पाकिस्तान की और से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक का निमंत्रण मिला है. सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी इस बार शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद नहीं जाएंगे, हो सकता है उनकी जगह किसी वरिष्ठ मंत्री को मनोनीत किया जाए. बता दें कि इस साल एससीओ की बैठक इस्लामाबाद में 15-16 अक्टूबर को होनी है. सूत्रों के मुताबिक एससीओ के तहत सभी सदस्य देशों के प्रमुखों को आमंत्रित किया जाता है. जब भारत एससीओ का प्रमुख था तब उसने भी सभी सदस्य देशों के प्रमुखों को निमंत्रण दिया था. यह रूटीन निमंत्रण है.
क्या है शंघाई सहयोग संगठन
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक आठ सदस्यीय बहुपक्षीय संगठन है, जिसकी स्थापना 15 जून 2001 को शंघाई, चीन में हुई थी. इसके सदस्य चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, भारत, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान हैं. दरअसल SCO संगठन की स्थापना रूस, चीन, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने मिलकर की थी. भारत और पाकिस्तान को इस संगठन की पूर्ण सदस्यता 2017 में मिली थी.
SCO की मेजबानी बारी-बारी से इसके सदस्य देशों द्वारा की जाती है और इस बार बैठक की मेजबानी पाकिस्तान कर रहा है.
पाकिस्तान से पहले कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में एससीओ शिखर सम्मेलन हुआ था. उस दौरान भारत का प्रतिनिधित्व विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने किया था.
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