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This Article is From Apr 24, 2023

कोच्चि में पादरियों से मुलाकात करेंगे PM मोदी, केरल का किला भेदने में जुटी BJP

पीएम मोदी रोड शो के बाद कोच्चि में 'युवा कार्यक्रम-युवम 2023' में शामिल हुए और जोरदार भाषण दिया. बीजेपी को उम्मीद है कि ये कार्यक्रम केरल की राजनीति में बड़ा बदलाव लाने वाला साबित होगा.

केरल की पारंपरिक पोशाक कसावु मुंडु पहने पीएम मोदी रोड शो के दौरान काफी देर पैदल चले.

कोच्चि:

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए रणनीति पर काम कर रही बीजेपी का फोकस दक्षिण राज्यों पर है. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी केरल में दो दिवसीय दौरे पर हैं. सोमवार को पीएम ने कोच्चि में रोड शो किया. इसके बाद वह चर्च के आठ संप्रदायों के पादरियों से मुलाकात करेंगे. बीते दिनों बीजेपी के नेताओं ने ईस्टर पर ईसाई पादरियों और नेताओं से मुलाकात की थी. 

पीएम मोदी सोमवार शाम पांच बजे के बाद नौसेना वायु स्टेशन पर उतरे और शाम पांच बजकर करीब 40 मिनट पर वहां से अपना रोड शो शुरू किया. केरल की पारंपरिक पोशाक कसावु मुंडु पहने मोदी ने शुरू में कुछ दूर पैदल चले और सड़क के दोनों ओर खड़े लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया. रोड शो के दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे. हजारों की संख्या में पुलिस बल मोदी की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए थे.

पीएम मोदी रोड शो के बाद कोच्चि में 'युवा कार्यक्रम-युवम 2023' में शामिल हुए और जोरदार भाषण दिया. बीजेपी को उम्मीद है कि ये कार्यक्रम केरल की राजनीति में बड़ा बदलाव लाने वाला साबित होगा.

प्रधानमंत्री मोदी की तीन सप्ताह से भी कम समय में ईसाई समुदाय के नेताओं के साथ यह दूसरी बातचीत है. पिछली बार पीएम ने ईस्टर पर ईसाई समुदाय के लोगों से बात की थी. ईस्टर के मौके पर पीएम मोदी ने दिल्ली के सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल चर्च का दौरा किया था. उन्होंने समुदाय के साथ बातचीत की और एक पौधा भी लगाया. बीजेपी की पिछली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पीएम मोदी ने हाशिए पर पड़े तबकों और अल्पसंख्यकों तक पहुंचने पर जोर दिया था.


सूत्रों ने संकेत दिया है कि केरल में बीजेपी की पहुंच खुद को एक अधिक समावेशी पार्टी के रूप में प्रदर्शित करने के अपने राष्ट्रव्यापी प्रयासों का हिस्सा है. पार्टी ने पहले ही पूर्वोत्तर में बड़ा दांव खेला है, जहां आबादी का एक बड़ा हिस्सा ईसाई समुदाय का है. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि ईसाई समुदाय को साधने की कोशिश पार्टी प्रमुख के रूप में अमित शाह के कार्यकाल के दौरान शुरू हुई थी.

सबरीमाला मुद्दे पर अपने जोरदार आंदोलन के बावजूद पिछले विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद केरल में भारतीय जनता पार्टी ने ईस्टर और ईद के दौरान ईसाइयों और मुसलमानों तक पहुंचने की बड़ी योजना बनाई थी.

ईस्टर पर बीजेपी नेताओं ने केरल में ईसाई घरों का दौरा किया था. बीजेपी के नेताओं ने समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ नाश्ता भी किया था. कांग्रेस ने इसे वोट बैंक की राजनीति करार दिया था. केरल में ईसाइयों और मुसलमानों की आबादी 46 प्रतिशत है. वामपंथी और कांग्रेस की राजनीति के प्रभुत्व वाले राज्य में दरार डालने के लिए बीजेपी का ईसाई समुदायों का समर्थन हासिल करना महत्वपूर्ण है.

सूत्रों ने संकेत दिया है कि सत्तारूढ़ वाम मोर्चा के साथ ईसाई समुदाय के कथित मोहभंग पर काम करते हुए बीजेपी के लिए इस दिशा में आगे बढ़ने का सही समय हो सकता है. कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंथनी के बेटे अनिल एंथनी द्वारा हाल ही में खेमे में बदलाव को ईसाई समाज के मिजाज में बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.

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