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विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पीएम करेंगे बैठक, 27-28 दिसंबर को होगा मंथन

मुख्य सचिवों के इस सम्मेलन में भारत की जनसंख्या को केवल जनसांख्यिकीय लाभांश के तौर पर देखने की जगह नागरिकों को मानव पूंजी के रूप में विकसित करने के लिए सहयोगात्मक कार्रवाई का आधार तैयार किया जायेगा.

विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पीएम करेंगे बैठक, 27-28 दिसंबर को होगा मंथन
नई दिल्ली:

भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने की कवायद तेज़ हो रही है. भारत सरकार इस महत्वकांशी लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्यों को भी "विकसित राज्य" के तौर पर विकसित करने का रोडमैप बना रही है. इस सन्दर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27-28 दिसम्बर को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ दिल्ली में एक अहम बैठक करेंगे.प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, 27 और 28 दिसंबर को दिल्ली में होने वाले मुख्य सचिवों के पांचवें राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्य विषय होगा: विकसित भारत के लिए मानव पूंजी.सम्मलेन में जिन पांच विषयों पर विशेष तौर पर चर्चा होगी उनमें शामिल हैं. प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा, स्कूली शिक्षा , कौशल विकास , उच्च शिक्षा, खेल और पाठ्येतर गतिविधियां शामिल हैं.

शुक्रवार को पीएमओ ने पीएम मोदी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक के अजेंडे पर कहा कि यह सम्मेलन राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं पर आधारित और सतत संवाद के माध्यम से केंद्र-राज्य साझेदारी को मजबूत बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है. प्रधानमंत्री के सहकारी संघवाद  के विज़न पर आधारित यह सम्मेलन एक ऐसे मंच के रूप में कार्य करता है जहां केंद्र और राज्य भारत की मानव पूंजी क्षमता को अधिकतम करने तथा समावेशी भविष्य के लिए तैयार विकास को गति देने के लिए एक एकीकृत प्रारूप तैयार करने के लिए सहयोग करते हैं. 26 से 28 दिसंबर 2025 तक आयोजित होने वाले इस तीन दिवसीय सम्मेलन में एक साझा विकास एजेंडा को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से गहन विचार-विमर्श किया जाएगा".

मुख्य सचिवों के इस सम्मेलन में भारत की जनसंख्या को केवल जनसांख्यिकीय लाभांश के तौर पर देखने की जगह नागरिकों को मानव पूंजी के रूप में विकसित करने के लिए सहयोगात्मक कार्रवाई का आधार तैयार किया जायेगा. इस महत्वकांशी लक्ष्य को हासिल करने के लिए मौजूदा शिक्षा प्रणालियों को मजबूत करने, कौशल विकास की नीतियों को आगे बढ़ाने और देश भर में भविष्य के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए कारगर रणनीति तैयार करना ज़रूरी होगा.सम्मलेन में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों और रणनीतियों पर भी चर्चा होगी.

पीएम की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में कुल छे विशेष सत्र होंगे:

  • राज्यों में विनियमन में ढील (Deregulation in States);
  • शासन में प्रौद्योगिकी (Technology in Governance);
  • अवसर, जोखिम और शमन (Opportunities, Risks & Mitigation);
  • स्मार्ट आपूर्ति श्रृंखला और बाजार संबंधों के लिए एग्रीस्टैक (AgriStack for Smart Supply Chain & Market Linkages);
  • एक राज्य, एक विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल (One State, One World Class Tourist Destination);
  • आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी तथा पोस्ट-एलडब्ल्यूई भविष्य की योजनाएं (Post-LWE Future).

मुख्य सचिवों का ये राष्ट्रीय सम्मेलन पिछले चार साल से हर वर्ष आयोजित किया गया है.  पहले मुख्य सचिवों का सम्मलेन जून 2022 में धर्मशाला में आयोजित किया गया था. इसके बाद जनवरी, 2023, दिसंबर, 2023 और दिसंबर, 2024 में ये सम्मेलन दिल्ली में आयोजित किया गया.इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के अलावा राज्य सरकार/केंद्रशासित प्रदेशों के दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों, संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ और सेक्टोरल एक्सपर्ट्स को भी आमंत्रित किया गया है.

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