प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोरोना का टीका (Coronavirus Vaccine) लाभार्थियों से संवाद किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 का टीका आज दुनिया की सबसे बड़ी जरूरत है और भारत इस मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर है. उन्होंने बताया कि पहले चरण में काशी में 15 वैक्सीनेशन केंद्रों पर 20,000 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी. मैं सभी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को बधाई देता हूं.
उन्होंने कहा कि काशी के बारे में कहते हैं कि यहां शुभता सिद्धि में बदल जाती है. इसी सिद्धि का परिणाम है कि आज विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान हमारे देश में चल रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई हेल्थ वर्कर्स से बात की और टीकाकरण के इस महाअभियान को लेकर उनसे उनका अनुभव पूछा. जब एक हेल्थ प्रोफेशनल ने वैक्सीन के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया तो प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इसके हकदार नहीं हैं, इसके हकदार वे लोग हैं, क्योंकि वे मरीजों की सेवा में लगे रहे और देश के वैज्ञानिक इसके हकदार हैं, जिन्होंने वैक्सीन बनाई.
प्रधानमंत्री मोदी ने वैक्सीन लाभार्थियों से बात करते हुए कहा कि किसी भी वैक्सीन को बनाने के पीछे हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत होती है, इसमें वैज्ञानिक प्रक्रिया होती है. वैक्सीन के बारे में निर्णय करना राजनीतिक नहीं होता, हमने तय किया था कि जैसा वैज्ञानिक कहेंगे, वैसे ही हम करेंगे.
बता दें कि देश में 16 जनवरी से कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है. देश में 21 जनवरी तक कुल 10,43,534 टीके लगाए गए हैं. गुरुवार यानी 21 जनवरी को 2,37,050 टीके लगे. अब तक एक दिन में सबसे ज़्यादा टीके 21 जनवरी को लगे हैं. 6 दिनों में रोज़ाना औसतन 1.74 लाख टीके लगाए जा रहे हैं.
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