नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत करते हुए तमाम मुद्दों पर खुलकर बात की. पीएम मोदी ने केंद्रीय एजेंसियों (Central Agencies) की कार्रवाई से लेकर इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर विपक्षी दलों पर निशाना साधा. प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पार्टी की घोषणापत्र को भी युवाओं की उम्मीदों को तोड़ने वाला बताया.
- पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर चुनावी बॉन्ड यानी इलेक्टोरल बॉन्ड्स स्कीम को लेकर 'झूठ फैलाने' का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "इलेक्टोरल बॉन्ड के कारण आपको मनी ट्रेल का पता चल रहा है. किस कंपनी ने पैसा दिया? उन्होंने पैसे किसे दिया? पैसा कहां दिया? इन सवालों के जवाब मिल पा रहे हैं. इसलिए मैं कहता हूं कि जब विपक्षी दल ईमानदारी से सोचेंगे, तो हर किसी को पछतावा होगा. जो लोग डेटा पब्लिक होने को लेकर हल्ला मचा रहे हैं, उन्हें बाद में अफसोस होगा. उन्होंने देश को काले धन की तरफ धकेला है."
- PM नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब हमारा जन्म भी नहीं हुआ था, जब हमारी पार्टी का जन्म भी नहीं हुआ था. उसी समय यह मामला कोर्ट में निपटाया जा सकता था... समस्या का समाधान हो सकता था. जब भारत का बंटवारा हुआ था, उसी वक्त, विभाजन के समय, वे ऐसा करने का निर्णय ले सकते थे. ऐसा नहीं किया गया, क्योंकि यह उनके हाथ में एक हथियार की तरह था, वोटबैंक की राजनीति के हथियार की तरह."
- PM नरेंद्र मोदी ने इंटरव्यू में आगे कहा, "अब अगर मैं पूर्वोत्तर भारत जाता हूं. अगर वहां लोग मुझे अपने कपड़े पहनने के लिए कहते हैं, तो मैं उन्हें पहन लेता हूं. इसका भी मज़ाक उड़ाया जा रहा है... अगर मैं तमिलनाडु जाता हूं, और लुंगी पहन लेता हूं, तो आपको लगता है - देखो, वह ऐसा कर रहा है, वह वैसा कर रहा है.मुझे हैरानी है, उनके भीतर इतनी नफ़रत है."
- PM मोदी ने कहा कि वर्तमान लोकसभा चुनाव में मतदाता के सामने विकल्प असफल कांग्रेस मॉडल और बीजेपी मॉडल के बीच है. मोदी ने कहा, "अगर हम 2024 के चुनावों को देखें, तो देश के सामने एक अवसर है. चुनाव कांग्रेस सरकार और BJP सरकार के मॉडल का है. कांग्रेस ने 5-6 दशकों तक काम किया है. मैंने सिर्फ 10 साल ही काम किए हैं. इनकी तुलना करें... चाहे किसी भी क्षेत्र में कुछ कमियां हों, हमारे प्रयासों में कोई कमी नहीं होगी.''
- पीएम मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र की आलोचना करते हुए कहा कि ये अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर देगा. इस तरह का घोषणापत्र अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से खराब कर देता है. विपक्ष का घोषणापत्र, देश के पहली बार मतदान करने वाले मतदाता की आकांक्षाओं को नष्ट कर देगा. अगर आप पूरा विश्लेषण करेंगे तो सबसे बड़ा नुकसान 25 साल से कम उम्र के लोगों के लिए है.