पुणे पुलिस ने बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) के रिटायर्ड जज बी जी कोलसे पाटिल को 31 दिसंबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की इजाजत देने ने इनकार कर दिया है. पाटिल 2017 में हुए एल्गार परिषद (Elgar Parishad) के कार्यक्रम के आयोजकों में से एक रहे हैं. बुधवार को पुणे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाटिल ने शहर में गणेश कला क्रीडा मंच पर एक भव्य कार्यक्रम की योजना बनाई थी लेकिन पुलिस ने इजाजत देने से इनकार कर दिया.
पुणे के पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने कहा, "हमने COVID-19 के मद्देनजर लगे प्रतिबंधों और कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया है."
जस्टिस कोलसे-पाटिल ने अपने पत्र में अनुमति मांगते हुए कहा था कि यह आयोजन लोकतंत्र, स्वतंत्रता और संविधान को "अमर्यादित" रखने के बारे में होगा. जब उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि आयोजन की अनुमति नहीं दिए जाने के खिलाफ आयोजक अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
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बता दें कि 31 दिसंबर, 2017 को आयोजित एल्गार परिषद का सम्मेलन तब विवादों में घिर गया था, जब पुणे पुलिस ने आरोप लगाया था कि आयोजन के अगले दिन भीमा कोरेगांव युद्ध स्मारक के पास उसकी वजह से हिंसा भड़क उठी थी. पुलिस ने आरोप लगाया था कि एल्गार परिषद में भड़काऊ भाषण दिए गए थे, जिसके परिणामस्वरूप जातीय हिंसा भड़की थी.
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यह भी आरोप लगाया गया था कि इस घटना का माओवादियों ने समर्थन किया था और बाद में जांच के क्रम में वरवारा राव और सुधा भारद्वाज सहित कई वामपंथी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था.
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