नई दिल्ली:
अरविंद केजरीवाल के प्रदर्शन को लेकर पांच मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें दंगा फैलाने का मामला भी दर्ज किया गया है।
केजरीवाल और उनके समर्थक कोयला आवंटन को लेकर पीएम, सोनिया और गडकरी के घर का घेराव करने निकले थे।
इस प्रदर्शन में केजरीवाल समर्थकों की पुलिस से झड़प भी हुई और लाठीचार्ज भी हुआ।
केजरीवाल और उनके सहयोगियों को हिरासत में भी लिया गया। अब पुलिस तोड़-फोड़ का वीडियो फुटेज देख रही है जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। इससे पहले टीम अन्ना पर कभी मामला दर्ज नहीं हुआ है।
ध्यान रहे, गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की अनुपस्थिति में अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दिल्ली सहित देशभर के कई राज्यों में शक्ति प्रदर्शन किया। उनके नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास के पास जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और पानी की बौछारें करनी पड़ी।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान केजरीवाल और किरन बेदी के बीच मतभेद भी खुलकर सामने आए। किरन जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ प्रदर्शन के विरोध में थीं वहीं केजरीवाल कांग्रेस के साथ भाजपा पर भी हमला करने से नहीं चूके।
केजरीवाल ने यहां तक तक कह दिया कि देश में विपक्ष है ही नहीं। कांग्रेस और भाजपा दोनों भ्रष्टाचार में लिप्त हैं जबकि बेदी का भाजपा के प्रति रुख थोड़ा नरम रहा। हालांकि बेदी ने बाद में इस आरोप को खारिज भी किया। उन्होंने यह भी कहा कि आईएसी एकाएक देश के लिए विकल्प नहीं हो सकता।
छिटपुट तरीके से शुरू हुए केजरीवाल व उनके सहयोगियों के इस विरोध प्रदर्शन ने दोपहर बाद चमत्कारिक ढंग से विकराल रूप धारण कर लिया। इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के कार्यकर्ताओं की इतनी बड़ी संख्या देख पुलिस दंग रह गई। ये कार्यकर्ता मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवास का घेराव करने की अपनी घोषणा को अमली जामा पहनाने निकले थे।
गडकरी के आवास के आसपास का क्षेत्र जहां अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण था, वहीं सोनिया के 10 जनपथ और प्रधानमंत्री के सात रेसकोर्स मार्ग स्थित आवास के पास जोरदार शक्ति प्रदर्शन हुआ।
जब घंटों चले नाटक के बाद नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए तो पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें छोड़ी और आंसू गैस के गोले दागे।
केजरीवाल और अधिवक्ता व आईएसी नेता प्रशांत भूषण ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उसने बगैर किसी उकसावे के बल प्रयोग किया।
भूषण ने एक बस के अंदर से कहा, "यह सब करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने अनावश्यक रूप से पानी की बौछारों और आंसू गैस का प्रयोग किया।"
केजरीवाल ने विरोध प्रदर्शन को सफल बताया और कहा कि आईएसी इस मुद्दे को घर-घर तक पहुंचाने में सफल रही है कि कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), दोनों जिम्मेदार हैं।
केजरीवाल ने उत्साही भीड़ को सम्बोधित करते हुए कहा, "हमने सरकार के असली चेहरे को बेनकाब किया है। हमने बताया है कि कांग्रेस और भाजपा ने इस देश को लूटा है।"
विरोध प्रदर्शन शुरू होने के सात घंटे से अधिक समय बाद लगभग 2.30 बजे केजरीवाल ने विरोध प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा की।
पुलिस ने यह कहते हुए बल प्रयोग को जायज ठहराया कि वीआईपी इलाकों में आईएसी का विरोध प्रदर्शन अनधिकृत था।
इसके पहले, रविवार तड़के पुलिस ने केजरीवाल और छह अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया था, लेकिन थाने के बाहर जब सैकड़ों समर्थकों ने जुटकर नारेबाजी शुरू की तो लगभग दो घंटे बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
केजरीवाल को मनमोहन सिंह के आवास के करीब एक पुलिस बैरिकेड के पास दो अन्य सहयोगियों के साथ रोक दिया गया था।
आईएसी के अन्य नेता, मनीष सिसोदिया को सहयोगियों के साथ 10 जनपथ के बाहर हिरासत में ले लिया गया था।
आईएसी के एक प्रवक्ता ने कहा, "हिरासत में लिए गए कुछ कार्यकर्ताओं के साथ हाथापाई की गई।"
पूरे समूह को जब रिहा कर दिया गया तो केजरीवाल और अन्य कार्यकर्ता जंतर मंतर पहुंचे और मनमोहन सिंह के आवास पर दोबारा लौटने का संकल्प लिया, जिसे उन्होंने पूरा किया।
केजरीवाल ने सवाल किया कि सरकार आखिर उन्हें क्यों रोक रही है। केजरीवाल ने कहा, "हमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन से आखिर क्यों रोका जा रहा है? कांग्रेस और भाजपा इतने विरोध प्रदर्शन करती है। उन्हें कभी नहीं रोका जाता। जब राज ठाकरे बगैर पुलिस अनुमति के रैली आयोजित करते हैं, हजारों लोग उसमें हिस्सा लेते हैं, तब उन्हें नहीं रोका जाता, अलबत्ता उन्हें पुलिस सुरक्षा दी जाती है। यदि हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हैं तो फिर हमें क्यों हिरासत में लिया जाता है?"
