विज्ञापन
This Article is From Apr 10, 2025

कौन हैं नरेंद्र मान, जिन्हें सरकार ने तहव्वुर राणा मामले में बनाया है अपना वकील

तहव्वुर राणा मामले में सरकार ने नरेंद्र मान को विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया है. मान की नियुक्ति अगले तीन साल के लिए की गई है. आइए जानते हैं कि कौन है नरेंद्र मान.

कौन हैं नरेंद्र मान, जिन्हें सरकार ने तहव्वुर राणा मामले में बनाया है अपना वकील
नई दिल्ली:

मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमल के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया जा रहा है.राणा को प्रत्यर्पित कर भारत लाया जा रहा है. इस बीच सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से केस की सुनवाई के लिए नरेंद्र मान को स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (विशेष सरकार वकील) नियुक्त किया है. उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है. इसके लिए सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. 

कौन हैं नरेंद्र मान

नरेंद्र मान एक जानेमाने वकील हैं. उन्होंने इससे पहले सीबीआई के लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के रूप में कई हाई-प्रोफाइल मामलों को संभाला है. इनमें 2018 में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) पेपर लीक मामला भी शामिल है. कई बड़े मामलों में पहले से पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की भूमिका निभा चुके नरेंद्र मान को अब सरकार ने तहव्वुर राणा केस की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है. 

सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक मान की नियुक्ति एनआईए केस नंबर RC-04/2009/NIA/DLI से संबंधित है. यह मामला पाकिस्तान मूल के तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ है. इन दोनों पर मुंबई पर 26 नवंबर 2008 को हुए हमलों की साजिश रचने का आरोप है. अब नरेंद्र मान इस केस की सुनवाई एनआईए की स्पेशल कोर्ट, दिल्ली और संबंधित अपीली अदालतों में करेंगे.नरेंद्र मान की नियक्ति तीन साल के लिए की गई है. उनकी नियुक्ति अधिसूचना प्रकाशित होने की तारीख से लागू मानी जाएगी. यदि ट्रायल इससे पहले पूरा हो जाता है, तो उनकी जिम्मेदारी वहीं खत्म हो जाएगी. 

अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट की ओर से तहव्वुर हुसैन राणा के भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी देने के बाद उसे भारत लाया जा रहा है.वह आज भारत पहुंचेगा. राष्ट्रीय जांच एजेंसी उसको हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी.

अजमल कसाब को किसने दिलवाई थी फांसी

मुंबई पर 26 नवंबर 2008 को हुए हमले के दौरान अजमल कसाब को सुरक्षा बलों ने जिंदा पकड़ा था. उस पर मुंबई में मुकदमा चलाया गया था. इस मामले में महाराष्ट्र सरकार की ओर से मशहूर वकील उज्जल निकम ने पैरवी की थी. अदालत ने कसाब को फांसी की सजा सुनाई थी. कसाब को 21 नवंबर, 2012 को पुणे के यरवडा जेल में फांसी दे दी गई थी. निकम महाराष्ट्र के कई हाई प्रोफाइल मामलों में पैरवी कर चुके हैं. इनमें मुंबई हमले के अलावा मुंबई में 1993 में हुई बम धमाकों का मामला भी शामिल है. लोकसभा चुनाव से पहले निकम बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी ने उन्हें उत्तर मध्य सीट से टिकट दिया था. वो चुनाव में कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ से हार गए थे. चुनाव के बाद महाराष्ट्र सरकार ने एक बार फिर उन्हें सरकारी वकील नियुक्त कर दिया था. 
 

ये भी पढ़ें: तहव्वुर का कच्चा चिट्ठा: कैसे चुपचाप बिछाया मुंबई हमले का जाल, पढ़िए पूरी कहानी

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com