फाइल फोटो
मुंबई:
महाराष्ट्र समेत देश के कई हिस्सों में झमाझम बरसात हो रही है, लेकिन लातूर आज भी पीने के पानी के लिये जलदूत के ही आसरे है। अबतक पानी की ये ट्रेन सांगली के मिरज से लातूर के 100 चक्कर लगा चुकी है।
लातूर में पिछले दो महीने से बहुत ज्यादा बरसात नहीं हुई है, हालात ऐसे हैं कि मांजरा डैम अब भी बूंदों की बाट जोह रहा है। लातूर की प्यास बुझाने वाले मांजरा डैम में 10 टीएमसी पानी जमा हो सकता है लेकिन फिलहाल डैम में 10 फीसदी पानी भी नहीं भरा है। ऐसे में छिटपुट बरसात के बीच स्थानीय प्रशासन की दरख्वास्त है कि पानी वाली ट्रेन और फेरियां लगाए।
लातूर के मेयर दीपक सुले का कहना है कि मांजरा डैम की हालत और बरसात की बेरूखी देखते हुए वो सरकार से गुजारिश करेंगे कि फिलहाल जलदूत को जारी रखा जाए। अप्रैल के महीने से 50 डिब्बों वाला जलदूत लातूर के 100 चक्कर लगा चुका है। 342 किलोमीटर की दूरी तय कर ये ट्रेन लातूर की प्यास बुझा रहा है। इस ट्रेन का सफर जून में खत्म होना था, लेकिन शहर की तकलीफ को देखते हुए इसकी मियाद बढ़ना तय है।
लातूर में पिछले दो महीने से बहुत ज्यादा बरसात नहीं हुई है, हालात ऐसे हैं कि मांजरा डैम अब भी बूंदों की बाट जोह रहा है। लातूर की प्यास बुझाने वाले मांजरा डैम में 10 टीएमसी पानी जमा हो सकता है लेकिन फिलहाल डैम में 10 फीसदी पानी भी नहीं भरा है। ऐसे में छिटपुट बरसात के बीच स्थानीय प्रशासन की दरख्वास्त है कि पानी वाली ट्रेन और फेरियां लगाए।
लातूर के मेयर दीपक सुले का कहना है कि मांजरा डैम की हालत और बरसात की बेरूखी देखते हुए वो सरकार से गुजारिश करेंगे कि फिलहाल जलदूत को जारी रखा जाए। अप्रैल के महीने से 50 डिब्बों वाला जलदूत लातूर के 100 चक्कर लगा चुका है। 342 किलोमीटर की दूरी तय कर ये ट्रेन लातूर की प्यास बुझा रहा है। इस ट्रेन का सफर जून में खत्म होना था, लेकिन शहर की तकलीफ को देखते हुए इसकी मियाद बढ़ना तय है।
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