प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने संसद के चालू बजट सत्र में लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई बहस का जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने जमकर कांग्रेस पर निशाना साधा और कांग्रेस को टुकड़े-टुकड़े गैंग का लीडर तक बता डाला. दरअसल, संसद का 2022 का बजट सत्र 31 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ. बजट सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से 11 फरवरी तक और दूसरा भाग 14 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा. लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृत काल तक भारत के विकास में सक्रिय योगदान का समय है. आइए, नया संकल्प लें और अपने पिछले अंतराल को पाटने और देश के विकास के लिए काम करने के लिए एक बनें. मैं हैरान हूं कि कांग्रेस कर्तव्य की बात से बौखला गई है. आप कहते रहते हैं कि 'मोदीजी नेहरूजी का नाम नहीं लेते'. कर्तव्यों पर, पंडित नेहरू ने कहा, 'मैं आपको बताना चाहता हूं, यह एक स्वतंत्र भारत है. हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन आजादी के साथ जिम्मेदारी भी आती है.' यह देश एक और सर्वश्रेष्ठ है और इसी विश्वास के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं.
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कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने देश छोड़ दिया है लेकिन फूट डालो और राज करो का विचार कांग्रेस के डीएनए में है, यही कारण है कि वे 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' की लीडर बन गई है. जब सीडीएस रावत की मृत्यु हुई, लाखों तमिल कतार में प्रतीक्षा में कर रहे थे और जब उनका शरीर गुजरा, तो तमिलों को 'वीरी वडक्कम' कहते हुए सुना गया. यह मेरा देश है. बंगाली, मराठी, तमिल, आंध्र, उड़िया, असमिया, मलयाली, सिंधी, पंजाबी, कन्नड़ और हिंदुस्तानी ने सैकड़ों वर्षों से अपनी अलग पहचान बनाई है. यह पंडित नेहरू की डिस्कवरी ऑफ इंडिया में है. सदन का अपमान किया गया कि राष्ट्र शब्द हमारे संविधान में नहीं आता. राष्ट्र शासन या सरकार की व्यवस्था नहीं है. यह हमारे लिए एक जीवित आत्मा है. हजारों सालों से लोग इससे जुड़े हैं.
महंगाई पर पीएम ने कहा कि पंडित जी ने लाल क़िले से क्या कहा था. कभी कभी कोरिया में लड़ाई भी हमें प्रभाव करती है, जिसके कारण वास्तु की कीमत बढ़ जाती है और यह हमारे नियंत्रण से बहार चला जाता है. आगे कहते हैं कि अगर अमेरिका में भी कुछ हो जाता है तो इसका असर महंगाई पर पड़ता है. अगर वह अभी यहां होते तो पार्टी महंगाई के लिए महामारी को जिम्मेदार ठहराती, लेकिन हम इससे निपट रहे हैं. देश के पहले प्रधानमंत्री ने मंहगाई के आगे हार मान ली थी. महामारी के बावजूद इंफ्लेशन दर 5.2% थी और खाद्य इंफ्लेशन लगभग 3% थी. हमने सुनिश्चित किया कि महामारी के दौरान भी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान न छूएं. यूपीए सरकार के दौरान महंगाई दोगुने अंकों में थी. पी चिदंबरम, जो अब कॉलम लिखते हैं, ने 2012 में कहा था कि लोग पानी की बोतलों और बिस्कुट की कीमतों से सहमत हैं, लेकिन अनाज की कीमत में 1 रुपये की भी बढ़ोतरी पंसद नहीं करते.
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उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें जो 50 साल चलती थीं, नए उपकरण की प्रक्रिया सालों चलती थीं और अंतिम निर्णय के दौरान वह पुरानी हो जाती थी. हमने इस प्रक्रिया को सरल बनाया है. रक्षा क्षेत्र के सभी लंबित मुद्दे, हमने हल करने का प्रयास किया. पहले हम रक्षा उपकरणों के लिए दूसरे देशों को देखते थे, स्पेयर पार्ट्स के लिए भी हम दूसरे देशों पर निर्भर थे. देश के रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर होना राष्ट्रीय सेवा है.
'मेक इन इंडिया' का मतलब है कोई कमीशन नहीं, कोई भ्रष्टाचार नहीं, इसलिए विपक्ष इसे निशाना बना रहा है. आज पंचिंग बैग बदल गया है लेकिन इरादा अब भी वही है. कांग्रेस के पास ऐसे लोग हैं जो कहते हैं कि उद्यमी कोरोना वायरस का ही एक रूप हैं. कुछ लोग मोदी मोदी मोदी कहते रहते हैं. आप मोदी के बिना एक मिनट भी नहीं बिता सकते.
पीएम के भाषण की अन्य बातें-
जो इतिहास से सबक नहीं लेते, वो इतिहास में खो जाते हैं.
60 से 80 के दशक तक नेहरू इंदिरा जी को टाटा बिरला की सरकार कहा जाता था.
जहां तक यूनिकॉर्न का संबंध है, हम शीर्ष 3 में हैं.
देश के यूनिकॉर्न बहुत तेजी से एक सदी की ओर बढ़ रहे हैं.
2014 से पहले 500 स्टार्टअप, इन 7 वर्षों में 60,000 स्टार्टअप.
पीएम गतिशक्ति योजना लॉजिस्टिक्स लागत को कम करेगी.
