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दिल्ली में ताबड़तोड़ हो रही हैं बैठकें, पाकिस्तान के 'भाग्य' पर फैसला लेगी नरेंद्र मोदी सरकार

नई दिल्ली में आज होने वाली पहली बैठक सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट की कमेटी की बैठक थी. बुधवार को अंतिम बैठक कैबिनेट की होगी. इन दोनों के बीच सुपर कैबिनेट मानी जाने वाली सीसीपीए और सीसीई की बैठक भी होगी. इन बैठकों में सरकार पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रतिक्रियाओं पर फैसला लेगी.

नई दिल्ली:

पहलगाम आतंकी हमले के बाद से देश का माहौल गर्म है.लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा सातवें आसमान पर है. दिल्ली में लगातार हाई लेबल बैठकें हो रही हैं. बुधवार को भी चार उच्च स्तरीय बैठकें होंगी. इन्हें काफी अहम माना जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की थी. इसमें पीएम ने आतंक के खिलाफ कार्रवाई के लिए सेनाओं को अपने फैसले लेने की छूट दी थी. इसके बाद आज सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस), राजनीतिक मामलों को कैबिनेट केमेटी (सीसीपीए), कैबिनेट की आर्थिक मामलों की कमेटी (सीसीईए) और कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है. इन बैठकों में पहलगाम हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया पर अहम फैसले हो सकते हैं. 

कितनी महत्वपूर्ण है सीसीएस की बैठक

सीसीएस की बैठक 11 बजे शुरू हुई. इस बैठक के एजेंडे में सबसे ऊपर पहलगाम आतंकी हमले के बाद होनी वाली सैन्य प्रतिक्रिया थी. इससे पहले सीसीएस की एक बैठक 23 अप्रैल को हुई थी. इसी में सरकार ने सिंधु जल समझौते को निलंबित रखने, शार्ट टर्म वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने, पाकिस्तानी उच्चायोग ने राजनयिकों की संख्या कम करने जैसे फैसले लिए गए थे. 

मंगलवार को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.

मंगलवार को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.

सीसीएस के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं.उनके अलावा रक्षा मंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री और विदेश मंत्री भी इसमें शामिल होते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए), कैबिनेट सचिव और रक्षा सचिव भी सीसीएस की बैठकों में शामिल होते हैं, लेकिन वे इसके स्थायी सदस्य नहीं हैं. 

सीसीए की बैठक के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राजनीतिक मामलों को कैबिनेट केमेटी (सीसीपीए) की बैठक अभी चल रही है. इस कमेटी को सुपर कैबिनेट भी कहा जाता है. साल 2019 में पुलवामा हमले के बाद भी सीसीपीए की बैठक हुई थी. इसमें पाकिस्तान से 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' का दर्जा वापस ले लिया गया था. वहीं वायुसेना ने 26 फरवरी 2019 को बालाकोट में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. 

सीसीपीए राजनीतिक और आर्थिक हालात की समीक्षा कर फैसले लेती है. यह समिति उन आर्थिक नीतियों और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मसलों पर भी विचार करती है जिनका राजनीतिक असर होता है. सीसीपीए के अध्यक्ष पीएम नरेंद्र मोदी हैं. इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, नागरिक उड्डयन मंत्री के राम मोहन नायडू, एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी, शिपिंग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी शामिल हैं. 

मोदी कैबिनेट लगाएगी सरकार के फैसलों पर मुहर

इसके बाद दिन की तीसरी बड़ी मीटिंग कैबिनेट की आर्थिक मामलों की कमेटी (सीसीईए) की होगी. बुधवार को अंतिम बैठक कैबिनेट की होगी. पहलगाम हमले के बाद पहली बार कैबिनेट की बैठक होगी. सरकार की ओर से अब तक लिए गए फैसलों और पाकिस्तान के खिलाफ की जाने वाली प्रतिक्रिया पर कैबिनेट की बैठक में मुहर लगेगी. 

नई दिल्ली में मंगलवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में भाग लेते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना के अधिकारी. इस बैठक की अध्यक्षता पीएम मोदी ने की.

नई दिल्ली में मंगलवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में भाग लेते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना के अधिकारी. इस बैठक की अध्यक्षता पीएम मोदी ने की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शीर्ष रक्षा अधिकारियों से कहा कि सशस्त्र बलों को पहलगाम आतंकवादी हमले के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय निर्धारित करने की पूरी अभियानगत छूट है. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित शीर्ष रक्षा अधिकारी शामिल हुए.  इसमें पीएम मोदी ने कहा था कि  सेनाओं को पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय निर्धारित करने की पूरी अभियानगत छूट है.उन्होंने शस्त्र बलों की क्षमता में पूर्ण विश्वास जताते हुए कहा कि आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है. 

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