कोझिकोड:
पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा गरीबी के खिलाफ जंग के लिए शनिवार को नए नारे की घोषणा किए जाने की संभावना है. यह कांग्रेस के जमाने में इंदिरा गांधी के प्रसिद्ध ''गरीबी हटाओ'' की जगह पर पेश किया जाएगा. वह केरल के इस शहर में वह बीजेपी के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे जहां रविवार को आयोजित होने जा रही पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शीर्ष नेता शिरकत करेंगे.
दरअसल उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी के शीर्ष नेताओं का मानना है कि पार्टी को गरीबी के खिलाफ जंग की अगुआई करते दिखने चाहिए. 1970 के दशक में कांग्रेस शासन के दौर में इंदिरा गांधी के ''गरीबी हटाओ'' नारे के साथ ही काफी वर्षों तक कांग्रेस इस मुहिम की अगुआई करती रही. अब बीजेपी का मानना है कि कांग्रेस उस पोजीशन से हट गई है और उस स्थान की भरपाई अब पीएम मोदी करना चाहते हैं.
उल्लेखनीय है कि इस साल की शुरुआत में ही बीजेपी ने रणनीतिक बदलाव करते हुए गरीबी हटाने के मकसद वाली कई प्रमुख योजनाओं की घोषणा की. इसे कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के बीजेपी पर गरीब विरोधी, कारपोरेट समर्थक होने के आरोपों के जवाब के रूप में देखा गया.
नया गरीबी विरोधी अभियान दीन दयाल उपाध्याय के नाम के इर्द-गिर्द रखा जाएगा जोकि जनसंघ के प्रमुख रहे और इसी से बीजेपी अस्तित्व में आई. गौरतलब है कि इस साल बीजेपी उनकी जन्मशती मना रही है और गरीबों के लिए कई योजनाएं उनके नाम पर शुरू की गई हैं.
कभी कालीकट के नाम से पहचाने जाने वाले कोझिकोड का इस राष्ट्रीय परिषद की बैठक के लिए चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि दिसंबर 1967 में यहीं पर दीन दयाल उपाध्याय, जनसंघ के अध्यक्ष बने थे. इस चुनाव के 41 दिन बाद ही उनका निधन हो गया था.
यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इस साल केरल विधानसभा चुनाव में बीजेपी का पहली बार खाता खुला है. पहली बार पार्टी ने यहां पर एक सीट ऐसे समय में जीती है जब पार्टी ऐसी जगहों पर अपना सियासी विस्तार करने का प्रयास कर रही है जहां पर उसका आधार परंपरागत रूप से कमजोर रहा है.
राष्ट्रीय परिषद की बैठक के लिए बीजेपी ने कोझिकोड शहर के बीचोंबीच बड़े-बड़े हॉलों, लाउंज के साथ एक एसी टाउनशिप बनाई है और इसे दीन दयाल उपाध्याय नगरी नाम दिया है. कोझिकोड की सड़कें बीजेपी नेताओं के बड़े-बड़े कटआउट से अटी पड़ी हैं. पार्टी के केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और शीर्ष नेता इस आयोजन में हिस्सा लेंगे. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गुरुवार को यहां पहुंचे और उनका केरल के परंपरागत अंदाज में स्वागत किया गया.
दरअसल उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी के शीर्ष नेताओं का मानना है कि पार्टी को गरीबी के खिलाफ जंग की अगुआई करते दिखने चाहिए. 1970 के दशक में कांग्रेस शासन के दौर में इंदिरा गांधी के ''गरीबी हटाओ'' नारे के साथ ही काफी वर्षों तक कांग्रेस इस मुहिम की अगुआई करती रही. अब बीजेपी का मानना है कि कांग्रेस उस पोजीशन से हट गई है और उस स्थान की भरपाई अब पीएम मोदी करना चाहते हैं.
उल्लेखनीय है कि इस साल की शुरुआत में ही बीजेपी ने रणनीतिक बदलाव करते हुए गरीबी हटाने के मकसद वाली कई प्रमुख योजनाओं की घोषणा की. इसे कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के बीजेपी पर गरीब विरोधी, कारपोरेट समर्थक होने के आरोपों के जवाब के रूप में देखा गया.
नया गरीबी विरोधी अभियान दीन दयाल उपाध्याय के नाम के इर्द-गिर्द रखा जाएगा जोकि जनसंघ के प्रमुख रहे और इसी से बीजेपी अस्तित्व में आई. गौरतलब है कि इस साल बीजेपी उनकी जन्मशती मना रही है और गरीबों के लिए कई योजनाएं उनके नाम पर शुरू की गई हैं.
कभी कालीकट के नाम से पहचाने जाने वाले कोझिकोड का इस राष्ट्रीय परिषद की बैठक के लिए चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि दिसंबर 1967 में यहीं पर दीन दयाल उपाध्याय, जनसंघ के अध्यक्ष बने थे. इस चुनाव के 41 दिन बाद ही उनका निधन हो गया था.
यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इस साल केरल विधानसभा चुनाव में बीजेपी का पहली बार खाता खुला है. पहली बार पार्टी ने यहां पर एक सीट ऐसे समय में जीती है जब पार्टी ऐसी जगहों पर अपना सियासी विस्तार करने का प्रयास कर रही है जहां पर उसका आधार परंपरागत रूप से कमजोर रहा है.
राष्ट्रीय परिषद की बैठक के लिए बीजेपी ने कोझिकोड शहर के बीचोंबीच बड़े-बड़े हॉलों, लाउंज के साथ एक एसी टाउनशिप बनाई है और इसे दीन दयाल उपाध्याय नगरी नाम दिया है. कोझिकोड की सड़कें बीजेपी नेताओं के बड़े-बड़े कटआउट से अटी पड़ी हैं. पार्टी के केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और शीर्ष नेता इस आयोजन में हिस्सा लेंगे. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गुरुवार को यहां पहुंचे और उनका केरल के परंपरागत अंदाज में स्वागत किया गया.
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