कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी में नागरिकों के मारे जाने की घटना पर पड़ोसी देश को कड़ा संदेश देने के बजाय चुप्पी साधे रखी।
आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘कल एक बड़ा हमला हुआ था और पाकिस्तान को संदेश दिया जाना चाहिए था लेकिन मुझे दुख है कि प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर मौन साधे रखा।’ उन्होंने कहा, ‘पहली बार 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ने विदेश नीतियों के बारे में बात की। विदेश नीतियों के बारे में बोलते समय प्रधानमंत्री को लाल किले की प्राचीर से पाकिस्तान के कृत्यों की निंदा करनी चाहिए थी।’ मोदी को आड़े हाथ लेते हुए आजाद ने कहा कि भाजपा के निर्वाचन मंडल के अध्यक्ष के तौर पर मोदी पाकिस्तान को 56 इंच का सीना दिखा रहे थे लेकिन अब देश को छह इंच का सीना भी दिखाने में विफल रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुंछ में एलओसी पर गोलीबारी और गोलेबारी में पांच लोगों की मौत के मामले में प्रधानमंत्री लाल किले से पाकिस्तान को जवाब नहीं दे सके।’ आजाद ने कहा, ‘उन्हें किसी समय तो अपनी चुप्पी तोड़नी होगी। मैं अब उनके मौन पर दुखी महसूस कर रहा हूं।’
जब आजाद से पूछा गया कि क्या बातचीत और आतंकवाद साथ साथ चल सकते हैं तो उन्होंने कहा, ‘यह सरकार पर निर्भर करता है। जब हम सत्ता में रहते हुए पाकिस्तान के साथ वार्ता करना चाहते थे तो विपक्ष में रहते हुए भाजपा मजाक उड़ाती थी और हमारी आलोचना करते हुए कहती थी कि आतंकवाद के साथ बातचीत नहीं चल सकती।’
आजाद ने कहा, ‘अब जब आतंकवादी घटनाएं कई गुना बढ़ गयी हैं तो मोदी की अगुवाई वाली सरकार दो कदम आगे बढ़ाती है तो चार कदम पीछे चल देती है। मेरा मानना है कि पाकिस्तान को लेकर उनकी कोई स्पष्ट नीति नहीं है।’ उन्होंने दावा किया, ‘मैं इस बारे में और कुछ नहीं कहना चाहता और वार्ता पर राजनीति नहीं करना चाहता। आज मैं भारत तथा जम्मू कश्मीर की जनता के प्रति पाकिस्तान के बर्ताव पर बोलना चाहता हूं। इन कृत्यों से जम्मू कश्मीर की जनता पाकिस्तान से नफरत करना शुरू कर देगी।’
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद क्या सुरक्षा परिदृश्य बिगड़ गया है, इस बारे में पूछे जाने पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद ने कहा, ‘कोई इस बात से इनकार नहीं कर रहा। मैं सदन में यह बात पहले ही उठा चुका हूं। केंद्र में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से सीमा पर घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है।’
उन्होंने कहा, ‘जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम की घटनाएं बहुत बढ़ गयी हैं। कई गुना इजाफा हुआ है। हमने पहले ऐसा कभी नहीं देखा।’ स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शनिवार को पाकिस्तान की ओर से भारत की अनेक चौकियों और असैन्य क्षेत्रों में की गयी गोलीबारी तथा गोलाबारी में एक सरपंच समेत पांच नागरिकों की मौत हो गयी और पांच अन्य घायल हो गये।
आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘कल एक बड़ा हमला हुआ था और पाकिस्तान को संदेश दिया जाना चाहिए था लेकिन मुझे दुख है कि प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर मौन साधे रखा।’ उन्होंने कहा, ‘पहली बार 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ने विदेश नीतियों के बारे में बात की। विदेश नीतियों के बारे में बोलते समय प्रधानमंत्री को लाल किले की प्राचीर से पाकिस्तान के कृत्यों की निंदा करनी चाहिए थी।’ मोदी को आड़े हाथ लेते हुए आजाद ने कहा कि भाजपा के निर्वाचन मंडल के अध्यक्ष के तौर पर मोदी पाकिस्तान को 56 इंच का सीना दिखा रहे थे लेकिन अब देश को छह इंच का सीना भी दिखाने में विफल रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुंछ में एलओसी पर गोलीबारी और गोलेबारी में पांच लोगों की मौत के मामले में प्रधानमंत्री लाल किले से पाकिस्तान को जवाब नहीं दे सके।’ आजाद ने कहा, ‘उन्हें किसी समय तो अपनी चुप्पी तोड़नी होगी। मैं अब उनके मौन पर दुखी महसूस कर रहा हूं।’
जब आजाद से पूछा गया कि क्या बातचीत और आतंकवाद साथ साथ चल सकते हैं तो उन्होंने कहा, ‘यह सरकार पर निर्भर करता है। जब हम सत्ता में रहते हुए पाकिस्तान के साथ वार्ता करना चाहते थे तो विपक्ष में रहते हुए भाजपा मजाक उड़ाती थी और हमारी आलोचना करते हुए कहती थी कि आतंकवाद के साथ बातचीत नहीं चल सकती।’
आजाद ने कहा, ‘अब जब आतंकवादी घटनाएं कई गुना बढ़ गयी हैं तो मोदी की अगुवाई वाली सरकार दो कदम आगे बढ़ाती है तो चार कदम पीछे चल देती है। मेरा मानना है कि पाकिस्तान को लेकर उनकी कोई स्पष्ट नीति नहीं है।’ उन्होंने दावा किया, ‘मैं इस बारे में और कुछ नहीं कहना चाहता और वार्ता पर राजनीति नहीं करना चाहता। आज मैं भारत तथा जम्मू कश्मीर की जनता के प्रति पाकिस्तान के बर्ताव पर बोलना चाहता हूं। इन कृत्यों से जम्मू कश्मीर की जनता पाकिस्तान से नफरत करना शुरू कर देगी।’
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद क्या सुरक्षा परिदृश्य बिगड़ गया है, इस बारे में पूछे जाने पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद ने कहा, ‘कोई इस बात से इनकार नहीं कर रहा। मैं सदन में यह बात पहले ही उठा चुका हूं। केंद्र में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से सीमा पर घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है।’
उन्होंने कहा, ‘जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम की घटनाएं बहुत बढ़ गयी हैं। कई गुना इजाफा हुआ है। हमने पहले ऐसा कभी नहीं देखा।’ स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शनिवार को पाकिस्तान की ओर से भारत की अनेक चौकियों और असैन्य क्षेत्रों में की गयी गोलीबारी तथा गोलाबारी में एक सरपंच समेत पांच नागरिकों की मौत हो गयी और पांच अन्य घायल हो गये।
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