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छत्तीसगढ़ : 4 पत्रकारों की गिरफ्तारी मामले में बड़ा एक्शन, पुलिस निरीक्षक गिरफ्तार; जानें पूरा मामला

बस्तर क्षेत्र के पत्रकारों ने आरोप लगाया था कि सुकमा पुलिस ने रेत माफिया के साथ मिलीभगत कर चार पत्रकारों को फंसाया है.

छत्तीसगढ़ : 4 पत्रकारों की गिरफ्तारी मामले में बड़ा एक्शन,  पुलिस निरीक्षक गिरफ्तार; जानें पूरा मामला
बस्तर के 4 पत्रकारों को आंध्र प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
सुकमा:

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में पुलिस ने एक लॉज के सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर को अवैध रूप से जब्त करने के आरोप में एक पुलिस निरीक्षक को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कोंटा पुलिस थाने के थाना प्रभारी अजय सोनकर के खिलाफ कुछ स्थानीय पत्रकारों द्वारा की गई शिकायत के आधार पर कार्रवाई की गई है. पत्रकारों ने दावा किया था कि छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश सीमा पर मादक पदार्थ पर रोकथाम संबंधी ‘एनडीपीएस' अधिनियम के तहत बस्तर के चार पत्रकारों की गिरफ्तारी के संबंध में अधिकारी की भूमिका संदिग्ध थी.

पत्रकारों को पुलिस ने किया था गिरफ्तार

रविवार को बस्तर के चार पत्रकारों- बप्पी राय, धर्मेंद्र सिंह, मनीष सिंह और निशु त्रिवेदी को आंध्र प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था और कथित तौर पर उनके वाहन से गांजा बरामद किया था. चिंतूर पुलिस (पड़ोसी आंध्रप्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में) ने इन चार पत्रकारों समेत छह लोगों के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. घटना के बाद बस्तर क्षेत्र के पत्रकारों ने आरोप लगाया था कि सुकमा पुलिस ने रेत माफिया के साथ मिलीभगत कर चार पत्रकारों को फंसाया है.

पत्रकारों का क्या आरोप

सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि 11 अगस्त को जिले के कुछ पत्रकारों ने ज्ञापन में आरोप लगाया था कि चिंतूर पुलिस की कार्रवाई के संबंध में कोंटा थाना प्रभारी सोनकर की भूमिका संदिग्ध है. उन्होंने बताया कि इसके बाद आरोपों की जांच के लिए सुकमा के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) परमेश्वर तिलकवार के नेतृत्व में एक दल का गठन किया गया था. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि दंतेवाड़ा के रहने वाले राय और तीन अन्य नौ अगस्त को कोंटा गए थे, जहां इरशाद खान और माडवी पवन नामक दो लोगों ने उन्हें बुलाया था.

अधिकारी ने बताया कि चारों वहां खान के भाई की जन्मदिन पार्टी में शामिल हुए थे. बाद में राय और तीन अन्य ने रेत ठेकेदार चंदू के रेत से लदे ट्रकों को तब रोका जब ट्रक पड़ोसी राज्य जा रहे थे. इसके बाद उनका ट्रक चालकों से विवाद हो गया. इसकी सूचना मिलने पर कोंटा थाना प्रभारी वहां पहुंचे और जायजा लेने के बाद लौट गए. उन्होंने बताया कि बाद में राय और तीन अन्य कोंटा स्थित आरएसएन लॉज में रुके, जहां रेत ठेकेदार चंदू भी रह रहा था. खान और पवन नौ अगस्त की रात राय की कार को कहीं ले गए और लॉज लौट आए. सोनकर भी उसी रात उसी इलाके में गश्त पर थे.

अगले दिन चिंतूर पुलिस ने एनडीपीएस के तहत छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया और चार पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि खान और माडवी फरार बताए गए हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि खान और पवन के खिलाफ पहले भी एनडीपीएस, धोखाधड़ी और अन्य मामलों में अपराध दर्ज हैं. मामला सामने आने के बाद थाना प्रभारी सोनकर आरएसएन लॉज गया और सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर अवैध रूप से ले गया, जो एक अनधिकृत और आपराधिक कृत्य था.

बस्तर क्षेत्र के पत्रकारों ने बुलाई बैठक

उन्होंने बताया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सोनकर को निलंबित कर दिया गया है. चौहान ने बताया कि सोनकर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है तथा उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि मामले में जांच जारी है. इस बीच, बस्तर क्षेत्र के पत्रकारों ने बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर में एक बैठक बुलाई है और पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जिनके पास गृह विभाग भी है, को ज्ञापन सौंपने का फैसला किया है. पत्रकारों ने दावा किया है कि पुलिस ने रेत माफिया के साथ मिलीभगत कर राय के वाहन में गांजा रख दिया, जिससे उन्हें और अन्य लोगों को फंसाया गया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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