दोपहर तक सैकड़ों कार्यकर्ता हाथों में राष्ट्रध्वज लिए प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष के आवास की ओर बढ़े। इसे देखकर मुट्ठीभर पुलिसकर्मी दंग रह गए। केजरीवाल जहां मनमोहन सिंह के आवास के पास थे, तो भूषण सोनिया के आवास के पास।
एक समय पुलिस ने कार्यकर्ताओं को पीछे धकेलने की कोशिश की, जिसके बाद दोनों पक्षों में टकराव की नौबत आ गई। भीड़ 'हल्ला बोल' और 'वी वांट जस्टिस' का नारा लगाते हुए आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी।
केजरीवाल ने विरोध प्रदर्शन को लम्बे समय तक जारी रखने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, "यदि वे यह सोचते हैं कि वे भ्रष्टाचार करते रहेंगे तो हम भी विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। हम निश्चिततौर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह हमारी क्रांति है।"
एक चकित करने वाले कदम के तहत दिल्ली मेट्रो ने घोषणा की कि वे सभी छह स्टेशन खुले रहेंगे, जिन्हें विरोध प्रदर्शन को नाकाम करने के क्रम में रविवार को सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक बंद रखने की घोषणा की गई थी।
केजरीवाल और उनके समर्थक कोयला आवंटन को लेकर पीएम, सोनिया और गडकरी के घर का घेराव करने निकले थे।
इस प्रदर्शन में केजरीवाल समर्थकों की पुलिस से झड़प भी हुई और लाठीचार्ज भी हुआ।
केजरीवाल और उनके सहयोगियों को हिरासत में भी लिया गया। अब पुलिस तोड़-फोड़ का वीडियो फुटेज देख रही है जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। इससे पहले टीम अन्ना पर कभी मामला दर्ज नहीं हुआ है।
ध्यान रहे, गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की अनुपस्थिति में अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दिल्ली सहित देशभर के कई राज्यों में शक्ति प्रदर्शन किया। उनके नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास के पास जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और पानी की बौछारें करनी पड़ी।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान केजरीवाल और किरन बेदी के बीच मतभेद भी खुलकर सामने आए। किरन जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ प्रदर्शन के विरोध में थीं वहीं केजरीवाल कांग्रेस के साथ भाजपा पर भी हमला करने से नहीं चूके।
केजरीवाल ने यहां तक तक कह दिया कि देश में विपक्ष है ही नहीं। कांग्रेस और भाजपा दोनों भ्रष्टाचार में लिप्त हैं जबकि बेदी का भाजपा के प्रति रुख थोड़ा नरम रहा। हालांकि बेदी ने बाद में इस आरोप को खारिज भी किया। उन्होंने यह भी कहा कि आईएसी एकाएक देश के लिए विकल्प नहीं हो सकता।
छिटपुट तरीके से शुरू हुए केजरीवाल व उनके सहयोगियों के इस विरोध प्रदर्शन ने दोपहर बाद चमत्कारिक ढंग से विकराल रूप धारण कर लिया। इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के कार्यकर्ताओं की इतनी बड़ी संख्या देख पुलिस दंग रह गई। ये कार्यकर्ता मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवास का घेराव करने की अपनी घोषणा को अमली जामा पहनाने निकले थे।
गडकरी के आवास के आसपास का क्षेत्र जहां अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण था, वहीं सोनिया के 10 जनपथ और प्रधानमंत्री के सात रेसकोर्स मार्ग स्थित आवास के पास जोरदार शक्ति प्रदर्शन हुआ।
जब घंटों चले नाटक के बाद नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए तो पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें छोड़ी और आंसू गैस के गोले दागे।
