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This Article is From Jan 14, 2024

गांधी और देवड़ा परिवार में था मजबूत रिश्ता, मिलिंद देवड़ा के इस्तीफे से कांग्रेस पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

जयराम रमेश ने मिलिंद देवड़ा के इस्तीफे के बाद कहा कि मैं मुरली देवरा के साथ अपने लंबे वर्षों के जुड़ाव को बड़े ही सुखद तरीके से याद करता हूं. सभी राजनीतिक दलों में उनके करीबी दोस्त थे, लेकिन वह एक धुर कांग्रेसी थे,

गांधी और देवड़ा परिवार में था मजबूत रिश्ता,  मिलिंद देवड़ा के इस्तीफे से कांग्रेस पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
जब भी सोनिया गांधी मुंबई आती थीं, मुरली देवड़ा क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया में लंच का आयोजन करते थे.
नई दिल्ली:

मिलिंद देवड़ा ने आज कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे के बाद कांग्रेस की और से बयान भी आया. जिसमें पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने मिलिंद देवड़ा के पिता मुरली देवरा को याद किया. दिवंगत मुरली देवड़ा ने दक्षिण मुंबई को कांग्रेस के गढ़ के रूप में मजबूत किया था. उन्होंने पार्टी लाइनों से परे जाकर बड़े व्यवसायी से दोस्ती की. उनकी ये दोस्ती कांग्रेस के लिए काम आई. मुरली देवड़ा ने एक 'किंगमेकर' का उपनाम अर्जित किया था. आज, उनकी मृत्यु के 10 साल बाद, उनके 47 वर्षीय बेटे मिलिंद ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. जिसके साथ ही उनके परिवार का पार्टी के साथ 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है.

देवड़ा  परिवार के गांधी परिवार के साथ संबंध कैसे थे और मिलिंद के इस्तीफे का मुंबई दक्षिण लोकसभा क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ेगा , जो कभी कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी, आइए जानते हैं...

गांधी परिवार से देवड़ा के रिश्ते

मुरली देवड़ा  22 साल तक मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रहे थे. मुरली देवड़ा चार बार लोकसभा सांसद और तीन बार राज्यसभा सांसद भी रहे. वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में लगातार दो सरकारों में पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले एकमात्र पेट्रोलियम मंत्री थे.

कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी विश्वासपात्र थे. 1970 के दशक में, जब कांग्रेस को राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर असफलताओं का सामना करना पड़ा, तब देवड़ा एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उभरे थे.

मुरली देवड़ा बॉम्बे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर  दो दशकों से अधिक समय तक रहे थे. बिड़ला और धीरूभाई अंबानी जैसे औद्योगिक दिग्गजों के साथ उनके संबंधों ने पार्टी की वित्तीय मशीनरी को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

जब भी सोनिया गांधी मुंबई आती थीं, मुरली देवड़ा क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया में लंच का आयोजन करते थे. एक ऐसा कार्यक्रम जिसमें पत्रकार और प्रमुख हस्तियां समान रूप से शामिल होते थे.

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने मिलिंद देवड़ा के इस्तीफे के बाद कहा कि 'मैं मुरली देवरा के साथ अपने लंबे वर्षों के जुड़ाव को बड़े ही सुखद तरीके से याद करता हूं. सभी राजनीतिक दलों में उनके करीबी दोस्त थे, लेकिन वह एक धुर कांग्रेसी थे, जो हर मुश्किल परिस्थिति में हमेशा कांग्रेस पार्टी के साथ खड़े रहे। तथास्तु!'

मिलिंद देवड़ा के जाने से कांग्रेस पर क्या पड़ेगा असर

पूरा मामला 'दक्षिण मुंबई सीट' के इर्दगिर्द घूमता नजर आ रहा है. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस I.N.D.I.A. गठबंधन का हिस्सा है और उद्धव सेना दक्षिण मुंबई सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में अगर दक्षिण मुंबई सीट पर कांग्रेस हथियार डाल देती तो मिलिंद देवड़ा को किसी अन्‍य सीट की तलाश करनी होती. 

महाराष्‍ट्र की सियासत में मिलिंद देवड़ा के इस्‍तीफे का बड़ा प्रभाव देखने को मिल सकता है. बता दें कि मिलिंद अपने समर्थकों के साथ एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल होने जा रहे हैं. मिलिंद आज भी एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर सकते हैं. 

दक्षिण मुंबई से फिलहाल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अरविंद सावंत सांसद हैं.

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