पीएम मोदी (PM Modi) ने फ्रांस के शहर बिआरित्ज में G7 Summit के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. इस दौरान पीएम ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों ही देश साथ मिलकर लोगों की भलाई के लिए क्या काम कर सकते हैं, इस पर चर्चा करते रहते हैं. मानव के लिए, प्रगति के लिए किस तरह से काम कर सकते हैं. इस पर अक्सर चर्चा होती रहती है. भारत और अमेरिका की कई क्षेत्रों में आगे बढ़ने की दिशा में काम करने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिका ने भारतीय समुदाय को जिस तरह से आदर और सम्मान दिया है, उसके लिए मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रशासन का बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं.
#WATCH France: US President Donald Trump jokes with Prime Minister Narendra Modi during the bilateral meeting on the sidelines of #G7Summit. Trump says, "He (PM Modi) actually speaks very good English, he just doesn't want to talk" pic.twitter.com/ee66jWb1GQ
— ANI (@ANI) August 26, 2019
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को गरीबी, अशिक्षा और बीमारी के खिलाफ लड़ना है, हम दोनों देश लोगों की भलाई के लिए काम करें, मैंने ये संदेश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को दिया है. भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत को लेकर मेरी अमेरिकी राष्ट्रपति से चर्चा होती रहती है.
G-7 सम्मेलन के इतर पीएम मोदी ने ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन से की मुलाकात
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के सारे विषय द्विपक्षीय हैं और इसीलिए हम अपने विषयों के लिए किसी भी देश को कष्ट नहीं देते हैं. हम मिलजुलकर समस्याओं का समाधान कर सकते हैं. 1947 से पहले हम एक ही देश थे. बातचीत के दौरान पीएम मोदी और ट्रंप का दोस्ताना अंदाज देखने को मिला. एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि हम दोनों को बात करने दीजिए, जब जरूरत पड़ेगी तो आप तक जानकारी जरूर देंगे. ट्रंप ने अपने प्रशासन की उपलब्धियों में पीएम मोदी को गिनाया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की अगुवाई में हम भारत के साथ बड़ी मात्रा में व्यापार कर रहे हैं.
Just wrapped up a great meeting with my friend Prime Minister @NarendraModi of India at the #G7Summit in Biarritz, France! pic.twitter.com/q0NOnEcjFO
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) August 26, 2019
आपको बता दें कि पीएम मोदी और ट्रंप की बैठक ऐसे समय हुई है, जब पांच अगस्त को भारत ने जम्मू कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा वापस ले उसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित कर दिया था. संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को भारत द्वारा रद्द किये जाने के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था क्योंकि पाकिस्तान ने इस कदम को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी. भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से बता दिया था कि यह भारत का अंदरुनी मामला है और पाकिस्तान को भी सलाह दी थी कि वह इस हकीकत को स्वीकार कर ले.
क्या है जी-7 ग्रुप:
आपको बता दें कि जी-7 सात देशों का समूह है, जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमरीका शामिल हैं. इसे ग्रुप ऑफ़ सेवन भी कहते हैं. यह समूह खुद को मूल्यों का आदर करने वाला समुदाय मानता है. स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की सुरक्षा, लोकतंत्र और क़ानून का शासन और समृद्धि और सतत विकास इस समूह के प्रमुख सिद्धांत हैं. शुरुआत में यह छह देशों का समूह था, जिसकी पहली बैठक 1975 में हुई थी, लेकिन बाद में कनाडा के शामिल होने के बाद यह जी-7 बन गया.
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