स्वतंत्रता के बाद इन 5 वर्षों में सबसे तेज गति से ग्रामीण सड़कों का विकास किया गया है. ऑप्टिकल फाइबर का काम चल रहा है. ये काम हैं जो रोजगार पैदा करते हैं.
हम वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा हैं. हम एमएसएमई पर फोकस कर रहे हैं.
आपके लिए फाइल ही सब कुछ थी, हमारे लिए 130 करोड़ की जिंदगी मायने रखती है. तुम फाइलों में खो गए थे, हमने जिंदगियों पर ध्यान दिया.
गरीबी से छुटकारा पाने के लिए हमें अपने छोटे किसानों को मजबूत करने की जरूरत है.
जो लोग जीवन भर महलों में रहे हैं, उन्हें छोटे किसानों की चिंता नहीं है.
महामारी के दौरान देश ने छोटे किसानों को मुश्किलों से बचाने के लिए बड़ा फैसला लिया है.
हमारा कुल निर्यात अपने उच्चतम स्तर पर है और वह भी कोविड के दौरान.
देश ने महामारी के दौरान किसी को मरने नहीं दिया. 80 करोड़ से ज्यादा को मिला मुफ्त राशन.
आपने निश्चय कर लिया है कि आप जिन मुद्दों से जुड़े हैं, उनसे 100 साल तक सत्ता में नहीं आने वाले हैं.
आप को क्या हुआ? आप कहां हैं? इतने सारे राज्य, कोई आपको प्रवेश नहीं करने दे रहा.
जिन्हें योग का अभिमान नहीं है, आपने उनका भी मज़ाक उड़ाया है.
आप महात्मा गांधी का नाम लेते हैं. अगर मैं लोकल के लिए वोकल चैंपियन हूं, तो क्या आप नहीं चाहते कि भारत आत्मानबीर बन जाए? आप नहीं चाहते कि महात्मा गांधी के सपने सच हों.
कुछ लोग इस बात का इंतजार कर रहे थे कि वायरस से पीएम मोदी की छवि धूमिल हो जाए.
कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं को महाराष्ट्र छोड़ने के लिए उकसाया.
विशेषज्ञों ने कहा कि तुम जहां हो वहीं रहो, तब कांग्रेस ने प्रवासी मजदूरों को लौटने के लिए प्रोत्साहित किया और पहली लहर के दौरान उन्हें मुफ्त टिकट दिया.
कोरोनावायरस एक वैश्विक महामारी है, लेकिन कुछ ने राजनीतिक लाभ के लिए इसका दुरुपयोग भी किया.
आज भारत 100% पहली खुराक और 80% पहली खुराक के करीब है.
आलोचना लोकतंत्र का गहना है. लेकिन अंधविरोध लोकतंत्र का अपमान है.
उन्हें आईना मत दिखाओ, वो शीशा तोड़ देंगे
- इतने सारे नुकसान के बाद भी आपका अहंकार बना रहता है और आपका पारिस्थितिकी तंत्र इसे जाने नहीं देता.
- नागालैंड के लोगों ने पिछली बार 1988 में कांग्रेस को वोट दिया था. ओडिशा ने आपको 1995 में वोट दिया था - 27 साल हो गए. 1994 में गोवा, आपने एकल बहुमत जीता, लेकिन तब से गोवा ने आपको स्वीकार नहीं किया. 1988 में, त्रिपुरा, 34 साल, आपको वोट मिला. 1985 में यूपी, बिहार, गुजरात, पिछले साल बंगाल में.
- जनता ने आपको पहचाना, कुछ पहले ही पहचान चुके हैं और कुछ भविष्य में पहचानेंगे. 50 वर्षों तक आपको यहां बैठने का अवसर मिला है. तो इसके बारे में क्यों नहीं सोच सकते?
- मुद्दा चुनाव नतीजों का नहीं, उनकी मंशा का है. सवाल यह है कि इतने लंबे समय तक सत्ता में रहने के बाद भी देश की जनता उन्हें बार-बार नकार क्यों रही है.
- गरीबों का भी बैंक खाता है. अब सरकार का पैसा सीधे उनके खाते में पहुंचता है. अगर आप जमीन से जुड़े हैं और जनता के बीच रहते हैं, तो यह दिखाई देगा. लेकिन दुख की बात है कि आप में से बहुत से लोग जिनका समय 2014 से रुका हुआ है और वे इससे बाहर नहीं आ सकते हैं और आपको इसका परिणाम भुगतना पड़ा है.
- आजादी के इतने साल बाद जब किसी गरीब के घर में रोशनी आती है तो उसकी खुशी से देश की खुशी बढ़ जाती है.
- आजादी का अमृत महोत्सव एक प्रेरणादायक क्षण है. यह प्रतिज्ञा का समय है.
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद एक नई विश्व व्यवस्था अस्तित्व में आई. मैं देखता हूं कि महामारी के बाद, दुनिया एक नई विश्व व्यवस्था की ओर बढ़ेगी, ऐसा टर्निंग प्वाइंट, जिससे हमें चूकना नहीं चाहिए. विश्व पटल पर भारत की आवाज सुनी जानी चाहिए.
- मैं देख रहा हूं कि महामारी के दौरान दुनिया एक नए क्रम की ओर बढ़ रही है.
- देश ने लता जी को खो दिया. जिनकी आवाज ने देश को मंत्रमुग्ध और प्रेरित किया. उन्होंने 36 भाषाओं में गाया, यह देश की एकता और अखंडता की मिसाल है. आज मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
पीएम मोदी ने संसद में लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित की
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