सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा सौंपे गए हलफनामे से उलट पंजाब के लुधियाना में पत्रकारों, शिक्षकों, वकीलों और कोर्ट के कर्मचारियों समेत कई पेशेवर समूहों के लिए कोविड टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी. लुधियाना जिला प्रशासन ने कहा है कि समाज की भलाई को देखते हुए इन लोगों को कोरोना का टीका देने का फैसला किया गया है.
लुधियाना के उपायुक्त वरिंदर कुमार शर्मा ने कहा है कि समाज के हित में सभी बैंकों में काम करने वाले व्यक्तियों, सभी शैक्षणिक संस्थानों के कर्मचारियों, गैर-सरकारी संगठनों के सभी सदस्यों, पत्रकारों, न्यायालयों के अधिवक्ता / न्यायिक कर्मचारी, कोऑपरेटिव सोसाइटी के सभी अधिकारियों और फूड ग्रेन सोसाइटी के लोगों जिन्होंने कोविड-19 की रोकथाम के लिए काम किया है, अब टीकाकरण करवा सकते हैं.
कोविड टीकाकरण में जजों, वकीलों को प्राथमिकता देना भेदभावकारी होगा, कोर्ट में बोली केंद्र सरकार
बता दें कि केंद्र सरकार ने आज ही सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि कोविड -19 टीकाकरण अभियान में न्यायाधीशों, वकीलों और कानूनी बिरादरी के अन्य सदस्यों को प्राथमिकता देना भेदभावपूर्ण होगा. एक जनहित याचिका पर केंद्र ने एक नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि पेशे के आधार पर टीकाकरण के लिए किसी को सूचीबद्ध करना राष्ट्र के हित में नहीं है. PIL में जजों, वकीलों, कोर्ट के कर्मचारियों और कानूनविदों को प्राथमिकता के तौर पर पहले टीका देने की मांग की गई थी.
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केंद्र ने अपने एफिडेविट में कहा, "कोविड-19 टीकाकरण अभियान वकीलों के लिए एक अलग वर्ग के आधार पर नहीं चलाया जा सकता है. पेशे के आधार पर टीकाकरण को प्राथमिकता देना राष्ट्रीय हित में नहीं है, इससे देश में भेदभाव पैदा होगा."
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