की. कंपनी को बाद में एडलवाइस एमएफ द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया. इसके बाद "मैं कॉर्पोरेट सीढ़ी पर चढ़ने लगी. गुप्ता ने कहा कि उनके पति ने उन्हें कंपनी के सीईओ के रूप में बागडोर संभालने के लिए प्रोत्साहित किया. कहा, "आप नौकरी के लिए सबसे अच्छे व्यक्ति हैं.
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