कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के दो मेडिकल कॉलेजों में घटिया पीपीई किट की आपूर्ति की शिकायत संबंधी पत्र के लीक होने के मामले पर सोमवार को राज्य सरकार से सवाल किया कि क्या चिकित्साकर्मियों के लिए खराब गुणवत्ता वाले निजी सुरक्षा उपकरण की आपूर्ति करने के दोषियों पर कार्रवाई होगी. उन्होंने यह दावा भी किया कि उत्तर प्रदेश सरकार को पीपीई किट से जुड़ा ‘घोटाला' परेशान नहीं कर रहा है, बल्कि वह इससे संबंधित खबर बाहर आने से परेशान है. कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका ने शिकायती पत्र के लीक होने की एसटीएफ जांच के आदेश संबंधी सरकारी बयान का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘ उप्र के कई सारे मेडिकल कालेजों में खराब पीपीई किट दी गई थीं. ये तो अच्छा हुआ सही समय पर वो पकड़ में आ गईं तो वापस हो गईं और हमारे योद्धा चिकित्सकों की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं हुआ.''
यूपी के कई सारे मेडिकल कालेजों में खराब PPE किट दी गई थीं। ये तो अच्छा हुआ सही समय पर वो पकड़ में आ गईं तो वापस हो गईं और हमारे योद्धा डाक्टरों की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं हुआ।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 27, 2020
लेकिन हैरानी की बात ये है कि यूपी सरकार को ये घोटाला परेशान नहीं कर रहा है बल्कि .. 1/2 pic.twitter.com/ef4PHpE1lb
उन्होंने दावा किया, ‘‘हैरानी की बात ये है कि यूपी सरकार को ये घोटाला परेशान नहीं कर रहा है बल्कि ..ये परेशान कर रहा है कि खराब किट की खबर बाहर कैसे आ गई. ये तो अच्छा हुआ कि खबर बाहर आ गई वरना खराब किट का मामला पकड़ा ही नहीं जाता और ऐसे ही रफा-दफा हो जाता.''उन्होंने सवाल किया कि क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी?
..ये परेशान कर रहा है कि खराब किट की खबर बाहर कैसे आ गई।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 27, 2020
ये तो अच्छा हुआ कि खबर बाहर आ गई वरना खराब किट का मामला पकड़ा ही नहीं जाता और ऐसे ही रफा-दफा हो जाता।
क्या दोषियों पर कार्यवाही होगी?
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गौरतलब है कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा के लिए कथित तौर पर खराब गुणवत्ता के निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट की आपूर्ति के मामले में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) के पत्र के लीक होने की जांच उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को सौंपी है. खबरों के मुताबिक पिछले दिनों घटिया पीपीई किट की आपूर्ति को लेकर मेरठ और नोएडा के मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों ने महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा केके गुप्ता को पत्र लिखे थे. पत्रों में पीपीई किट के खराब होने और आकार में छोटे होने की शिकायत की गई थी.
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