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महाकुंभ में मची भगदड़ की जांच के लिए संगम तट पहुंचा न्यायिक आयोग, अस्पताल का भी किया दौरा

पुलिस के मुताबिक, महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर स्नान के दिन भगदड़ की घटना इसलिए हुई, क्योंकि भीड़ बैरिकेड को तोड़कर दूसरी तरफ घाट पर बैठे लोगों को कुचलते हुए आगे बढ़ गई. इस घटना में 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 लोग घायल हुए हैं.

महाकुंभ में मची भगदड़ की जांच के लिए संगम तट पहुंचा न्यायिक आयोग, अस्पताल का भी किया दौरा
प्रयागराज:

महाकुंभ भगदड़ की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग शुक्रवार को प्रयागराज में संगम नोज स्थित घटनास्थल पर पहुंचा. जांच आयोग ने अधिकारियों से जानकारी ली. इसके बाद आयोग के सदस्यों ने एसआरएन अस्पताल में भर्ती घायलों से पूछताछ की. इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता वाले इस आयोग में पूर्व पुलिस महानिदेशक वी के गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डी के सिंह शामिल हैं.

एक अधिकारी ने बताया कि आयोग दोपहर में संगम नोज पर पहुंचा, जहां मंगलवार देर रात भगदड़ मची थी. आयोग के साथ मौजूद मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, डीआईजी वैभव कृष्ण, एसएसपी राजेश द्विवेदी सहित अन्य अधिकारियों ने आयोग के सदस्यों को जानकारी दी. आयोग ने भारी सुरक्षा के बीच उस क्षेत्र का भ्रमण किया.

आयोग संगम से शहर स्थित स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल पहुंचा जहां आयोग के सदस्यों ने भगदड़ में घायल लोगों और उनके तीमारदारों से बातचीत करके स्थिति के बारे में जानकारी जुटायी. शाम पांच बजे तक आयोग सर्किट हाउस लौट आया.

आयोग ने अधिकारियों से पूछे 4 सवाल

1- जब आपको पता था कि इतनी ज्यादा संख्या में भीड़ आने वाली है तो सुरक्षा के इंतजाम क्या किए थे?

2- यह घटना संगम क्षेत्र के अलावा और कहां-कहां हुई?

3- मीडिया में जो वीडियो वायरल हो रहे हैं, उनकी क्या हकीकत है? क्या झूंसी में भी कोई घटना हुई है?

4- सभी घटनाओं के सीसीटीवी फुटेज दिखाइए. भीड़ कंट्रोल के लिए बनाई प्लानिंग का विवरण दीजिए.

पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर आयोग के एक सदस्य ने कहा, “मैं फिलहाल टिप्पणी नहीं करना चाहता. आज हमने घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति की समीक्षा की.”

आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति हर्ष कुमार ने कहा कि आयोग को जांच करने के लिए एक महीने का समय मिला है, लेकिन यह तेजी से जांच करेगा.

पुलिस के मुताबिक, यह घटना इसलिए हुई क्योंकि भीड़ बैरिकेड को तोड़कर दूसरी तरफ घाट पर बैठे लोगों को कुचलते हुए आगे बढ़ गई. इस घटना में 30 लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि 60 लोग घायल हो गए थे.

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