प्रतीकात्मक तस्वीर
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर के एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) का निजी सुरक्षा अधिकारी रहा एक पुलिसकर्मी चार एके-47 राइफलों और 13 मैगजीनों के साथ फरार हो गया है। माना जा रहा है कि वह दक्षिण कश्मीर में उग्रवादियों से मिल गया है।
पुलिस महकमे में खलबली मचा देने वाली यह वारदात श्रीनगर से करीब 50 किलोमीटर दूर बिजबेहरा में उस वक्त सामने आई जब कांस्टेबल शकूर अहमद दो दिन से अपनी ड्यूटी पर नहीं आया।
शकूर के परिवार और अन्य से पूछताछ करने पर बताया गया कि वह दक्षिण कश्मीर के शोपियां स्थित अपने पुश्तैनी गांव के दो और दोस्तों के साथ पिछले कुछ दिनों से लापता है।
आनन-फानन में पुलिस ने हथियारों की गिनती की और पाया कि शकूर चार एके-47 राइफलों और 13 मैगजीनों के साथ फरार हो गया है। एक मैगजीन में 30 गोलियां होती हैं।
शकूर बिजबेहरा के एसडीपीओ इरशाद अहमद की सुरक्षा में तैनात था। पिछले महीने आतंकवादियों ने इरशाद पर उस वक्त हमला किया था जब वह अपने इलाके में एक धार्मिक जुलूस की निगरानी कर रहे थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि ‘भगोड़े’ का पता लगाने के लिए दक्षिण कश्मीर में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
कश्मीर घाटी में ऐसे ही मामले सामने आने के बाद मुश्किल से कुछ माह बाद यह घटना सामने आई है। पिछले साल मार्च में राज्य सरकार के मंत्री अल्ताफ बुखारी का निजी सुरक्षा अधिकारी नसीर अहमद पंडित राइफल लेकर फरार हो गया था और दक्षिण कश्मीर में बुरहान वानी की अगुवाई वाले हिज्बुल मुजाहिदीन नाम के आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया था। बाद में नसीर को बुरहान के साथ तस्वीरें खिंचवाते देखा गया था। पिछले साल सितंबर में कांस्टेबल बशीर अहमद और मोहम्मद रियाज जम्मू-कश्मीर पुलिस की नौकरी छोड़कर हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हो गए थे।
जम्मू क्षेत्र के डोडा जिले में विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) के हथियारों के साथ फरार हो जाने और आतंकवादी संगठन में शामिल होने की तीन घटनाएं हो चुकी हैं।
इस बीच, पुलिस ने बताया कि शोपियां के तीन नौजवान 12 जनवरी से लापता हैं। माना जा रहा है कि ‘भगोड़े’ पुलिसकर्मी के साथ वे भी उग्रवादी संगठन में शामिल हो गए हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन नौजवान, जिनकी उम्र 18-25 साल के बीच है, शोपियां से लापता बताए जा रहे हैं। शोपियां कांस्टेबल शकूर का गृह शहर है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शकूर के खिलाफ आरपीसी की धारा 409 (लोक सेवक द्वारा विश्वासघात) और 380 (घर में चोरी) तथा शस्त्र कानून की धारा 7-25 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस महकमे में खलबली मचा देने वाली यह वारदात श्रीनगर से करीब 50 किलोमीटर दूर बिजबेहरा में उस वक्त सामने आई जब कांस्टेबल शकूर अहमद दो दिन से अपनी ड्यूटी पर नहीं आया।
शकूर के परिवार और अन्य से पूछताछ करने पर बताया गया कि वह दक्षिण कश्मीर के शोपियां स्थित अपने पुश्तैनी गांव के दो और दोस्तों के साथ पिछले कुछ दिनों से लापता है।
आनन-फानन में पुलिस ने हथियारों की गिनती की और पाया कि शकूर चार एके-47 राइफलों और 13 मैगजीनों के साथ फरार हो गया है। एक मैगजीन में 30 गोलियां होती हैं।
शकूर बिजबेहरा के एसडीपीओ इरशाद अहमद की सुरक्षा में तैनात था। पिछले महीने आतंकवादियों ने इरशाद पर उस वक्त हमला किया था जब वह अपने इलाके में एक धार्मिक जुलूस की निगरानी कर रहे थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि ‘भगोड़े’ का पता लगाने के लिए दक्षिण कश्मीर में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
कश्मीर घाटी में ऐसे ही मामले सामने आने के बाद मुश्किल से कुछ माह बाद यह घटना सामने आई है। पिछले साल मार्च में राज्य सरकार के मंत्री अल्ताफ बुखारी का निजी सुरक्षा अधिकारी नसीर अहमद पंडित राइफल लेकर फरार हो गया था और दक्षिण कश्मीर में बुरहान वानी की अगुवाई वाले हिज्बुल मुजाहिदीन नाम के आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया था। बाद में नसीर को बुरहान के साथ तस्वीरें खिंचवाते देखा गया था। पिछले साल सितंबर में कांस्टेबल बशीर अहमद और मोहम्मद रियाज जम्मू-कश्मीर पुलिस की नौकरी छोड़कर हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हो गए थे।
जम्मू क्षेत्र के डोडा जिले में विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) के हथियारों के साथ फरार हो जाने और आतंकवादी संगठन में शामिल होने की तीन घटनाएं हो चुकी हैं।
इस बीच, पुलिस ने बताया कि शोपियां के तीन नौजवान 12 जनवरी से लापता हैं। माना जा रहा है कि ‘भगोड़े’ पुलिसकर्मी के साथ वे भी उग्रवादी संगठन में शामिल हो गए हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन नौजवान, जिनकी उम्र 18-25 साल के बीच है, शोपियां से लापता बताए जा रहे हैं। शोपियां कांस्टेबल शकूर का गृह शहर है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शकूर के खिलाफ आरपीसी की धारा 409 (लोक सेवक द्वारा विश्वासघात) और 380 (घर में चोरी) तथा शस्त्र कानून की धारा 7-25 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
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