
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से 12वीं बार भाषण देंगे.
- भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है. पीएम इसका फ्रेमवर्क बता सकते हैं.
- पीएम मोदी किसानों की सुरक्षा को देखते हुए कृषि क्षेत्र को लेकर अमेरिका के दबावों के खिलाफ सख्त रुख अपनाएंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे. यह 12वां मौका होगा, जब पीएम मोदी लालकिले से देश को संबोधित करेंगे. उम्मीद की जा रही है कि अपने भाषण में वो देश के लिए कई तरह की घोषणाएं करेंगे. इससे पहले 2024 के स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाने, 2047 तक भारत का विकसित राष्ट्र बनाने, 2036 के ओलंपिक खेलों की मेजबानी की दावेदारी करने और 6जी फोन सेवाएं शुरू करने जैसी घोषणाएं की थीं. पीएम मोदी ने एक अगस्त को ट्वीट कर लोगों से अपने भाषण के लिए सुझाव मांगे थे. उन्होंने कहा था कि लोगों के सुझावों को अपने भाषण में शामिल करेंगे. आइए देखते हैं कि इस बार पीएम मोदी लालकिले की प्राचीर से क्या घोषणाएं कर सकते हैं.
तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
भारत इस साल मई में जापान को पछाड़ कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया. अब भारत की नजर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर लगी हुई है. जर्मनी अभी चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. भारत की कोशिश अगले दो-तीन साल में जर्मनी को पछाड़ने की है. साल 2015 में देश की अर्थव्यवस्था 2.1 ट्रिलियन डॉलर थी. यह 2025 में बढ़कर 4.3 ट्रिलियन डॉलर की हो गई है. मतलब की अर्थव्यवस्था का साइज करीब दो गुना बढ़ा है. जानकारों का कहना है कि जीडीपी का विकास अगर इसी रफ्तार से होता रहा तो 2028 में अर्थव्यवस्था का आकार 5.5 ट्रिलियन डॉलर का हो जाएगा. इसके बाद भारत जर्मनी को पछाड़ कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. आईएमएफ ने 2025 में जर्मनी की अर्थव्यस्था के शून्य के रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद जताई है. 2026 में यह 0.9 फीसदी हो सकता है. इसे देखते हुए भारत के तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना जोरों पर है. उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लालकिले से इस लक्ष्य को हासिल करने का खाका खीचें.
As we approach this year's Independence Day, I look forward to hearing from my fellow Indians!
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2025
What themes or ideas would you like to see reflected in this year's Independence Day speech?
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किसानों की बात
अमेरिका काफी समय से भारत से अपना कृषि क्षेत्र खोलने की मांग कर रहा है. इसके लिए वह कई तरह के दवाब बना रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ भी इसी दिशा में उठाया गया कदम है. लेकिन भारत ने भी कह दिया है कि वो अपने किसानों की रक्षा के लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है. संसद में पीएम मोदी ने कहा था कि भले ही उन्हें अपने निजी संबंधों की कीमत चुकानी पड़े वो अपने किसानों और पशुपालकों का अहित नहीं होने देंगे. ट्रंप के टैरिफ वॉर और उसकी भारत के कृषि क्षेत्र पर लगी हुई नजर को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि पीएम मोदी इस दिशा में कोई घोषणा करें.
चुनावी राज्यों को सौगात
इस साल बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. बिहार में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्ष सुप्रीम कोर्ट, संसद और सड़क पर तक लड़ाई लड़ रहा है. इसके अलावा अगले साल मई तक असम,तमिलनाडु, केरल, पुदुचेरी और पश्चिम बंगाल के चुनाव होने हैं. ये इन पांच राज्यों के चुनाव अगले साल के स्वतंत्रता दिवस से पहले ही हो जाएंगे. इसलिए उम्मीद की जा रही है कि पीएम मोदी लालकिले से अपने भाषण इन चुनावी राज्यों के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं. इससे पहले सरकार ने इस साल के बजट में बिहार के लिए कई तरह की घोषणाएं की थी.
युवाओं पर नजर
सरकार ने इस बार के स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (पीएमआईएस) के तहत प्रशिक्षण हासिल कर रहे युवाओं को आमंत्रित किया है. पीएमआईएस से जुड़े देश भर से 100 से अधिक प्रशिक्षुओं को आमंत्रित किया गया है. ये प्रशिक्षु 14 से 16 अगस्त तक अलग-अलग कार्यक्रमों में भाग लेंगे. इस तैयारी को देखते हुए कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री अपने भाषण के दौरान युवाओं के लिए किसी बड़ी योजना का ऐलान कर सकते हैं, जो आज देश की आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा हैं. ऐसा वो पहले भी कर चुके हैं.
जम्मू कश्मीर के लिए क्या होगा बड़ा ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की बड़ी उपलब्धियों में से एक है जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति. यह फैसला मोदी सरकार ने 2019 में लिया था.लेकिन इसके साथ ही राज्य से पूर्ण राज्य का दर्जा वापस लेकर केंद्रशासित राज्य बना दिया था. इसके बाद से ही राज्य के राजनीतिक दल राज्य के पूर्ण दर्ज की बहाली की मांग कर रहे हैं. इसे देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि पीएम मोदी लालकिले से जम्मू कश्मीर के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं. राज्य को कोई बड़ा आर्थिक पैकेज भी दिया जा सकता है.
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