प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में आईएनएस कोलकाता देश के सुपुर्द किया नवी मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट में एसईज़ेड को लेकर नया ऐलान किया, हाई-वे प्रोजेक्ट का ऐलान किया तो वहीं सोलापुर में नेशनल हाईवे-9 का शिलान्यास किया।
रायचूर−सोलापुर 764 केवी ट्रांसमिशन लाइन देश को समर्पित किया। इनमें ज्यादातर मौकों पर वह शिवाजी को याद करना नहीं भूले। अब सवाल है यह महज कृतज्ञता थी या सियासत भी।
नरेंद्र मोदी ने देश में बने सबसे बड़े जंगी जहाज़ आईएनएस कोलकाता को नौसेना को सौंपने के वक्त कहा, जब मैं नौसेना की बात करता हूं तब छत्रपति शिवाजी का स्मरण स्वाभाविक है। नौसेना में सबसे पहले किसी का योगदान था तो छत्रपति शिवाजी का था, छत्रपति शिवाजी ने बहुत अच्छे से जान लिया था कि व्यापार को बढ़ाने के लिए समुद्री सीमा की रक्षा आवश्यक है।
नवी मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट पर एसईज़ेड पोर्ट के शिलान्यास के दौरान भी मोदी शिवाजी को याद करना नहीं भूले। उन्होंने कहा, यह मेरा सौभाग्य है कि छत्रपति शिवाजी की भूमि पर मेरा कार्यक्रम है।
महाराष्ट्र पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर मौके पर छत्रपति शिवाजी याद आए फिर बात चाहे आईएनएस कोलकाता को नौसेना में शामिल करने की हो या फिर जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट में परियोजनाओं के उद्घाटन की हो। मकसद सिर्फ कृतज्ञता नहीं शायद सियासत भी था। राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण पर चुटकी लेकर उन्होंने इसे साबित भी कर दिया।
जेएनपीटी में मंच पर मौजूद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की तरफ देखते हुए मोदी ने कहा, हालत पहले भी ऐसे ही थी, लेकिन मुख्यमंत्री शायद कह नहीं सके। असल में उन्हें अच्छे डॉक्टर का इंतज़ार था और वह समय आ गया है।
दो महीने में मोदी का यह दूसरा महाराष्ट्र दौरा है। शायद इसकी बड़ी वजह तकरीबन दो महीने बाद होने वाला महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। जहां कांग्रेस के पास 80, एनसीपी के पास 62, शिवसेना के पास 45, बीजेपी के पास 46 सीटें हैं।
ज़ाहिर सी बात है इस गणित को उलटने के लिए अमित शाह के नेतृत्व में बीजेपी जोर लगा रही है। ऐसे में नरेंद्र मोदी की महाराष्ट्र यात्रा और नई परियोजनाओं का ऐलान पार्टी के चुनावी खाते को और बढ़ा कर सकता है।
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