दिल्ली विधानसभा में आज नेशनस पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (NRC) के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया. अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में अध्यक्ष से कहा कि ''अपनी नागरिकता साबित करने के लिए मेरे पास भी जन्म प्रमाण पत्र नहीं है. मेरी बीवी के पास भी नहीं है, मेरे मां-बाप के पास भी नहीं है. बस बच्चों के हैं. क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनके परिवार को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा? मेरी पूरी कैबिनेट के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है. अध्यक्ष महोदय आपके पास भी नहीं है.''
दिल्ली विधानसभा ने राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के खिलाफ शुक्रवार को प्रस्ताव पारित किया. एनपीआर और एनआरसी पर चर्चा के लिए बुलाए गए एक दिवसीय विशेष सत्र में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से इन्हें वापस लेने की अपील की.
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्रियों से कहा कि वे दिखाएं कि क्या उनके पास सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र हैं? केजरीवाल ने विधानसभा में विधायकों से कहा कि यदि उनके पास जन्म प्रमाण पत्र हैं, तो वे हाथ उठाएं. इसके बाद दिल्ली विधानसभा के 70 सदस्यों में से केवल नौ विधायकों ने हाथ उठाए. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सदन में 61 सदस्यों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं हैं। क्या उन्हें निरोध केंद्र भेजा जाएगा?''
दिल्ली विधानसभा में NCT दिल्ली की बैठक हुई. यह बैठक इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए की गई कि भारतीय संसद ने हाल ही में CAA के माध्यम से नागरिकता अधिनियम, 1955 में कुछ संशोधन किए हैं, जिसे 12 दिसंबर, 2019 को राष्ट्रपति द्वारा स्वीकार किया गया था. इस तथ्य पर आगे ध्यान देते हुए कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को शुरू करने की कवायद बहुत जल्द शुरू होने वाली है, जिसमें 9 नए बिंदुओं पर डेटा प्राप्त करने का प्रस्ताव है.
इस तथ्य पर ध्यान देना होगा कि जनता में आम धारणा है कि भारत सरकार जनता से अपनी नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज मांगेगी और प्राप्त दस्तावेजों और नए एनपीआर के आधार पर एक नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) तैयार करेगी.
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