केजरीवाल और अधिवक्ता व आईएसी नेता प्रशांत भूषण ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उसने बगैर किसी उकसावे के बल प्रयोग किया।
भूषण ने एक बस के अंदर से कहा, "यह सब करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने अनावश्यक रूप से पानी की बौछारों और आंसू गैस का प्रयोग किया।"
केजरीवाल ने विरोध प्रदर्शन को सफल बताया और कहा कि आईएसी इस मुद्दे को घर-घर तक पहुंचाने में सफल रही है कि कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), दोनों जिम्मेदार हैं।
केजरीवाल ने उत्साही भीड़ को सम्बोधित करते हुए कहा, "हमने सरकार के असली चेहरे को बेनकाब किया है। हमने बताया है कि कांग्रेस और भाजपा ने इस देश को लूटा है।"
विरोध प्रदर्शन शुरू होने के सात घंटे से अधिक समय बाद लगभग 2.30 बजे केजरीवाल ने विरोध प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा की।
पुलिस ने यह कहते हुए बल प्रयोग को जायज ठहराया कि वीआईपी इलाकों में आईएसी का विरोध प्रदर्शन अनधिकृत था।
इसके पहले, रविवार तड़के पुलिस ने केजरीवाल और छह अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया था, लेकिन थाने के बाहर जब सैकड़ों समर्थकों ने जुटकर नारेबाजी शुरू की तो लगभग दो घंटे बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
केजरीवाल को मनमोहन सिंह के आवास के करीब एक पुलिस बैरिकेड के पास दो अन्य सहयोगियों के साथ रोक दिया गया था।
आईएसी के अन्य नेता, मनीष सिसोदिया को सहयोगियों के साथ 10 जनपथ के बाहर हिरासत में ले लिया गया था।
आईएसी के एक प्रवक्ता ने कहा, "हिरासत में लिए गए कुछ कार्यकर्ताओं के साथ हाथापाई की गई।"
पूरे समूह को जब रिहा कर दिया गया तो केजरीवाल और अन्य कार्यकर्ता जंतर मंतर पहुंचे और मनमोहन सिंह के आवास पर दोबारा लौटने का संकल्प लिया, जिसे उन्होंने पूरा किया।
केजरीवाल ने सवाल किया कि सरकार आखिर उन्हें क्यों रोक रही है। केजरीवाल ने कहा, "हमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन से आखिर क्यों रोका जा रहा है? कांग्रेस और भाजपा इतने विरोध प्रदर्शन करती है। उन्हें कभी नहीं रोका जाता। जब राज ठाकरे बगैर पुलिस अनुमति के रैली आयोजित करते हैं, हजारों लोग उसमें हिस्सा लेते हैं, तब उन्हें नहीं रोका जाता, अलबत्ता उन्हें पुलिस सुरक्षा दी जाती है। यदि हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हैं तो फिर हमें क्यों हिरासत में लिया जाता है?"
दोपहर तक सैकड़ों कार्यकर्ता हाथों में राष्ट्रध्वज लिए प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष के आवास की ओर बढ़े। इसे देखकर मुट्ठीभर पुलिसकर्मी दंग रह गए। केजरीवाल जहां मनमोहन सिंह के आवास के पास थे, तो भूषण सोनिया के आवास के पास।
एक समय पुलिस ने कार्यकर्ताओं को पीछे धकेलने की कोशिश की, जिसके बाद दोनों पक्षों में टकराव की नौबत आ गई। भीड़ 'हल्ला बोल' और 'वी वांट जस्टिस' का नारा लगाते हुए आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी।
केजरीवाल ने विरोध प्रदर्शन को लम्बे समय तक जारी रखने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, "यदि वे यह सोचते हैं कि वे भ्रष्टाचार करते रहेंगे तो हम भी विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। हम निश्चिततौर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह हमारी क्रांति है।"
एक चकित करने वाले कदम के तहत दिल्ली मेट्रो ने घोषणा की कि वे सभी छह स्टेशन खुले रहेंगे, जिन्हें विरोध प्रदर्शन को नाकाम करने के क्रम में रविवार को सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक बंद रखने की घोषणा की गई थी।
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