विज्ञापन
This Article is From Jun 09, 2024

प्रधानमंत्री मोदी के साथ बनेंगी मंत्री: रक्षा खडसे की राजनीति और संघर्ष की कहानी

रक्षा 2014, 2019 और अब 2024 में रावेर लोकसभा सीट से भारी अंतर से जीती है. रक्षा महाराष्ट्र बीजेपी के कद्दावर नेता एकनाथ खडसे की बहू है.

प्रधानमंत्री मोदी के साथ बनेंगी मंत्री: रक्षा खडसे की राजनीति और संघर्ष की कहानी
नई दिल्ली:

मोदी 3.0 मंत्रियों का शपथग्रहण रविवार शाम हो गया. कौन मंत्री बनेगा इसकी चर्चा हर तरफ हो रही थी. आखिर जब लिस्ट खुली तो 72 नाम निकले. इसमें महाराष्ट्र की रावेर लोकसभा सीट से चुनकर आईं रक्षा खडसे ( Raksha Khadse) का नाम भी था. कुल  रक्षा 2014, 2019 और अब 2024 में रावेर लोकसभा सीट से भारी अंतर से जीती है. रक्षा महाराष्ट्र बीजेपी के कद्दावर नेता एकनाथ खडसे की बहू है. रक्षा का राजनीति में प्रवेश गहरे वैयक्तिक सदमे के बाद हुआ जब उनके पति निखिल खडसे ने खुदको गोली मार कर हत्या की थी. 

Latest and Breaking News on NDTV

निजी मुश्किलों के बावजूद डटी रही रक्षा 

1 मे 2013 का वह दिन था जब घर में खाना बना रही रक्षा ने गोली की आवाज सुनी और वह दौड़ती रसोई से रूम तक पहुंची. रक्षा के पति निखिल खड़से ने खुदको गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी. यह खड़से परिवार के लिए एक बड़ा हादसा था. निखिल की आत्महत्या का कारण 2011 में विधान परिषद चुनावों में हुई हार को बताया जाता है. एनसीपी के मनीष जैन ने एकनाथ खडसे के बेटे निखिल को हराया था. इस आपदा के बाद रक्षा अपने परिवार के साथ खड़ी हुई और चुनावी मैदान में उतरी. 

एक भी चुनाव नहीं हारी है रक्षा खड़से 

12 मे 1987 में जन्मी रक्षा खडसे 2014 लोकसभा चुनाव रावेर लोकसभा से 318608 की भारी लीड से जीती और 26 साल की उम्र में तब की सबसे युवा लोकसभा सांसद बनी थी. रक्षा खडसे का राजकीय जीवन असलियत में उनके पति के गुजरने के बाद शुरू हुआ था. हालांकि उससे पहले वह कोथली ग्रामपंचयत में सरपंच रह चुकी थी. फिर 2012 में पति के गुजरने से रिक्त हुई जिला परिषद की सीट पर रक्षा खड़से को चुना गया. 

Add image caption here

रक्षा खडसे महाराष्ट्र के रावेर लोकसभा से तीसरी बार बनी सांसद.

2014 के चुनावों में रक्षा खडसे टिकट की दौड़ में नहीं थी. लेकिन रावेर सीट से उनके पति के पराभव का कारण बने मनीष जैन को एनसीपी ने टिकट दिया. मनीष जैन के निजी ईश्वरलाल जैन ने एकनाथ खडसे को उकसाते हुए कहा कि यह चुनाव अगर खडसे के खिलाफ होता तो मजा आता. फिर रक्षा खडसे मैदान में उतरती है और मनीष जैन को तीन लाख से भी ज्यादा मतों से हराती है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी 60 प्रतिशत वोट के साथ रक्षा ने रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की. 

परिवार बीजेपी से हुआ अलग लेकिन रक्षा ने निभाया साथ 

एकनाथ खडसे पर दाऊद इब्राहिम से संबंध और जमीन घोटाले का आरोप लगा और उन्हें धीरे धीरे बीजेपी और सत्ता से हटाया गया. आखिर एकनाथ खडसे 2020 में बीजेपी को छोड़कर एनसीपी में शामिल हुए. सबकी नजरें अब उनकी बहू रक्षा खडसे पर बनी हुई थी, क्या वह भी बीजेपी छोड़ेंगी यही सवाल पूछा जा रहा था. लेकिन रक्षा बीजेपी के साथ बनी रही है. उन्होंने कहा कि मैं पार्टी नहीं छोडूंगी क्योंकि मुझे पार्टी में कोई दिक्कत नहीं है. कुछ महीनों पहले ही एकनाथ खडसे की फिर एक बार बीजेपी में घरवापसी हो गई है. 

आज मंत्री पद के लिए कॉल आने के बाद रक्षा तुरंत दिल्ली पहुंची. रक्षा ने पीएम मोदी से मुलाकात की और उनसे मिलने के बाद NDTV के साथ बातचीत में कहा," प्रधानमंत्री ने हमें शुभकामनाएं दी. उनके आशीर्वाद से हमें आगे सरकार में काम करना है. नरेंद्र मोदी ने देश के लिए जो काम किया है वह ऐतिहासिक है. देश को आगे ले जाने में नरेंद्र मोदी की अहम भूमिका रही है. जनता ने हमें 5 साल और मौका दिया है. मुझे लगता है कि अगले 5 साल में और अच्छे से काम होगा. हमें देश की जनता की सेवा करनी है."

यह भी पढ़े : शपथ ग्रहण के लिए सांसदों को आने लगे फोन, जीतनराम मांझी, जयंत चौधरी और अनुप्रिया पटेल को बुलाया- सूत्र

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com