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This Article is From Nov 23, 2017

संसद में ट्रिपल तलाक पर पाबंदी को लेकर राजनीतिक घमासान के आसार

कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने पर आपत्ति नहीं, राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए बिल लाए जाने पर समर्थन नहीं करेगी

संसद में ट्रिपल तलाक पर पाबंदी को लेकर राजनीतिक घमासान के आसार
संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार तीन तलाक पर पाबंदी लगाने के लिए बिल लाने की तैयारी कर रही है.
नई दिल्ली: सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान तीन तलाक पर कानूनी पाबंदी लगाने के लिए बिल की तैयारी में जुटी है, लेकिन सवाल है कि क्या सरकार इस पर राजनीतिक सहमति बना पाएगी? गुरुवार को कांग्रेस ने कहा कि पार्टी तीन तलाक के खिलाफ जरूर है, लेकिन उसने बिल लाने के प्रस्ताव का खुलकर समर्थन नहीं किया. पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर बिल सुप्रीम कोर्ट के कहने पर लाया जा रहा है तो पार्टी को कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन अगर ये पहल राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए है तो कांग्रेस इसका समर्थन नहीं करेगी.

लेफ्ट भी इस मामले पर कांग्रेस के साथ खड़ा दिख रहा है. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने एनडीटीवी से कहा, "क्या ये प्रस्ताव गुजरात चुनाव से पहले सिर्फ एक जुमला है, गुजरात में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण तेज करने के लिए? बिल के ड्राफ्ट को देखने के बाद ही हम अपना स्टैंड तय करेंगे".

यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से तीन तलाक में आई कमी, भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन का दावा

उधर राज्यसभा सांसद अली अनवर ने सरकार पर एक संवेदनशील मामले पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. अनवर ने आरोप लगाया कि सरकार मुस्लिम समुदाय को बांटने की कोशिश कर रही है, और उसकी मंशा मुस्लिम महिलाओं की मदद करने की नहीं, इस मसले पर राजनीति करने की है.

VIDEO: तीन तलाक पर सरकार की नीयत पर विपक्ष ने उठाए सवाल

ट्रिपल तलाक पर प्रतिबंध लगाने के सवाल पर विपक्षी दलों के रुख से साफ है कि इस संवेदनशील मसले पर राजनीतिक आम राय बनाना सरकार के लिए आसान नहीं होगा. अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस मसले से निपटने के लिए क्या राजनीतिक रणनीति अख्तियार करती है.

(इनपुट भाषा से)

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