पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका में बौद्धों के त्यौहार वेसक दिवस पर लोगों को संबोधित किया.
दो साल के भीतर श्रीलंका की दूसरी यात्रा पर गए पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय वेसक दिवस समारोह के मौके पर बोलते हुए कहा कि वाराणसी और कोलंबो के बीच सीधी फ्लाइट शुरू की जाएगी. वेसक दिवस बौद्ध मतावलंबियों का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है. पीएम मोदी ने कहा कि आज श्रीलंका को बौद्धों का एक प्रमुख स्थल होने पर गर्व है. बौद्ध धर्म की शुरुआत भले ही भारत में हुई थी लेकिन श्रीलंका ने इस धर्म की पवित्र शिक्षाओं को संरक्षित रखा है. आपके माध्यम से हमको अपनी जड़ों की तरफ लौटने की प्रेरणा मिलती है. हमारे राष्ट्रीय प्रतीक चक्र को बौद्ध धर्म से लिया गया है.
इस बीच पीएम मोदी की श्रीलंका यात्रा के मद्देनजर श्रीलंका ने इस महीने चीन के उस अनुरोध को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने अपनी एक पनडुब्बी को कोलंबो में खड़ा करने की अनुमति मांगी थी. इससे पहले श्रीलंका ने पिछली बार अक्टूबर 2014 में एक चीनी पनडुब्बी को कोलंबो में खड़ा करने की इजाजत दी थी, जिसके बाद चीनी पनडुब्बी को खड़ा करने की इजाजत को लेकर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था.
श्रीलंका सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीन ने इस महीने कोलंबो में अपनी एक पनडुब्बी को खड़ा करने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा कि भारत की चिंताओं को देखते हुए, किसी भी समय पनडुब्बी को खड़ा करने के चीन के अनुरोध को स्वीकार करना श्रीलंका के लिए "संभव" नहीं है. अधिकारी ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अपना नाम न लिखने को कहा. रक्षा मंत्रालय के दूसरे अधिकारी ने भी यह कहा कि चीन की इस महीने की मांग को खारिज कर दिया गया था, लेकिन डॉकिंग के अगले निर्णय को भी फिलहाल टाल दिया गया है.
इस बीच पीएम मोदी की श्रीलंका यात्रा के मद्देनजर श्रीलंका ने इस महीने चीन के उस अनुरोध को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने अपनी एक पनडुब्बी को कोलंबो में खड़ा करने की अनुमति मांगी थी. इससे पहले श्रीलंका ने पिछली बार अक्टूबर 2014 में एक चीनी पनडुब्बी को कोलंबो में खड़ा करने की इजाजत दी थी, जिसके बाद चीनी पनडुब्बी को खड़ा करने की इजाजत को लेकर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था.
श्रीलंका सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीन ने इस महीने कोलंबो में अपनी एक पनडुब्बी को खड़ा करने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा कि भारत की चिंताओं को देखते हुए, किसी भी समय पनडुब्बी को खड़ा करने के चीन के अनुरोध को स्वीकार करना श्रीलंका के लिए "संभव" नहीं है. अधिकारी ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अपना नाम न लिखने को कहा. रक्षा मंत्रालय के दूसरे अधिकारी ने भी यह कहा कि चीन की इस महीने की मांग को खारिज कर दिया गया था, लेकिन डॉकिंग के अगले निर्णय को भी फिलहाल टाल दिया गया है.
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