नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा पर लगाये गये आरोपों को “आधारहीन” करार दिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सांसद के रूप में उनकी छवि धूमिल करने के लिए अभियान चलाने का आरोप लगाया. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कुछ सांसदों की उन शिकायतों को विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया, जिनमें आरोप लगाया गया है कि चड्ढा ने नियमों का उल्लंघन करते हुए उनकी सहमति के बिना सदन की प्रवर समिति में उनका नाम शामिल करने का प्रस्ताव किया.
राज्यसभा की एक बुलेटिन में कहा गया है कि सभापति को उच्च सदन के सदस्य सस्मित पात्रा, एस फान्गनॉन कोन्याक, एम थंबीदुरई और नरहरि अमीन से शिकायतें मिली थीं. इन शिकायतों में राघव चड्ढा पर अन्य बातों के साथ-साथ सात अगस्त को एक प्रस्ताव पेश करके प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों का उल्लंघन करते हुए उनकी सहमति के बिना उनके नाम शामिल करने का आरोप लगाया गया है.
चड्ढा ने राज्यसभा में 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023' को पारित कराने की प्रक्रिया के दौरान इसे प्रवर समिति के गठन का प्रस्ताव दिया था और इस समिति में शिकायत करने वाले उपरोक्त चार सांसदों के नाम शामिल किए थे.
आप ने एक बयान में कहा, “हम एक सांसद के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के मकसद से अभियान शुरू करने के लिए भाजपा की निंदा करते हैं. यह एक उभरते युवा, निडर और प्रखर सांसद के खिलाफ बेबुनियाद आरोप है और उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए एक सुनियोजित दुष्प्रचार है.”
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