उद्योग जगत को एक कड़ा संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि निजी क्षेत्र अब भी कर आतंकवाद व चुनिंदा छूट जैसे ‘पुराने मुद्दों’ पर ही अटका हुआ। मोदी ने कहा कि केवल मुकेश अंबानी के लिए ‘लालफीताशाही’ खत्म हो, आम जनता के लिए नहीं, ऐसा नहीं हो सकता।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनका काम ‘किसी के मुंह में निवाला देना नहीं है।’’ उद्योग यदि सरकार की नीतियों के अनुकूल हैं तो वे उसके साथ जुड़ें, अन्यथा वे वहीं बने रहें जहां हैं। मोदी ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में जोर देकर कहा है कि उनकी सरकार आम आदमी के लिए काम कर रही है। उनकी प्राथमिकता देश की गरीब जनता है।
उन्होंने कहा है कि यह उद्योगों का काम है कि वे राजकाज में सुधार की प्रक्रिया के लिए किए गए उपायों का फायदा उठाने के लिए कदम बढ़ाएं। उन्होंने कहा, ‘सरकार का काम सभी के लिए सुशासन देना है। मेरी सरकार नीतियां बनाएगी, अगर आप उसमें ठीक बैठते हैं तो उसके साथ चलिए, अन्यथा जहां हैं वहीं बने रहिए।’
मोदी ने कहा, ‘मेरा काम किसी के मुंह में निवाला देना नहीं है। देश का निजी क्षेत्र अब भी कर आतंकवाद व चुनिंदा छूट जैसे ‘पुराने मुद्दों’ पर अटका पड़ा है।’ मोदी ने कहा, ‘यही कारण है कि हमने 2015-16 के बजट में अनेक ऐसे मुद्दों पर ध्यान देने और उन्हें समान रूप से सही करने की कोशिश की। हम जानते हैं कि करोड़ों भारतीयों के लिए रोजगार व अवसर का सृजन के लिए इस तरह के कदम महत्वपूर्ण हैं। मैं सभी के लिए अपना यह आश्वासन दोहराउंगा : अगर आप एक कदम उठाते हैं तो हम दो कदम उठाने को तयार हैं।’
वह इस संबंध में एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि व्यवसाय जगत इस बात से नाराज है कि कारोबार के वातावरण में सुधार के मामले में कुछ खास बदलाव नहीं आया है और हाल में तमाम विदेशी निवेशकों के विरुद्ध कर के नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
प्रमुख बैंकर दीपक पारेख ने हाल ही में कहा था कि नई सरकार के पहले नौ महीने में जमीनी स्तर पर ज्यादा कुछ नहीं बदला है। हर्ष मारीवाला सहित कई अन्य उद्योगपतियों ने भी इस तरह की टिप्पणियां की थीं। उल्लेखनीय है कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया ने हाल ही में कहा कि भले ही आर्थिक वृद्धि में बदलाव दिख रहा हो लेकिन यह धारणा अब भी बनी हुई है कि निचले स्तर पर अभी कुछ नहीं बदला है।
कारोबारी समुदाय की नाराजगी के बारे में एक सवाल पर मोदी ने कहा, ‘सबसे पहले तो आपको यह समझना होगा कि मेरी सरकार आम जनता के लिए काम कर रही है। हमारी प्राथमिकता देश के गरीब हैं। हम गतिशील व सहज सरकार के जरिए सुशासन देना चाहते हैं। सभी क्षेत्रों में परिणाम नजर आ रहे हैं। हमने जो प्रक्रिया शुरू की है उसका फायदा उठाने के लिए उद्योग जगत को आगे आना होगा।’
उन्होंने मीडिया से भी कहा कि वह ‘दो चीजों को एक साथ रखे- कांग्रेस द्वारा हमारे खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों व उद्योगतियों की हमसे शिकायतों को।’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस का कहना है कि हम उद्योगपतियों की सरकार हैं और उद्योगपतियों का कहना है कि हम उनके लिए कुछ नहीं कर रहे।’
मोदी ने कहा कि उनका काम नीति निर्देशित सरकार चलाना है। उन्होंने कहा, ‘रेड टेप (लालफीताशाही) नहीं होना चाहिए, अब रेड टेप नहीं होना चाहिए मतलब मुकेश अंबानी के लिए रेड टेप ना हो और एक आम आदमी के लिए रेड टेप हो। वैसा नहीं चल सकता।’ पहले दस महीने में अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि इसे भूतकाल के संदर्भ में देखे जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘जनता हमें किन हालात में सत्ता में लाई थी? और अब क्या हालात हैं? क्या अब भी नीतिगत ढिलाई है? नहीं। क्या पारदर्शिता का मुद्दा है? नहीं। क्या शासन में निष्क्रियता है? नहीं। बल्कि वहां तो गतिशीलता है।’
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