प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को आंध्र प्रदेश व केरल का दो दिवसीय दौरा करेंगे और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में ‘न्यू ड्राई डॉक' और ‘इंटरनेशनल शिप रिपेयर फैसिलिटी (आईएसआरएफ)' सहित कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी. प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान में बताया कि मोदी मंगलवार को आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के पलासमुद्रम में राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर एवं स्वापक अकादमी (एनएसीआईएन)के नए परिसर का उद्घाटन करेंगे.
बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के 74वें और 75वें बैच के अधिकारी प्रशिक्षुओं के साथ-साथ भूटान की रॉयल सिविल सेवा के अधिकारी प्रशिक्षुओं के साथ भी बातचीत करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को केरल के गुरुवयूर और त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर में पूजा करेंगे, जिसके बाद वह बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे.
बयान के मुताबिक, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग क्षेत्र को बदलने के कदम के रूप में प्रधानमंत्री कोच्चि में चार हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिसमें ‘न्यू ड्राई डॉक', ‘इंटरनेशनल शिप रिपेयर फैसिलिटी (आईएसआरएफ)' और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसीएल) के एलपीजी आयात टर्मिनल का उद्घाटन भी शामिल है. कार्यालय ने बताया कि कोच्चि शिपयार्ड लिमिटेड के मौजूदा परिसर में लगभग 1,800 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित न्यू ड्राई डॉक, नए भारत की इंजीनियरिंग कौशल को दर्शाने वाली एक प्रमुख परियोजना है.
लगभग 970 करोड़ रुपये की लागत से बनी इंटरनेशनल शिप रिपेयर फैसिलिटी (आईएसआरएफ) परियोजना अपने आप में एक अनूठी परियोजना है. इसमें 6000 टन की क्षमता वाले एक जहाज को उठाने की क्षमता के साथ-साथ उसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की तकनीक, छह कार्यशाला और लगभग 1,400 मीटर की बर्थ है, जो एक साथ 130 मीटर लंबाई के सात जहाजों को समायोजित कर सकती है.
बयान के मुताबिक, आईएसआरएफ, सीएसएल की मौजूदा जहाज मरम्मत क्षमताओं का आधुनिकीकरण व विस्तार करेगा और कोच्चि को वैश्विक जहाज मरम्मत केंद्र के रूप में बदलने की दिशा में एक कदम होगा. कोच्चि के पुथुवाइपीन में इंडियन ऑयल का एलपीजी आयात टर्मिनल, लगभग 1,236 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. यह परियोजना सभी के लिए सुलभ और सस्ती ऊर्जा सुनिश्चित करने की दिशा में भारत के प्रयासों को और मजबूत करेगी.
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, इन तीनों परियोजनाओं के शुरू होने से देश की जहाज निर्माण और मरम्मत क्षमताओं के साथ-साथ सहायक उद्योगों सहित ऊर्जा बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा मिलेगा. बयान के मुताबिक, ये परियोजनाएं एक्जिम (निर्यात-आयात) व्यापार को बढ़ावा देंगी, 'लॉजिस्टिक्स' लागत कम करेंगी, आर्थिक विकास को गति देंगी, आत्मनिर्भरता का निर्माण करेंगी और कई घरेलू व अंतरराष्ट्रीय व्यापार के अवसरों का सृजन करेंगी.
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