बिहार: पूर्णिया से उम्मीदवार पप्पू यादव की कार से कैश बरामद, पुलिस ने जब्त की गाड़ियां

तेजस्वी यादव और पप्पू यादव के बीच उस समय से ही खींचतान और एक दूसरे पर बयानबाजी का दौर जारी है जब से महागठबंधन के तहत यह सीट आरजेडी के पास चली गई और आरजेडी ने इस सीट से बीमा भारती को मैदान में उतार दिया.

बिहार: पूर्णिया से उम्मीदवार पप्पू यादव की कार से कैश बरामद, पुलिस ने जब्त की गाड़ियां

दूसरे चरण के तहत पूर्णिया में 26 अप्रैल को मतदान होना है.

बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट इन दिनों काफी चर्चा में है. यहां से पप्पू यादव बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. पप्पू यादव इन दिनों अपने क्षेत्र में जमकर चुनाव प्रचार करने में लगे हुए हैं. इसी बीच खबर ये है कि इस दौरान उनकी गाड़ी की जांच की गई. जांच के दौरान पुलिस को उनकी गाड़ी से कैश भी बरामद हुआ है. इस बारे में कटिहार के एसडीपीओ अभिजीत कुमार सिंह ने भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हमें दरअसल ऐसी सूचना प्राप्त हुई थी कि पूर्णिया संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव गांव में घूमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं और पैसे बांट रहे हैं. इसकी सूचना मिलने पर जब हमने उनकी गाड़ी को रोका तो वो गलत शब्दों का इस्तेमाल करने लगे.

जांच में गाड़ी से क्या कुछ बरामद हुआ

अभिजीत कुमार सिंह ने ने कहा कि पप्पू यादव ने समर्थकों को बुलाकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. फिर हमने जब गाड़ी का जांच कराई तो उसमें से पर्चे मिले और पैसे भी बरामद हुए, जिनकी गिनती अभी जारी है. जबकि गाड़ियों की परमिशन नहीं थी. दो या तीन गाड़ियां जब्त की गई है. पर्चे और पैसे भी जब्त कर लिए गए हैं.  

पूर्णिया में कल यानी 26 अप्रैल को दूसरे चरण के तहत वोटिंग होनी है, ऐसे में चुनाव प्रचार थम चुका है. लेकिन पप्पू यादव अपने समर्थकों के साथ फिर भी चुनाव करते नजर आए.

क्यों चर्चा में पूर्णिया सीट

लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के तहत पूर्णिया में 26 अप्रैल को मतदान होना है. यह सीट नामांकन के बाद से ही चर्चाओं में रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह है तेजस्वी यादव और पप्पू यादव के बीच चल रही खींचतान. मंगलावर की शाम को मामला उस वक्त और गरमा गया जब पूर्णिया में रोड शो के दौरान तेजस्वी यादव और पप्पू यादव के समर्थक आपस में भिड़ गए. बता दें कि तेजस्वी यादव यहां महागठबंधन की उम्मीदवार बीमा भारती के प्रचार के लिए आए थे. जबकि पप्पू यादव पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. 

दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच भिड़ंत उस समय हुई जब तेजस्वी यादव का काफिला पूर्णिया के लाइन बाजार से गुजर रहा था. तेजस्वी यादव का काफिला जैसे ही लाइन बाजार के पास पहुंचा वैसे ही पप्पू यादव और तेजस्वी यादव के समर्थकों की तरफ से जिंदाबाद के नारे लगने लगे. इसके बाद जब पुलिस ने देखा कि माहौल और खराब होने की आशंका है तो पुलिस ने दोनों दलों के समर्थकों को अलग करके तेजस्वी यादव के काफिले को वहां से निकाला. पुलिस के बीच बचाव के बाद ही हंगामे को काबू किया जा सका. 

तेजस्वी और पप्पू यादव के बीच खींचतान

तेजस्वी यादव और पप्पू यादव के बीच उस समय से ही खींचतान और एक दूसरे पर बयानबाजी का दौर जारी है जब से महागठबंधन के तहत यह सीट आरजेडी के पास चली गई और आरजेडी ने इस सीट से बीमा भारती को मैदान में उतार दिया. पप्पू यादव ने आरजेडी के इस ऐलान से कुछ समय पहले ही कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय किया था. जानकारों का मानना है कि पप्पू यादव ने ऐसा इस उम्मीद के साथ किया था कि पार्टी उन्हें पूर्णिया से चुनाव में टिकट दे देगी. लेकिन जब यह सीट महागठबंधन के समझौते के तहत आरजेडी की झोली में चली गई और आरजेडी ने बीमा भारती को यहां से अपना उम्मीदवार बना दिया तो पप्पू यादव ने यहां से निर्दलीय नामांकन करने का फैसला किया. 

पप्पू यादव ने चुनाव से पहले कांग्रेस में किया अपनी पार्टी का विलय

पूर्णिया सीट से फिलहाल जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता संतोष कुशवाहा सांसद हैं. पप्पू यादव 1990 के दशक में इस सीट से तीन बार जीत दर्ज कर चुके हैं, अब वह बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में होने के बावजूद प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं. इससे पहले तेजस्वी यादव ने अपनी राजनीतिक पार्टी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था, लेकिन इंडिया गठबंधन की ओर से पूर्णिया से उन्हें नहीं, बल्कि बीमा भारती को टिकट दिया गया, जिससे उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया, इसके बाद उन्होंने पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया.

ये भी पढ़ें : OBC का हक छीनकर अपने वोट बैंक को मजबूत करना चाहती हैं सपा-कांग्रेस : आगरा में PM मोदी

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

ये भी पढ़ें : सलमान खान केस : आरोपियों के पास थीं 40 गोलियां, फायरिंग के बाद 3 बार बदले थे कपड़े