दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस अभियान चला रही है. इसी के तहत सोमवार को दक्षिण पश्चिम दिल्ली के वसंत कुंज में पुलिस ने काॅलोनियों में जाकर पहचान पत्र वेरिफिकेशन अभियान चलाया. इस अभियान में 12 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें वापस उनके देश प्रत्यर्पित कर दिया गया.
दक्षिणी रेंज के ज्वाइंट कमिश्नर संजय कुमार जैन ने बताया कि अब तक करीब 50 बांग्लादेशी रिपोर्ट किए गए हैं. अकेले दक्षिणी रेंज में 3000 हजार लोगों का वेटोफिकेशन हुआ है. कई लोगों को की पहचान संदिग्ध पाई गई है. मेघालय और पश्चिम बंगाल बॉर्डर से अवैध तरीके बांग्लादेशी आते है. बॉर्डर क्रॉस करते ही जंगल के रास्ते आगे बढ़ते हैं, फिर एजेंट उन्हें एक फर्जी आधार कार्ड देता है. इसके बाद ये लोग किसी रेलवे स्टेशन या बस अड्डे पहुंचते है. बाद में वहां से दिल्ली पहुंचते हैं.
संजय कुमार जैन ने बताया कि 17 साल से कम उम्र बताकर इनके बर्थ सर्टिफिकेट बनवाए जाते है और इसी के आधार पर आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनवाते है. दिल्ली में ऐसे कई लोग पकड़े गए हैं, जिनके दस्तावेज मेघालय या असम के मिले हैं. पूरा एक सिंडीकेट है, जिसमें बांग्लादेश से लेकर भारत तक एजेंट होते है. एक शख्स से 15 से 50 हजार रुपए तक भारत लाने और यहां बसाने के वसूलते हैं.
दिल्ली पुलिस के दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने इस विषय पर जानकारी देते हुए बताया, "दिल्ली के साउथ वेस्ट जिले में हमने बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए एक सत्यापन अभियान चलाया. इसके लिए विशेष टीमें बनाई गईं और लगभग दो हज़ार लोगों का सत्यापन किया गया. उनके दस्तावेजों की भी जांच की गई और कुछ की प्रक्रिया अभी चल रही है. इस अभियान के दौरान, हमने 12 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को देश से निष्कासित किया है. इनमें से एक व्यक्ति ऐसा था, जो पहले भी डिपोर्ट हो चुका था और फिर से भारत में प्रवेश करके दिल्ली में पाया गया. उसके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे, जिसे हमने पकड़ा और डिपोर्ट किया."
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